सिंधिया के भरोसे सावरकर… क्या सिंधिया आजाद कराएंगे ग्वालियर में सावरकर की मूर्ति को

विनायक दामोदहर सावरकर की मूर्ति को आजाद कराने हिन्दू महासभा ने अब नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सहयोग मांगा है। इसके लिए महासभा बकायदा सिंधिया को पत्र लिखेगी।

ग्वालियर . सिंधिया के ग्वालियर प्रवास के दौरान सावरकर की मूर्ति स्थल को खुलवाने की मांग की जाएगी।
हिन्दू महासभा ने सावरकर के मूर्ति स्थल को बंद करने का विरोध किया था। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने इसको बंद करा दिया था। इसके बाद से तीन साल से महासभा मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक और संघ प्रमुख तक से सावरकर की मूर्ति को आमजन के लिए खुलवाने की मांग करती आ रही है। महासभा ने सावरकर के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका और पूरे परिवार का योगदान बताकर मूर्ति स्थल खुलवाने की मांग का पत्र लिखा है।
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सिंधिया के भरोसे सावरकर… क्या सिंधिया आजाद कराएंगे ग्वालियर में सावरकर की मूर्ति को
लक्ष्मीबाई शहीद स्थल पर पहली बार गए थे सिंधिया
सिंधिया घराने पर पहले स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों का साथ देने पर उंगलियां उठाई जाती रही हैं। रानी लक्ष्मीबाई की शहादत के लिए सिंधिया को जिम्मेदार ठहराकर गद्दारी का आरोप मढ़ा जाता है। पहले भाजपा यह आरोप लगाती रही, लेकिन दलबदल के बाद सिंधिया के भाजपा में आने पर कांग्रेस यही आरोप लगाने लगी है। कुछ दिन पहले सिंधिया अचानक ग्वालियर प्रवास के दौरान रानी लक्ष्मीबाई के समाधिस्थल पर पहुंच गए। यहां उन्होंने समाधि पर नमन किया। इसके बाद मामला सुर्खियों में आ गया। हालांकि अगले दिन कांग्रेस ने समाधिस्थल पर गंगाजल छिड़ककर सिंधिया का विरोध जताया।
यही वजह है कि महासभा ने सिंधिया पर जताया भरोसा
सिंधिया के इस बदलाव को हिन्दू महासभा ने अपने पक्ष में सकारात्मक माहौल माना है। इसी के चलते महासभा ने अब सावरकर के मूर्तिस्थल को खुलवाने के लिए सिंधिया पर भरोसा जताया है। अब सिंधिया का अगला कदम क्या होगा, उसपर सभी की नजर रहेगी। अगर सिंधिया महासभा की बात सुनते हैं तो उनसे गोडसे की मूर्ति वापस दिलाने और मंदिर स्थापित करने की अपेक्षा भी की जा सकती है।
गोडसे की आरती और मंदिर स्थापना चर्चा में
ग्वालियर में हिन्दू महासभा लगातार चर्चा में रहती है। महासभा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की आरती करने और मंदिर स्थापित करने को लेकर विवादों में रही है। हाल में गांधी के सह हत्यारे डॉ. दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की पुण्यतिथि मनाई थी। इस दौरान गोडसे, परचुरे और नारायण आप्टे के जयकारे भी लगाए गए।

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