नोएडा…वोट कटुआ उम्मीदवार बिगाड़ेंगे खेल … 3 सीटों पर 37 उम्मीदवारों से डरे बड़ी पार्टी के प्रत्याशी, हार-जीत का मार्जिन कम रहने की गुंजाइश में छूट रहे पसीने
नोएडा में मोदी लहर के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में हार-जीत का मार्जिन कम रहने की गुंजाइश ने ही बड़े प्रत्याशियों के सर्दी में भी पसीना निकाल दिया है। गौतम बुद्ध नगर की तीन विधानसभा सीट नोएडा, जेवर और दादरी में 52 उम्मीदवार हैं। इसमें 37 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके चेहरों से बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी डर रहे हैं।
प्रदेश में आम बोलचाल की भाषा में इन्हें वोट कटुआ कहते हैं। ये वोट कटुआ कब किस भर भारी पड़ जाएं पता नहीं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी गढ़ की इस सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहा। नोएडा में 2017 विधानसभा चुनाव में 48.56 प्रतिशत वोटरों ने वोट किया।
इन उम्मीदवारों के एक नहीं कई होते हैं चेहरे
‘वोट कटुआ’, यह प्रदेश के मतदाताओं की जुबान पर बोली जाने वाली एक आम भाषा है। यह वह भी हैं जिनको मजबूत प्रत्याशी को हराने के लिए डमी बनाकर खड़ा किया जाता है। जीतने और जीतकर लोगों की सेवा करने से इनका दूर-दूर तक नाता नहीं होता। चुनाव विश्लेषक कहते हैं, इस बार ये और इन जैसे नोएडा, जेवर और दादरी विधानसभा सीट से खड़े बड़े प्रत्याशियों के पसीने छुड़ा सकते हैं। पार्टियों का आकलन है कि चुनावी सभा, रैली पर रोक वर्चुअल प्रचार और कोरोना की वजह से यहां 2017 के मुकाबले कम 40 प्रतिशत वोट होने का आकलन है। मार्जिन काफी कम रहेगा।
हाईराइज सोसायटी में कोरोना इफेक्ट
नोएडा के विधानसभा चुनावों में हमेशा बाहरी वर्सेज स्थानीय मुद्दा रहा है। इसका रेशियों 60 और 40 का है। 60 प्रतिशत बाहरी नोएडा की हाईराइज सोसायटी और वीआईपी सेक्टरों में रहते हैं। नोएडा में कोरोना का इफेक्ट भी इन्हीं सोसायटी और सेक्टर में है। यह वे हैं, जिन्होंने दूसरी लहर में अपनों को खोया। कोरोना में इन वोटरों को मतदाता स्थल तक लाना बड़ी चुनौती है। जहां चुनावी माहौल में प्रत्याशी और चुनावी प्रचार कर रहे 5-5 लोग भी इन सोसायटी में नहीं पहुंच पा रहे। नोएडा में कोरोना के एक्टिव केस अब भी साढ़े 7 हजार से ज्यादा हैं।
वीआईपी कल्चर एक बड़ी वजह
नोएडा सीट वीआईपी कल्चर के लिए जानी जाती है। कई संस्थाओं के आरोप लगते रहे हैं कि यहां के विधायक से मिलना आसान नहीं है। 5 सालों में वह एक बार भी उनसे मिलने नहीं आए। नोएडा के विधायक पंकज सिंह हैं। उनका सबसे बड़ा वोटर शहरी मतदाता है, लेकिन कोरोना के दूसरी लहर में उनका वीआईपी कल्चर सामने आया और इस वजह से लोग नाराज हैं।
निर्दलीय के साथ संस्थाओं और छोटी पार्टी के प्रत्याशी
नोएडा विधानसभा सीट से 17 उम्मीदवार, दादरी से 11 और जेवर से 9 प्रत्याशी निर्दलीय और छोटी पार्टियों के हैं। इनमें संस्थाओं के उम्मीदवार भी हैं। जैसे नोएडा में रेहड़ी पटरी संस्था ने अपना उम्मीदवार और दादरी में बायर्स एसोसिएशन नेफोमा के अध्यक्ष खुद चुनाव में हैं। उनकी संस्था के ही एक लाख सदस्य हैं और वह बड़ी पार्टियों से खफा भी हैं।
एक नजर में मतदाता
- नोएडा- 6 लाख 90 हजार 231
- दादरी- 5 लाख 86 हजार 889
- जेवर- 3 लाख 46 हजार 425