भाजपा मेनिफेस्टो 2017 के 7 बंपर वादे …. 3 पर 1% काम नहीं हुआ, 4 पर 10% से भी कम; लहसुन पर MSP कब देंगे महाराज
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए BJP कल-परसो तक मेनिफेस्टो लाने वाली है। भाजपा एक मेनिफस्टो 28 जनवरी 2017 को भी लाई थी। इसमें 10 विषयों पर करीब 100 वादे थे। भाजपा का दावा है कि सारे वादे पूरे हो गए। लेकिन मेनिफेस्टो के 32 पेज पलटते के बाद हमारी नजर 7 बड़े ही जरूरी वादों पर पड़ी। पिछली बार इन्हीं को गिना-गिना के वोट मांगे गए थे। लेकिन जब कुर्सी मिल गई तो योगीजी अपनी धुन में मस्त हो गए।
मेनिफस्टो लॉन्च करते वक्त तब के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था, “हम घोषणा नहीं करते बल्कि संकल्प लेते हैं।” आइए उन 7 संकल्पों की बात करते हैं, जिनमें से 3 पर तो 1% भी काम नहीं हुआ है।
1. भाजपा का संकल्प: आलू-प्याज और लहसुन की MSP तय होगी
मेनिफेस्टो का पेज नंबर 7, पॉइंट नंबर 3, आलू-प्याज और लहसुन को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के अंतर्गत लाया जाएगा। इसी के ऊपर पॉइंट 2 में एक और बात लिखी है। किसानों को फसल मूल्य दिलाने के लिए सभी अनाज और सब्जी मंडियों को ई-मंडियों में बदला जाएगा।
बंपर प्रचारः पश्चिमी यूपी में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता 20 दिन रोज घर-घर जाकर इसका गाना गाते थे। कहते थे कि भाजपा की सरकार बनते ही आलू-प्याज और लहसुन की खरीद भी MSP पर होगी।
वादा भूल गए महराजः सरकार 45 दिन की बची है। लेकिन आज तक सरकार ने सब्जियों पर MSP जैसा शब्द बोला ही नहीं। लहसुन पर MSP कैसे तय होगी? फॉर्मूला क्या होगा? कौन सी सब्जियां शामिल होगी और उनकी कैसे खरीदारी होगी?
योगी सरकार को ई-मंडी वादे की याद 4 साल बाद आई। तब, जब कोरोना ने मंडियां बंद करा दीं। सरकार ने ई-मंडी और ई-गवर्नेस का कॉन्सेप्ट दिया। लेकिन पोर्टल हर दूसरे दिन डाउन ही रहता है। बार-बार मैसेज आता है कि टेक्निकल चेन्ज हो गया है। अपनी जानकारी फिर से भरिए। अब लोगों ने भरना बंद कर दिया है।
2. BJP का संकल्पः मुफ्त लैपटॉप, सालभर हर महीने 1 GB नेट
मेनिफेस्टो का पेज नंबर 13, पॉइंट 3 और 4- कॉलेज में एडमिशन लेते ही छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप, सालभर तक हर महीने एक GB नेट मिलेगा।
बंपर प्रचारः पार्टी के हर नेता ने मुफ्त लैपटॉप देने का ऐलान किया। जहां युवा दिखते, वही नेता लैपटॉप वाली बात छेड़ देते। कहते हमारा वादा सुना, मुफ्त लैपटॉप वाला। नेट भी मिलेगा। 12वीं के बाद कॉलेज में कदम रखते ही सारे बच्चों को लैपटॉप थमा देंगे।
वादा भूल गए महाराज: सरकार बनी तो इस कोशिश में लग गए कि युवा इस वादे को भूल जाएं, लेकिन युवा अपने हिस्से का लैपटॉप मांगने लगे।
सरकार को लगा उनका हाल पिछली सरकार की तरह न हो इसलिए चार साल बीतने के बाद 1800 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया। कॉलेज के उन छात्रों को चुना गया जो फाइनल ईयर के स्टूडेंट थे। अजब ये कि लैपटॉप बांटने के कार्यक्रम और विज्ञापन पर ही 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो गए।
3. बीजेपी का संकल्प: महिला सुरक्षा के लिए गठित होगा एंटी रोमियो स्क्वॉड
मेनिफेस्टो के पेज नं 22, प्वाइंट 3, हर कॉलेज के नजदीकी पुलिस थाने में छात्राओं के साथ छेड़खानी रोकने के लिए एंटी-रोमियो दल बनाए जाएंगे।
बंपर प्रचार: चुनाव से पहले भाजपा ने महिला सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाया। एंटी रोमियो स्क्वॉड का जमकर प्रचार हुआ। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी पोस्ट हर दिन होती थी।
बनते ही बिगड़ गया काम: एंटी रोमियो स्क्वॉड के मामले में भाजपा ने जरूरत से अधिक तेजी दिखाई। सभी जिलों में इसका गठन कर दिया लेकिन महीना भी नहीं बीता और पुलिस पर पार्कों में आपसी सहमति से बैठे जोड़ों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगने लगे। स्कूल कॉलेज के सामने से गुजर रहे छात्रों को पूछताछ के नाम पर जलील किया जाने लगा। विपक्ष ने पूछ लिया कि इस बात की क्या गारंटी कि बेकसूर लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासन चुप हो गया।
इस वक्त एंटी रोमियो स्क्वॉड का क्या हाल है, एक RTI के जवाब में यूपी पुलिस मुख्यालय ने बताया कि 22 मार्च 2017 से 30 नवंबर 2020 तक कुल 14,454 गिरफ्तारियां हुई। औसत निकालें तो 11 गिरफ्तारी हर दिन। यूपी की आबादी और क्षेत्रफल के आधार पर देखे तो ये संख्या बेहद कम है।
4. बीजेपी का संकल्प: प्रदेश के हर उद्योग में 90% नौकरी प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित
