पंंचायत चुनाव:राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- जनसुनवाई पर रोक नहीं है, लोगों की समस्याएं सुनें कलेक्टर-एसपी

पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तीन महीने तक चलेगी, इस दौरान जिलों में कलेक्टर और एसपी लोगों की समस्याओं को सुनें और उनका निराकरण भी करें। जनसुनवाई जारी रखें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ऐसा कोई लाभ न दें जिससे वोटर प्रभावित हो और आचार संहिता का उल्लंघन हो।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने शुक्रवार को पंचायत चुनावों की तैयारियों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलों के कलेक्टर और एसपी से चर्चा की। शिवपुरी कलेक्टर अक्षय सिंह का कहना था कि डेम का काम कराया जाना है, आचार संहिता की वजह से तीन महीने तक काम रुका रहेगा। चुनाव के बाद काम कराए जाने में देरी हो जाएगी।

इस पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पहले डेम का जो काम किया जाना आवश्यक है, उसकी जानकारी आयोग को भेजें, उसके बाद विभाग से परीक्षण कराया जाएगा और जरूरी होगा तो बिल्कुल अनुमति दी जाएगी। जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर सिंह और राजगढ़ कलेक्टर ने भी मार्गदर्शन मांगा, जिस पर सिंह ने कहा कि पहले प्रस्ताव भेजें उसके बाद गुण दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

छतरपुर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि जिले में राजस्व अधिकारियों के तीन साल से ज्यादा हो गए हैं, उनके ट्रांसफर के बारे में क्या किया जाए। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इस बारे में राजस्व विभाग को पत्र लिखा जा चुका है, उनसे जानकारी ली जाएगी। इसके बाद भी आयोग स्पष्ट कर चुका है कि ऐसे राजस्व अधिकारियों के जिले के भीतर कलेक्टर ट्रांसफर कर सकते हैं।

मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह ने पंचायत सचिवों के ट्रांसफर के संबंध में सवाल पूछा। इस बारे में आयोग ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा जा चुका है। इसके साथ ही जिले में पंचायत सचिवों के ट्रांसफर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को करना है। इसलिए आयोग के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाए।

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