मुलायम के गनर रहे बघेल, अखिलेश को देंगे चुनौती … हॉट हुई करहल सीट- सपा मुखिया के सामने भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह को उतार चौंकाया

मैनपुरी की करहल सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। यहां अखिलेश सिंह का मुकाबला अपने पिता मुलायम सिंह के तैयार किए गए चेले प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल से है। देखना है कि पिता के कामों की विरासत अखिलेश को जिताएगी या मुलायम सिंह से राजनीति का पाठ सीखने वाले उनके शिष्य बघेल उन्हें राजनीतिक दांव-पेंच से पटखनी दे सकेंगे।

सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव मैनपुरी में करहल सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे थे, उस वक्त तक भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया था। जब अखिलेश नामांकन दाखिल करके लौटे, तो वहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने पहुंचकर करहल सीट पर चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बाद यूपी में सियासी माहौल गर्मा गया।

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के नामांकन के बाद करहल सीट और भी हॉट हो गई है। करहल विधानसभा सीट पर अब एक तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा से मोदी सरकार के मंत्री और आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल हैं, जो कभी अखिलेश के पिता मुलायम सिंह की सुरक्षा में तैनात रह चुके हैं।

एसपी सिंह बघेल का राजनीतिक सफर

बता दें कि प्रो. एसपी सिंह बघेल औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं। 1989 में मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री बने, तो प्रो. बघेल तब पुलिस में थे और उनकी सुरक्षा में लगे। मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर सीट से 1998 में चुनाव मैदान में उतार दिया। यह चुनाव जीतने के बाद वे दो बार यहां से सांसद चुने गए। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा में अक्षय यादव ने हरा दिया, तो उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली।

साल 2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक चुने गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट में उन्हें स्थान मिला। 2019 में उन्हें भाजपा ने आगरा लोकसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया और वह जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे। वर्तमान में वह मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।

भाजपा के सरप्राइज ने सबको हैरत में डाला

मैनपुरी की करहल विधानसभा मे अखिलेश यादव के सामने भाजपा किसको उतारेगी, इसको लेकर सस्पेंस बना था। अखिलेश यादव के नामांकन करने तक स्थिति स्पष्ट नहीं थी। मगर, इसके बाद भाजपा की ओर से केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल नामांकन को पहुंचे तो सब हैरत में पड़ गए। केंद्रीय मंत्री को अखिलेश के सामने उतार कर भाजपा ने जता दिया है कि वो इस सीट को हल्के में छोड़ना नहीं चाहती है। अखिलेश भले ही यहां से एक तरफा जीत का दावा करें, लेकिन भाजपा भी पूरी ताकत लगाने को तैयार है। नामांकन के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहाकि फिरोजाबाद में अपने गढ़ में अखिलेश के चचेरे भाई अक्षय यादव हार चुके हैं। डिंपल यादव भी हार चुकी हैं। समाजवादी पार्टी का किला ढह चुका है।

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