200 करोड़ की रकम पीयूष जैन की नहीं ….. DGGI की जांच में खुलासा, मोहरे की तरह इस्तेमाल हो रहा था जैन; अब मास्टरमाइंड की तलाश
इत्र कारोबारी पीयूष जैन मामले में अभी कई परते खुलना बाकी हैं। DGGI अहमदाबाद की टीम नए खुलासे की ओर आगे बढ़ चुकी है। अब तक की पड़ताल में इतना साफ हो गया है कि पकड़ी गई 194 करोड़ की रकम का पीयूष जैन से कोई वास्ता नहीं है। ना ही यह रकम उसके किसी भी तरह के कारोबार में इस्तेमाल के लिए रखी गई थी। बहुत जल्द कई कारोबारी इस पड़ताल की गिरफ्त में आने वाले है। टीम की पड़ताल अब पीयूष को मोहरे की तरह इस्तेमाल करने वाले मास्टरमाइंड की तरफ बढ़ चुकी है।
पूरे खेल के मास्टरमाइंड की तलाश
पीयूष जैन मामले में जांच कर रहे एडिशनल डायरेक्टर जनरल विवेक प्रसाद ने बताया कि पकड़ी गई रकम पीयूष जैन की नही है। इस रकम का इस्तेमाल पीयूष अपने कारोबार में नही करता था। उसके केमिकल्स और कंपाउंड के कारोबार से भी पकड़ी गई रकम का किसी भी तरह से कोई लेना देना नही पाया गया है। उन्होंने बताया कि अब उन कारोबारियों की तलाश है जिनकी यह 194 करोड़ की रकम है।
विदेशी संपत्तियों की पड़ताल शुरू
पीयूष जैन के विदेशों से किस तरह के संपर्क रहे हैं, इस पर जांच शुरू की जा चुकी है। विदेशों में संपत्तियों के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही कि पीयूष के सभी ठिकानों से मिले 64 किलो सोने में शुरुआती जांच में तार विदेशों से जुड़े हैं। जांच अब यह हो रही है कि पीयूष के घर वाले कब और कितनी बार विदेशों में गए हैं। पीयूष के पिता, पीयूष और उसके पत्नी और बच्चों की विदेश यात्रा को खंगाला जा रहा है।
सहयोगी कंपनियों और कारोबारियों के संबंध मिले
डीजीजीआई एडीशनल डायरेक्टर जनरल विवेक प्रसाद ने बताया कि पीयूष जैन के बयान और मिले दस्तावेज के आधार पर यह साफ है कि कई सहयोगी कंपनियों और कारोबारियों के संबंध पीयूष जैन से हैं। मामले में पीयूष जैन के कारोबार से जुड़े लोगों की पड़ताल की जा रही। बहुत जल्द इस मसले पर नई जानकारी सामने होगी।