CM रहते योगी के सभी केस खत्म, करोड़पति भी बने ….
2017 तक दर्ज थे 4 मुकदमे, अब एक भी नहीं; योगी से अखिलेश 26 गुना ज्यादा अमीर….
योगी आदित्यनाथ ने आज अपना पर्चा गोरखपुर शहर से भर दिया है। अपने 24 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार योगी विधायकी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। सीएम के तौर पर यूपी की सत्ता संभालने के दावेदारों में शुमार अखिलेश यादव ने भी मैनपुरी के करहल से अपना नामांकन 1 जनवरी को दाखिल कर दिया था। योगी और अखिलेश का राजनीतिक करियर आगे-पीछे ही शुरू हुआ है।
सीएम रहते हुए अखिलेश यादव की संपत्ति में जहां 4 गुना का इजाफा हुआ था, तो वहीं योगी आदित्यनाथ ने सीएम रहते हुए अपने ऊपर चल रहे सभी आपराधिक मामलों को वापस ले लिया है। उन पर हत्या, दंगा कराने की साजिश, धमकाने जैसे संगीन आरोप थे। इसका खुलासा उनके पूर्व में दिए गए एफिडेविट से होता है।
2022 में दाखिल अपने एफिडेविट में योगी ने बताया है कि उनके ऊपर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं है। वहीं, अखिलेश यादव से तुलना करें तो 2022 में अखिलेश के पास योगी से 26 गुना ज्यादा संपत्ति है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव का 2004 से पहले के एफिडेविट का डेटा मौजूद नहीं है।
रिवॉल्वर और राइफल का शौक है योगी को
2004 में योगी आदित्यनाथ की उम्र 30 साल थी। उस समय योगी अपने बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहा करते थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में योगी द्वारा दाखिल एफिडेविट के मुताबिक, उनके पास चल संपत्ति के नाम पर 9 लाख 60 हजार 672 रुपए ही थे। हालांकि इस दौरान योगी को रिवॉल्वर और राइफल का शौक था। उनके पास एक रिवॉल्वर और राइफल भी थी, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव ने जब 2004 में चुनाव लड़ा तो वह करोड़पति थे। अखिलेश के पास कुल 2 करोड़ 31 लाख 42 हजार 705 रुपए की संपत्ति थी। अखिलेश यादव को रिवॉल्वर या राइफल का शौक नहीं रहा।
योगी पर दर्ज हो चुका है हत्या का मुकदमा
2009 के लोकसभा चुनाव में दाखिल योगी के एफिडेविट के मुताबिक, उन पर दो मुकदमे दर्ज थे, जिनमे 13 धाराएं लगाई गई थीं। इनमें हत्या का मुकदमा भी शामिल था। यही नहीं, उन पर दंगा कराने की साजिश का भी आरोप लगा था। वहीं, 2009 तक अखिलेश यादव पर एक भी मुकदमा नहीं दर्ज था। योगी के पास 2009 में 21 लाख 82 हजार 212 रुपए ही थे। उनके पास दुकान, मकान और जमीन के नाम पर कुछ भी नहीं था।
2014 तक योगी पर दर्ज हो गए थे 4 मुकदमे, 2019 में अखिलेश पर मुकदमों की संख्या थी शून्य
2014 में जब योगी लोकसभा चुनाव लड़े, तब तक उनके ऊपर 4 मुकदमे दर्ज हो चुके थे। 2014 में दिए गए ब्योरे के अनुसार, योगी के ऊपर जानलेवा हमले का आरोप भी लगा था। वहीं, अखिलेश यादव पर 2019 के लोकसभा चुनाव तक कोई भी मुकदमा नहीं दर्ज था।
योगी और अखिलेश दोनों पहुंचे विधान परिषद
अखिलेश के नेतृत्व में जब सपा ने बहुमत हासिल किया तो कन्नौज लोकसभा सीट छोड़कर 2012 में वह विधान परिषद पहुंचे थे। इसी तरह 2017 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद जब योगी को सीएम चुना गया तो उन्होंने गोरखपुर लोकसभा सीट छोड़ दी। 2017 में वह विधान परिषद में पहुंचे। 2017 में भी योगी के पास न तो खुद का मकान था, न ही कोई जमीन। हालांकि उनका गाड़ियों और हथियारों का शौक बरकरार रहा।
गाड़ी, ज्वेलरी और हथियारों के शौकीन हैं योगी
योगी शुरू से ही गाड़ी और हथियारों के शौकीन रहे हैं। अपने खर्च के ब्योरे में उन्होंने पहनने वाली ज्वेलरी का भी जिक्र किया है।
- 2004 में योगी के पास टाटा सफारी और टाटा क्वालिस थी, जबकि ज्वेलरी के नाम पर उनके पास कुछ नहीं था।
- 2009 में उनके पास टाटा सफारी और फोर्ड आइकन थी, जबकि कानों में पहनने के लिए 8 हजार के कुंडल और गले के लिए 15 हजार की चेन थी। साथ ही 10 हजार की रिवॉल्वर 5 साल में 1 लाख की हो गई थी और 20 हजार की राइफल 80 हजार की हो गई थी।
- 2014 में योगी के पास 3 लाख की टाटा सफारी, 12 लाख की इनोवा और 21 लाख की फार्च्यूनर थी, जबकि 45 हजार का सोना था।
- 2017 में योगी के पास 13 लाख की फार्च्यूनर और 8 लाख की इनोवा रह गई, जबकि 75 हजार की ज्वेलरी थी। वहीं, हथियारों का शौक बरकरार रहा।