कैसे कहें, UP में अपराध कम ……दावा- कानून व्यवस्था में नंबर 1, हालात- 4 साल में हत्याएं हों या रेप, सभी में योगी सरकार सबसे आगे

बसपा ने अपने थीम सांग में यूपी की कमज़ोर कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया है। प्रियंका और अखिलेश भी लगातार हर दिन हो रहे क्राइम को गिना रहे हैं, जबकि योगी सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल की उपलब्धि बेहतर कानून व्यवस्था ही है।

हकीकत यह है कि मार्च 2021 में सरकार के 4 साल पूरे होने पर एनसीआरबी की रिपोर्ट आई। इसके मुताबिक, 4 साल में ही योगी सरकार पिछली दोनों सरकारों से महिला अपराध, हत्या, रेप और लूट के मामलों में कहीं आगे है।

विपक्ष ने चुनाव से पहले सरकार को घेरा

  • सपा: सोशल मीडिया पर कानून व्यवस्था पर छेड़ी मुहिम।
  • बसपा: कानून व्यवस्था को बनाया मुद्दा, थीम सॉन्ग लांच किया।
  • कांग्रेस: महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की मुहिम।

क्या है हकीकत
कानून व्यवस्था का मुद्दा बनने के बाद यह बात जोर शोर से उठने लगी है कि क्या योगी सरकार में ही क्राइम बढ़ा है? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट इसकी हकीकत बयां करती है। इससे पता चलता है कि 4 साल में योगी सरकार में क्राइम का ग्राफ हर साल तेजी से बढ़ा और यह पिछली दोनों (सपा-बसपा) सरकारों के 5 साल के कार्यकाल से ज्यादा है।

आंकड़ों से समझिए, तीनों सरकारों में क्राइम की स्थिति

भाजपा का कार्यकाल (2017-अब तक)

  1. 2020 में आई NCRB रिपोर्ट, योगी सरकार के अपराध के 4 साल के आंकड़े ही दर्ज।
  2. हर साल औसतन 3.4 लाख के करीब मामले दर्ज हुए।
  3. हिंसक वारदातों की संख्या हर साल 59 हजार के करीब थी।
  4. अपहरण के औसतन मामले 17.5 हजार के करीब दर्ज किए गए।
  5. चोरी के 50 हजार के करीब मामले औसतन हर साल दर्ज हुए।
  6. बलात्कार के हर साल औसतन 3.5 हजार मामले दर्ज हुए।
  7. महिलाओं के खिलाफ अपराध के 56 हजार के करीब मामले हर साल दर्ज हुए।
  8. दंगों के हर साल औसतन 7.3 हजार के करीब मामले दर्ज किए गए।

4 साल में यूपी में रेप के दर्ज केस

साल केस
2017 4246
2018 3964
2019 3065
2020 2769

सपा का कार्यकाल (2012-17)

  1. हर साल औसतन 2.37 लाख के करीब मामले दर्ज हुए।
  2. हिंसक वारदातों के हर साल औसतन 44 हजार के करीब मामले दर्ज हुए।
  3. अपहरण के 12 हजार के करीब मामले औसतन हर साल दर्ज किए गए।
  4. चोरी के मामले औसतन 42 हजार के करीब हर साल दर्ज हुए।
  5. बलात्कार के 3 हजार से ज्यादा मामले औसतन हर साल दर्ज हुए।
  6. महिलाओं के खिलाफ अपराध के 36 हजार के करीब मामले हर साल दर्ज हुए।
  7. दंगों के हर साल औसतन 6.5 हजार के करीब मामले दर्ज हुए।

बसपा का कार्यकाल (2007-12)

  1. हर साल औसतन 1.72 लाख से ज्यादा दर्ज किए गए।
  2. हिंसक वारदातों का औसत हर साल 28 हजार के करीब था।
  3. अपहरण के 6 हजार के लगभग मामले औसतन हर साल दर्ज हुए।
  4. चोरी के 16 हजार मामले औसतन हर साल दर्ज किए गए।
  5. बलात्कार के औसतन 1700 के करीब मामले हर साल दर्ज किए गए।
  6. महिलाओं के खिलाफ अपराध के 22 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए।
  7. दंगों के 4.5 हजार के करीब मामले औसतन हर साल दर्ज किए गए।

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