किसानों के सैलाब में बह न जाए BJP … 2013 के दंगों के बाद पहली बार दिख रहा जाट-मुस्लिम गठजोड़, जयंत-अखिलेश के सैलाब से हुई बेचैनी

वेस्ट यूपी की धरती पर पहले व दूसरे चरण में चुनाव होना है। 10 फरवरी को किसान बेल्ट से ही चुनाव की शुरूआत होने जा रही है। एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है। बुधवार को जिस तरह से जयंत चौधरी व अखिलेश यादव के साथ वेस्ट की धरती पर सैलाब नजर आया। उससे तो भाजपा के लिए वेस्ट यूपी में मुसीबत बढ़ने लगी हैं। सरकारी तंत्र की बेचैनी बढ़ती जा रही हैं। कारण हैं जाट और मुस्लिमों का एक साथ गठजोड़।

सड़कों पर सैलाब इतना की प्रशासन के पसीने छूटे

विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) व समाजवादी पार्टी का गठबंधन है। रालोद जाटलैंड की 34 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। मौजूद समय में आरएलडी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी सिर्फ बागपत की छपरौली विधानसभा सीट ही जीत पाई थी। जीतने वाले वह विधायक भी लोकदल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। किसान आंदोलन के बाद आरएडी अपने पूरे शबाब पर दिख रही है।

जयंत चौधरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कसने से पीछे नहीं हट रहे। बुधवार को जयंत व अखिलेश का रोड शो था। शामली जिले से लेकर बागपत, गाजियाबाद व लोनी तक सड़कों पर इस तरह से सैलाब नजर आया की प्रशासन को व्यवस्था संभालने में पसीने छूट गए। 14 घंटे के रोड शो सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है।

पहली बार जाट व मुस्लिमों का गठजोड़ दिख रहा

जयंत चौधरी व अखिलेश यादव के समर्थन में किसानों की भीड़
जयंत चौधरी व अखिलेश यादव के समर्थन में किसानों की भीड़

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी अपना 19 प्रतिशत का वजूद रखती है। जबकि प्रदेश में 5.6 प्रतिशत जनाधार है। मुजफ्फरनगर में 2013 में दंगे भी जाट व मुस्लिमों के बीच हुए थे। जिसके बाद जाट बिरादरी चौधरी अजित सिंह से छिटक गई। 2014 की मोदी लहर में भाजपा को प्रदेश में 71 सांसद मिले। 2017 में विधानसभा व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा इसका फायदा उठा सकी है। किसान आंदोलन के बाद समीकरण बदले हुए हैं। पहली बार जाट और मुस्लिम एक साथ गठजोड़ में हैं।

पलायन की धरती पर गन्ने का संदेश

शामली में पलायन की धरती पर गन्ने लिए जयंत व अखिलेश
शामली में पलायन की धरती पर गन्ने लिए जयंत व अखिलेश

भाजपा इस चुनाव में वेस्ट यूपी में मुजफ्फरनगर के दंगों के अलावा कैराना पलायन को मुद्दा बना रही है। बुधवार को जयंत और अखिलेश ने शामली की धरती पर पर रोड शोड किया तो सैलाब इतना था की शामली जिले की सड़कें सैलाब से पटी हुईं थी। ट्रैक्टर, ट्राली, जेसीबी के अलावा कार और अन्य वाहनों से किसान पहुंचे। रात में गन्ने के ट्रैक्टर भी रोड शो में शामिल किए गए। इसी कैराना की धरती पर जयंत व अखिलेश यादव गन्ने को लेकर संदेश दे रहे थे। की यह वेस्ट की धरती है और गन्ना यानी किसान यहां जीतेगा।

सीएम के बयान पर जयंत का तंज

शामली जयंत का किया गया ट़्वीट
शामली जयंत का किया गया ट़्वीट

एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हापुड़ जिले की धौलाना विधानसभा में प्रचार के समय बयान दिया था की यह जो गर्मी दिख रही है यह शांत हो जाएगी। मैं मई व जून माह में भी शिमला बना देता हूं। सीएम का यह धमकी भरा बयान शामली व मुजफ्फरनगर के लिए था।

जयंत चौधरी ने पलटवार करते हुए शामली में बयान दिया की बाबा यानी मुख्यमंत्री आपको धमकाते हुए कह रहे थे कि बहुत गर्मी हो रही है। हम मई में भी शिमला जैसा माहौल बना देंगे। बाबा को पता नहीं की हमारे खून में ही गर्मी है, धमकाने से कुछ नहीं होगा।

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