ratlam… जमीन रजिस्ट्री में गोरखधंधा ….. गाइडलाइन में जमीन के रेट तय, फिर भी अपनी सहूलियत से हो रहीं रजिस्ट्रियां
- शहर में गाइडलाइन से ज्यादा भावों में हो रहे हैं सौदे, रजिस्ट्रियां भी ज्यादा दामों पर हो रहीं
- रजिस्ट्रार कार्यालय में रोज होती है 50-60 रजिस्ट्रियां, इसमें आधी से ज्यादा गाइडलाइन से ज्यादा भाव में
जमीन के भाव तय करने के लिए शासन ने गाइड लाइन बना रखी है। लेकिन सौदे उससे भी ज्यादा कीमत पर हो रहे हैं। जमीनों की रजिस्ट्रियां भी अपने हिसाब से हो रही हैं। कई क्षेत्रों में गाइड लाइन से दोगुना से ज्यादा भाव में रजिस्ट्रियां हो रही हैं। इस मामले में पंजीयक विभाग का कहना है कि रजिस्ट्री के लिए जो गाइडलाइन तय है उससे नीचे भाव में रजिस्ट्री नहीं होना चाहिए। ऊंचे में किसी भी भाव में पक्षकार रजिस्ट्री करा सकते हैं।
रजिस्ट्रार विभाग में 50 से 60 रजिस्ट्रियां रोज हो रही है। इसमें से आधी से ज्यादा रजिस्ट्रियां गाइडलाइन से ज्यादा भाव में हो रही है। जिन कॉलोनियों में ज्यादा भाव में रजिस्ट्रियां हो रही हैं वे शहर की प्रमुख कॉलोनियां हैं और प्रॉपर्टी के ज्यादा सौदे इन्हीं कॉलोनियों में हो रहे हैं। यहां गाइडलाइन की तुलना में बाजार मूल्य ज्यादा है। बाजार मूल्य पर प्लाॅट या मकान खरीदने के बाद लोग सर्विस प्रोवाइडरों के पास जा रहे हैं और अपने भाव के हिसाब से रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज बुक करवाकर रजिस्ट्रार विभाग में रजिस्ट्री करवा रहे हैं। विभाग में भी आसानी से इन भावों में रजिस्ट्रियां हो रही है।
यहां गाइडलाइन से ज्यादा दाम पर हुईं रजिस्ट्रियां
- कॉलोनी गाइड लाइन रजिस्ट्री हो रही
- लेनार्ड सिटी 697 रुपए 697 से 1200 रुपए
- गंगासागर 810 रुपए 810 से 1800 रुपए
- रेलनगर 630 रुपए 630 से 1100 रुपए
- गोविंद नगर 630 रुपए 630 से 1200 रुपए
- लक्ष्मीनगर 650 रुपए 650 से 1200 रुपए
- महेश नगर 799 रुपए 799 से 1400 रुपए
- शुभम सृष्टि 1115 रुपए 1115 से 2000 रुपए
5 माह पहले ही 80% बढ़ी गाइडलाइन
हर बार नई गाइड लाइन नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल से लागू होती है। लेकिन इस साल नई गाइड लाइन एक अगस्त से लागू हुई है। इसमें शहर की 46 कॉलोनियों में जमीन 80 फीसदी तक महंगी की गई है। इसमें 11 कालोनियों में 35 फीसदी. 5 कालोनियों में 40 फीसदी, 10 कॉलोनी में 50 फीसदी, अन्य 10 कालोनियों में 6 फीसदी, 5 कालोनियों में 70 फीसदी तथा अन्य 5 कॉलोनियों में 80 फीसदी जमीन महंगी हुई थी। जहां रजिस्ट्रियों के सौदे ज्यादा हुए उनके रेट निकाले जा रहे हैं। इस आधार पर गाइडलाइन तय की जाएगी।
गांवों में 21.68 फीसदी बढ़ाए थे जमीनों के भाव
नई गाइड लाइन में शहर में तो जमीन महंगी हुई थी। गांवों में भी जमीन के दाम बढ़ाए गए थे। इससे शहर के साथ गांवों में 21.68 फीसदी तक जमीन महंगी हुई थी। इससे गांवों में भी जमीन खरीदना महंगा हो गया था। लोन के लिए हो रही ज्यादा दामों में रजिस्ट्री- प्राॅपर्टी की गाइडलाइन से ज्यादा दामों में रजिस्ट्रियां होने का मुख्य कारण होम लोन है। शहर में अधिकतर कॉलोनियों में गाइड लाइन की दर तो कम है लेकिन बाजार मूल्य ज्यादा है। ऐसे में इन कॉलोनियों में प्लाट या मकान खरीदने पर लोन कम मिलता है। ऐसे में लोन लेने वाले ज्यादा दामों में रजिस्ट्री कराते हैं ताकि लोन लेने में आसानी हो सकें।
ज्यादातर रजिस्ट्रियां गाइड लाइन से ज्यादा दाम पर हो रही है- जिला पंजीयक अमरेश नायडू ने बताया जमीन के दाम तय करने के लिए गाइड लाइन तय की जाती है। इससे कम दाम पर रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। गाइड लाइन के ऊपर कितने भी दाम पर रजिस्ट्री हो सकती है। ज्यादा दाम पर रजिस्ट्री होने से विभाग को तो फायदा ही है क्योंकि इससे राजस्व बढ़ता है।