सॉफ्टवेयर से कार चुराने वाला गैंग पकड़ा गया … 3 लाख का सॉफ्टवेयर, बिना चाबी स्टार्ट कर ले जाते थे कार; फिर भूटान-म्यांमार में बेचते थे

उत्तर प्रदेश का गोरखपुर चोरी की कारों के इंटरनेशनल तस्करी का हब बन गया है। यहां से खासकर क्रेटा कार चोरी कर आसाम के नागालैंड पहुंचाई जाती है। वहां का शब्बीर उर्फ डेविड अपने साथी कृष सेमा के जरिए कारों को विदेशों में भेजता है। भूटान, वर्मा और म्यांमार जैसे देशों में क्रेटा कार की डिमांड ज्यादा है, जिसके बदले में चार लाख रुपए मिलते थे।

शनिवार को कैंट पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से हाल ही में नंदानगर इलाके से चोरी हुई डॉ. प्रवीण की क्रेटा कार को पुलिस ने बरामद कर लिया है। वहीं, दोनों के पास से पुलिस ने 2.8 किलोग्राम चरस भी बरामद की है।

शीशा तोड़ करते थे चोरी
दोनों चोर अपनी क्विड कार से आते थे और चालक के तरफ के शीशा को तोड़ देते थे। फिर सॉफ्टवेयर के जरिए कार स्टार्ट कर फरार हो जाते थे। पकड़े गए दोनों आरोपितों की पहचान आसाम के बोगांईगांव जिले के कोकिलामौलवीपारा निवासी खलूल रहमान और बिहार के बेतिया जिले के रमौली निवासी शेख मुबारक के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों को कूड़ाघाट तिराहे से पकड़ा है। इनका एक साथी असम के नार्थ लखीमपुर जिले के ललोक का रहने वाला रामप्रताप सिंह फरार हो गया।

एक गैरेज में काम करता था, दूसरा टेलर था
शनिवार की शाम प्रभारी एसएसपी सोनम कुमार ने बताया कि 17 जनवरी 2021 की रात को नंदानगर से डॉ. प्रवीण सिंह की क्रेटा कार चोरी हुई थी। इसकी सीसीटीवी फुटेज में दो युवक कार चोरी करते और इसके बाद देवरिया रोड के एक पेट्रोल पंप पर तेल भराते हुए दिखे थे। जांच में पता चला कि कार को बिहार के रास्ते असम के नागालैंड भेजा गया था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा।

खलूल रहमान ने बताया कि वह असम में एक गैरेज में काम करता था। वहीं पर पकड़ा गया शेख मुबारक दर्जी था, जिसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। साल 2019 में चोरी के मामले में असम में ही जेल भेजे गए खलूल की मुलाकात असम के रामप्रताप सिंह से हुई थी। जेल से छूटने के बाद तीनों गलत तरीके से पैसा कमाने में जुट गए। यहां उनकी मुलाकात नागालैंड के दीमापुर निवासी वाहन चोरी गैंग के सरगना शब्बीर उर्फ डेविड से हुई।

शब्बीर ने दिलाई चोरी की ट्रेनिंग
पुलिस ने बताया कि शब्बीर ने सेनापति मणिपुर ले जाकर हुंडई की गाड़ियों को चोरी करने की ट्रेनिंग दी और एक सॉफ्टवेयर दिया। इसकी कीमत दो से तीन लाख है, जिसे हर तीन माह पर अपडेट कराना पड़ता है। खलूल ने शेख मुबारक उर्फ मुन्ना से गाड़ी चोरी करने की बात बताई, तो उसने कहा कि वह बिहार का है और अक्सर गोरखपुर आता जाता है। गोरखपुर में क्रेटा की गाड़ियां ज्यादा हैं और वहां आसानी से गाड़ियां मिल जाएंगी। इसके बाद वे अपनी क्विड कार से गोरखपुर आते थे।

गोरखपुर आने से पहले बदल देते थे कार का नंबर
गोरखपुर आने से पहले वे नंबर बदल देते थे। इसकी जगह वे एक क्विड कार का नंबर लगा लेते थे, जिसे उन्होंने ओएलएक्स पर देखा था। फिर चालक की तरफ के शीशे को तोड़कर सॉफ्टवेयर के जरिए कार को स्टार्ट कर फरार हो जाते थे। गाड़ियों में लगे जीपीएस और एलसीडी को निकाल देते थे और टोल प्लाजा से बचने के लिए बाईपास के रास्ते होकर देवरिया, बिहार होते हुए नागालैंड जाते थे।

एक कार का मिलता है 3 से 4 लाख
दोनों ने बताया कि कार को वे नागालैंड के दीमापुर निवासी गैंग के सरगना शब्बीर को देते थे। वह इसके बदले में 3 से 4 लाख रुपए देता था। इन लोगों ने अब तक गोरखपुर से तीन कार चोरी की हैं। इसमें दो का पैसा मिला लेकिन एक का पैसा इसलिए नहीं लिया क्योंकि साफ्टवेयर का पैसा उन्हें शब्बीर को देना था। शब्बीर इन गाड़ियों को अपने साथी कृष सेमा के जरिये वर्मा, म्यांमार, भूटान पहुंचाया था, जिसके बदले में वहां से इन्हें अच्छी खासी रकम मिलती है।

दोनों की गोरखपुर के रामगढताल व मोहद्दीपुर से चोरी हुई क्रेटा कार म्यांमार पहुंच चुकी हैं। नंदानगर से चोरी कार को जल्द ही भूटान भेजा जाना था, लेकिन तब तक वे लोग पकड़े गए और गाड़ी को पुलिस ने बरामद कर लिया। इन देशों में हुंडई के क्रेटा कार की डिमांड ज्यादा है। दोनों ने पुलिस को बताया कि शब्बीर और कृष सेमा हमारे जैसे लोगों के जरिए मध्यप्रदेश के इंदौर, दिल्ली, हरियाणा, बिहार के पटना के साथ ही उत्तर प्रदेश के लखनऊ सहित अन्य जिलों से क्रेटा आदि कारों को चोरी कर नागालैंड ले जाते हैं। वहां से शब्बीर उसे विदेशों में भेज देता था।

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