चुनाव आयोग दागी उम्मीदवारों को लेकर सख्त, कहा- पार्टियों को आपराधिक मामले वाले कैंडिडेट्स की बतानी होगी फुल डिटेल

सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2020 के निर्देश के बाद हुए चुनावों में आयोग ने राजनीतिक दलों से इस तरह की सूचना देने को कहा था.

चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को कहा कि आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों (candidates with criminal cases) को चुनाव मैदान में उतारने वाले राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर इस तरह के व्यक्तियों का विवरण अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा और चुनाव के लिए उन्हें टिकट देने का कारण भी बताना होगा. चुनाव आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभाओं के लिए चुनाव तारीखों की घोषणा की. मतदान 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में होंगे. मतगणना 10 मार्च को होगी.

चुनाव आयोग ने कहा कि संबद्ध राजनीतिक दल को उम्मदीवारों के चयन के 72 घंटे के अंदर निर्वाचन आयोग को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपनी होगी. आयोग ने आगे कहा कि अगर कोई राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग के पास इस तरह का अनुपालन रिपोर्ट सौंपने में नाकाम रहता है तो आयोग संबद्ध राजनीतिक दल के इस तरह के गैर-अनुपालन को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना के तौर पर उसके संज्ञान में लाएगा.

मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया था निर्देश

सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2020 के निर्देश के बाद हुए चुनावों में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से इस तरह की सूचना देने को कहा था. राजनीतिक दलों (केंद्रीय एवं राज्य स्तर के) को अपनी वेबसाइट पर लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्ति (उम्मीदवार) के बारे में विस्तृत जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होगा. इनमें अपराध की प्रकृति और इस तरह के विवरण शामिल होंगे, जैसे कि जिनका चयन उम्मीदवार के रूप में किया गया है और क्या उनके खिलाफ आरोप तय हो गए हैं.

देश में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर आयोग के बयान में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को इस तरह के चयन का कारण भी बताना होगा, ये भी बताना होगा कि बगैर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया गया. चुनाव आयोग ने कहा कि चयन के कारणों में उम्मीदवार की योग्यता, उपलब्धियां और मेधा होगी, ना कि उसके जीतने की संभावना. ये सूचना एक स्थानीय समाचार पत्र और राष्ट्रीय स्तर के एक समाचार पत्र में प्रकाशित करना होगा और उसे राजनीतिक दल के फेसबुक एवं ट्विटर सहित आधिकारिक सोशल मीडिया मंचों पर अपलोड करना होगा.

उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के अंदर ये विवरण प्रकाशित करने होंगे और नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख के दो हफ्ते से पहले नहीं. उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में समाचार पत्रों में और टेलीविजन चैनलों पर तीन मौकों पर सूचना प्रकाशित/प्रसारित करना होगा ताकि मतदाताओं को इस तरह के उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि जानने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.

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