23 जनवरी से शुरू हो सकती है चुनावी रैलियां …. जिन जिलों में चुनाव वहां घटने लगे कोरोना केस, एक्सपर्ट बोले- वैरिएंट को हल्का मानना बड़ी भूल
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले कोरोना संक्रमितो की संख्या आश्चर्यजनक रुप से कम होती जा रही है। पहले चरण वाले मतदान के जिलों में 5 दिन के भीतर ही एक्टिव केस में 32 फीसदी तक गिरावट दर्ज हुई है। चिकित्सा विज्ञानी आंकड़ों की बाजीगरी को लेकर गहरी आशंका जता रहे है, यही कारण है कि एक्सपर्ट इलेक्शन में रैलियों की अनुमति को भूल बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस वैरिएंट को हल्के में लेना जोखिम भरा हो सकता है।
11 में 9 जिलों में घट रहे हैं केस
जिला | एक्टिव केस 15 जनवरी | एक्टिव केस 20 जनवरी | फीसदी |
गौतमबुद्ध नगर | 12754 | 8991 | 30 |
गाजियाबाद | 10834 | 7448 | 32 |
मेरठ | 8168 | 5684 | 30.5 |
आगरा | 3637 | 3380 | 7.1 |
मुजफ्फरनगर | 2267 | 2120 | 6.5 |
मथुरा | 2274 | 2051 | 10 |
बागपत | 614 | 430 | 32 |
शामली | 945 | 849 | 10.1 |
अलीगढ़ | 1416 | 1203 | 15 |
हापुड़ | 611 | 1019 | केस बढ़े |
बुलंद शहर | 1781 | 1843 | केस बढ़े |
एक्टिव केस का डाउनफाल बनेगा रैलियों का आधार
प्रदेश में पहले चरण के चुनाव इन दस जिलों में होने जा रहे है। इनमें गौतमबुद्ध नगर,गाजियाबाद,मेरठ,शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा शामिल है। अब इन सभी जिलों के सक्रिय मामलों पर गौर करे। 15 जनवरी को जहां गौतमबुद्ध नगर 12 हजार 754 केस थे, वही 20 जनवरी को यह आंकड़ा 8 हजार 991 तक पहुंच गया है। 5 दिन के भीतर यहां करीब 30 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। वही गाजियाबाद में करीब 32 फीसदी, मेरठ में 31 फीसदी, मथुरा में 10 फीसदी और आगरा में 7 फीसदी है। कुल मिलाकर कहां जा सकता कि एक्टिव केस का यह डाउनफॉल चुनाव आयोग के रिव्यु के दौरान बेहद अहम होने जा रहा है।
जल्दबाजी हो सकती है घातक, अमेरिका व यूरोप में अभी भी ओमिक्रॉन से मर रहे लोग
ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व सदस्य स्वीडन बेस्ड चिकित्सा विज्ञानी डॉ. राम उपाध्याय कहते है कि टेस्टिंग के ट्रेंड देखना जरुरी है। जल्दबाजी में किया गया कोई भी निर्णय उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में घातक सिद्ध हो सकता है। केस अगर कम भी हो रहे है तो उन इलाकों में टेस्टिंग व ट्रेसिंग को कम नही करना चाहिए। साथ ही सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जानी चाहिए। यूरोप व अमेरिका में ओमिक्रॉन अभी भी तबाही मचा रहा है इसलिए यह मानना कि वैरिएंट बेहद हल्का है बड़ी भूल साबित हो सकती है।