– मेनिफेस्टो के पेज 12, प्वाइंट 2, यूपी में स्थापित हर उद्योग में 90% नौकरियों को प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।
बंपर प्रचार: नौकरियों को लेकर भाजपा ने जोरदार प्रचार किया। केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में शिक्षक अभ्यर्थियों से मुलाकात करते हुए 90 दिन के भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का वादा किया। निजी क्षेत्र में 90 फीसदी नौकरियां यूपी के युवाओं के लिए आरक्षित करने की घोषणा की।
वादा भूल गए महाराज: सरकार बनने के बाद यूपी सरकार ने इसपर विचार तो किया पर काम नहीं किया। 10 जून 2017 को सरकार ने नई औद्योगिक नीति बनाई, बैठक में तो इसकी चर्चा की गई लेकिन नीति के ड्रॉफ्ट में इस संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई। सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नीति बनाना तो आसान है लेकिन उसे लागू करने के लिए कंपनियों को समझा पाना आसान नहीं है, थोड़ी भी जोर जबरदस्ती होगी तो वह अपना उद्योग लेकर यूपी से बाहर चले जाएंगे।
5. बीजेपी संकल्पः 500 करोड़ रुपए की बाबा साहेब अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा
मेनिफेस्टो का पेज 14, प्वाइंट 3, गरीब परिवारों से आए छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए 500 करोड़ के बाबा करोड़ के बाबा साहेब अम्बेडकर छात्रवृत्ति कोष की स्थापना की जाएगी।
बंपर प्रचार: इसके पर्चे घर-घर बंटे थे। बच्चों के मां-बाप को भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें बहुत जल्द ढेर सारी रकम मिलेगी, जिससे वो अपने बच्चों की पढ़ाई की फीस आसानी से भर सकेंगे।
देर में याद आया वादा: दलित वोट साधने के लिए भाजपा की बाबा साहब अम्बेडकर छात्रवृत्ति निर्णायक साबित हुई थी। पार्टी के सभी दलित नेता लोगों के बीच इस घोषणा को लेकर पहुंचे। सरकार बनी तो भूले भूले नजर आए। जैसे ही फिर चुनाव आया तो वादा याद आ गया। 6 दिसंबर 2021 को अंबेडकर की पुण्यतिथि थी।
सीएम योगी ने ऐलान किया कि जो अंबेडकर पर शोष कर रहे हैं उनको स्कॉलरशिप दी जाएगी। ध्यान रहे यहां 500 करोड़ रुपए का जिक्र नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति की ही घोषणा से याद आया यूपी सरकार ने वर्ष 2020-21 में जनरल वर्ग के छात्रों के स्कॉलरशिप बजट को 825 करोड़ से घटाकर 500 करोड़ कर दिया।
6. बीजेपी का संकल्प: मेट्रो सेवा शुरू करेंगे
मेनिफेस्टो का पेज 19, प्वाइंट 1, लखनऊ, नोएडा में मेट्रो सेवा का विस्तार किया जाएगा तथा कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद में मेट्रो सेवा आरंभ की जाएगी।
लखनऊ नोएडा के बाद कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी में मेट्रो सेवा शुरू करेंगे।
बंपर प्रचार: चुनाव से ठीक पहले वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर को नोएडा जैसा बनाने के सपने दिखाए गए। मंचों से पार्टी नेताओं ने यहां भी मेट्रो का जाल बिछाने की बात कही। मेनिफेस्टो में शामिल किया।
वादा भूल गए महाराज: यहां भी सरकार पिछड़ गई। गोरखपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और झांसी में पूरा पांच साल मुआयना करते हुए ही बीत गया। अब कहा जा रहा कि मेट्रो चलाने के लिए नए सिरे से डीपीआर बनाया जा रहा है। इसे सरकार को भेजा जाएगा। सरकार विचार करेगी। डर है कहीं फिर से मुआयना ही न चलता रहे।
7. बीजेपी का संकल्प: पुलिसवालों के वेतन के लिए समीक्षा आयोग
मेनिफेस्टो का पेज 27, प्वाइंट 5, पुलिसकर्मियों के सेवा हालात, प्रमोशन और वेतन ढांचे की समीक्षा करने के लिए एक आयोग बनाया जाएगा।
बंपर प्रचार: पुलिस विभाग में भर्ती से लेकर पुलिसवालों के हालात सुधारने को लेकर भाजपा ने खूब वादे किए। आयोग बनाने की बात कही, रैलियों में संबोधन के दौरान भी पुलिसकर्मियों के ‘अच्छे दिन’ आएंगे जैसी बात बोल दी जाती थी।
वादा भूल गए महाराज: पांच साल बीत गए। पुलिसवालों से आज तक कोई ऐसा आयोग तो बनाया नहीं गया। हां, जबरन रिटायरमेंट के लिए कार्रवाई जरूर शुरू कर दी गई। एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने आदेश दिया। कहा, “ 30 मार्च 2021 को 50 साल या इससे अधिक की उम्र वाले पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई की जाए।”
तब से अब तक 400 से अधिक पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। सिर्फ सिपाही-दारोगा को नहीं, इसमें आईपीएस अमिताभ ठाकुर, राकेश शंकर और राजेश कृष्णा जैसे अधिकारी भी हैं।