इलाहाबाद हाईकोर्ट की 5 बड़ी खबरें …. सरकार से पूछा- NHAI ने जब पैसा दे दिया तो किसानों को जमीन का मुआवजा क्यों नहीं मिला
भूमि अधिग्रहण के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल सैकड़ों किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अवार्ड की घोषणा के बाद मुआवजा राशि अधिकारी के यहां जमा करा दी गई। इसके बाद भी किसानों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया।
चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की पीठ ने यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने सरकार से इस बारे में सभी जिलों के अधिकारियों से जानकारी लेकर 17 दिसंबर को बताने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने इससे पहले NHAI से एक हलफनामा मांगा था कि वह बताए कि भूमि अधिग्रहण कर लेने के बाद भी किसानों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया। इस पर NHAI ने बताया था कि सभी मामलों में मुआवजा राशि सक्षम अधिकारी के यहां जमा कर दी गई है। जिसमें अवार्ड पारित है।
पैसा जमा हो जाने पर मुआवजा राशि देने की जिम्मेदारी सरकार और उसके अधिकारियों की है। राज्य के अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कोर्ट को बताया कि अभी किसानों को दिए गए मुआवजे की राशि की डिटेल नहीं आ पाई है। इस पर कोर्ट ने किन-किन किसानों को राशि आवंटित की गई है, इसका विवरण पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट इस मामले में कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है।
# NCR लंबित रहते पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार करना गलत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पासपोर्ट एक्ट की धारा 6 के तहत जिन आधारों पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार किया जा सकता है, वही आधार नवीनीकरण में भी लागू होंगे। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आपराधिक केस में NCR (नॉन कॉग्निजेबल रिपोर्ट) दाखिल की गई है। जिस पर किसी कोर्ट ने केस चलाने का आदेश नहीं दिया है। ऐसे में याची के पासपोर्ट का नवीनीकरण करने से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को 3 महीने में पासपोर्ट के नवीनीकरण अर्जी पर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने शब्बीर अहमद की याचिका पर दिया है।
याची का बेटा वसीम अहमद दुबई में रहता है। उसे जारी पासपोर्ट 17 फरवरी, 2019 तक वैध था। पासपोर्ट नवीनीकरण की अर्जी दी गई। महाराजगंज, थाना पुरन्दरपुर में याची के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज केस में NCR लंबित होने के कारण नवीनीकरण नहीं किया गया।
याची का कहना था कि केवल NCR के आधार पर पासपोर्ट नवीनीकरण न करना मनमाना पूर्ण और अवैधानिक है। कोर्ट ने कहा कि नोटिस लेने के बावजूद केंद्र सरकार के अधिवक्ता मौजूद नहीं हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट केस की सुनवाई स्थगित नहीं कर सकती। कोर्ट ने मेनका गांधी केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर नवीनीकरण पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
# अवैध भट्ठों के संचालन पर 2 DM को नोटिस जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NCR (नेशनल कैपिटल रीजन) में अवैध रूप से ईंट-भट्ठों के संचालन पर बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बुलंदशहर के DM चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्ध नगर के DM सुहास एलवाई से स्पष्टीकरण मांगा है। कहा है कि हाईकोर्ट के 2014 में दिए आदेश का पालन न करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। याचिका पर न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई की। इस मामले को लेकर सोमबीर ने अवमानना याचिका दाखिल की है।
याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था कि पर्यावरण मानकों व ईंट-भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को बंद कराया जाए। इसके बाद अक्टूबर, 2021 में NGT के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी NCR में बढ़ते प्रदूषण के चलते सभी भट्ठे बंद करने का निर्देश दिया था। याची ने इस संबंध में अधिकारियों को बताया भी था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
# PUCL ने याचिका दायर कर कहा- हिरासत में मौत पर खुदकुशी की थ्यौरी वैज्ञानिक रूप से सही नहीं
कासगंज के युवक अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग में दाखिल याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संशोधित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने PUCL (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता एसएफए नकवी से कहा है कि वह याचिका में कुछ गैरजरूरी तथ्यों को हटाकर नए सिरे से प्रस्तुत करें। याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
याचिका में कहा गया कि अल्ताफ की लॉकअप में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। पुलिस के मुताबिक उसने बाथरूम में पानी के पाइप से लटक कर खुदकुशी की है। याचिका में कहा गया कि दो फीट ऊंचे पाइप से साढ़े 5 फुट लंबे व्यक्ति के लटक कर खुदकुशी करने की बात वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगती। इसलिए निष्पक्ष एजेंसी से दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए। साथ ही इसकी वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ भी लिए जाएं। मांग की गई कि पोस्टमार्टम में राज्य सरकार में सेवारत डॉक्टर या कर्मचारी नहीं हो।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि हिरासत में होने वाली मौतों का पोस्टमार्टम निष्पक्ष एजेंसी से कराने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं। ऐसे मामले में राज्य सरकार की किसी एजेंसी को पोस्टमार्टम में शामिल नहीं किया जाए। PUCL ने अल्ताफ की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर पहले से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है।
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी पुलिस थाने में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। जांच के समय बॉडीवार्न कैमरे का इस्तेमाल भी नहीं होता है। यह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का माखौल उड़ाना है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका में बहुत सी ऐसी मांगें की गई हैं। जो इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आती हैं। कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को संशोधित याचिका दाखिल करने की छूट दी है।
यह था मामला
कासगंज के अल्ताफ (22) को पुलिस ने एक लड़की की गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार किया था। जहां 9 नवंबर को वह लॉकअप में मृत पाया गया। पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने अपने जैकेट की डोरी से पानी के पाइप से फंदा बांध कर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज कराई गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की विभागीय और मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है।
# गांजा बरामदगी में आरोपी की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 258 किलो गांजा बरामदगी के मामले में आरोपी इटावा के कृष्ण गोपाल की जमानत मंजूर कर ली है। उसे जमानत शर्तों के पालन का निर्देश दिया है। कृष्ण गोपाल की अर्जी पर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह आदेश पारित किया।
याची का कहना था कि उसे कानपुर से स्विफ्ट डिजायर कार में कानपुर से इटावा ज्वैलरी ले जाते समय पकड़ा गया। उसके कब्जे से 1 लाख 80 हजार रुपए, मोबाइल और 258 किलो गांजा दिखाकर झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। याची के अधिवक्ता का तर्क था कि कार छोटी होती है। उसमें इतनी मात्रा में गांजा नहीं रखा जा सकता है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है