फर्जी एनकाउंटर में तत्कालीन एसपी समेत 17 पर FIR …?

चित्रकूट में डकैत गौरी गिरोह के सदस्य भालचंद्र का किया था एनकाउंटर…

ये फोटो डकैत गौरी गिरोह के सदस्य भालचंद्र की है

चित्रकूट के डकैत गौरी गिरोह के सदस्य भालचंद्र के एनकाउंटर में तत्कालीन एसपी अंकित मित्तल समेत 17 लोगों पर FIR दर्ज हुई है। 31 मार्च 2021 को भालचंद्र को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी पत्नी ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था।

अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने मुठभेड़ में शामिल तत्कालीन एसपी अंकित मित्तल और एसटीएफ और स्वाट टीम के सदस्यों समेत 14 नामजद और तीन-चार अज्ञात के खिलाफ हत्या सहित नौ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक नगर शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा गुरुवार की रात में बहिलपुरवा थाना में लिखा गया है।

अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में दिया था प्रार्थनापत्र
अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि सतना जिले के नयागांव क्षेत्र के पड़वनियां गांव निवासी नथुनिया पत्नी भालचंद्र यादव ने अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश डीडी एक्ट) की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया था। प्रार्थनापत्र में बताया था कि नथुनिया का पति भालचंद्र 31 मार्च 2021 को अपने भाई लालचंद्र के साथ सतना न्यायालय में पेशी पर गया था।

लौटते समय सतना जिले के कोठी कस्बा के पास एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो ने ओवरटेक कर दोनों को बाइक से गिरा दिया। इसके बाद एसटीएफ के जवान मारपीट कर भालचंद्र को गाड़ी में डालकर ले गए। भालचंद्र को एसटीएफ का एक जवान चित्रकूट की ओर ले गया।

भालचंद्र के शव पर बेरहमी से पीटे जाने के निशान थे
उसी दिन शाम को लगभग सात बजे सूचना मिली कि चित्रकूट के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के निर्देश पर गौरी गैंग के साथ हुई मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ, जनपद चित्रकूट की स्वाट टीम, बहिलपुरवा व मारकुंडी थाने की पुलिस ने उसे मार गिराया है। भालचंद्र के शव पर बेरहमी से पीटे जाने के निशान थे।

साथ ही गोली भी नंगे बदन मारी गई थी, क्योंकि उसकी शर्ट पर गोली लगने के निशान नहीं थे जिसपर अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने बहिलपुरवा थाना प्रभारी को रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के लिए कहा था जिसपर अब बहिलपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है।

10 महीने बाद दर्ज की गई एफआईआर
मामले में अधिवक्ता राजेंद्र यादव का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी 10 महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई है ऐसे में उन्हें सही विवेचना होने की उम्मीद नहीं है इसलिए वह प्रशासन से किसी अन्य अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
तत्कालीन एसपी अंकित मित्तल, लखनऊ एसडीएफ के एसआइ अमित कुमार तिवारी व संतोष कुमार सिंह, हेडकांस्टेबिल उमाशंकर, आरक्षी भूपेंद्र सिंह व शिवानंद शुक्ला, स्वाट टीम प्रभारी एसआइ श्रवण कुमार व अनिल कुमार शाहू, हेड कांस्टेबिल रईस खान, आरक्षी धर्मेंद्र कुमार, राहुल यादव, तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा दीनदयाल सिंह, हमराही रामकेश कुशवाहा, तत्कालीन मारकुंडी थानाध्यक्ष रमेशचंद्र सहित तीन-चार अज्ञात।

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