टैक्स में 6% बढ़ोतरी से प्राॅपर्टी महंगी हुई … MP में प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग बोर्ड से प्रॉपर्टी खरीदने पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा

सरकारी प्राधिकरण, बोर्ड और स्मार्ट सिटी जैसी कंपनियों द्वारा अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे मकान, फ्लैट, दुकान और ऑफिस स्पेस खरीदना महंगा हो गया है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने इन एजेंसियों द्वारा तैयार किए जाने वाली किसी भी तरह की प्रॉपर्टी पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू मान ली गई है।

पांच साल पहले किस वस्तु पर कितना टैक्स लगाने के लिए जारी नोटिफिकेशन 11 और टैक्स में छूट के दायरे में आने वाली वस्तु और सेवाओं के नोटिफिकेशन 12 में व्यापक संशोधन कर लिए हैं। विभाग का कहना है कि सरकार के नियंत्रण वाले हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों को सरकारी विभागों के साथ 12% के दायरे में रखा गया था। अब इन्हें हटा लिया गया है। इसके बाद अब वे 90% से अधिक नियंत्रण वाले बोर्ड, प्राधिकरण और सरकारी कंपनियों द्वारा ठेकेदारों से जो काम करवाया जाता है, वह स्वत: ही 18% के दायरे में आ गया है।

गृह निर्माण एजेंसियां ठेके पर ही निर्माण करवाती हैं

नगर निगम एक सरकारी विभाग है। वह ठेकेदारों और आउटसोर्स एजेंसियों से घर और कमर्शियल प्रॉपर्टी का निर्माण करवाता है। इसमें डोर टू डोर कचरा संग्रह भी शामिल है। नगर निगम के लिए जो ठेकेदार यह काम करते हैं, उन पर पहले की ही तरह 12% टैक्स लगता है, लेकिन अगर यही काम स्मार्ट सिटी करता है।

जो सरकार और नगर निगम के साझा उपक्रम वाली एक कंपनी है, तो उसे 18% टैक्स देना होगा। आईडीए और हाउसिंग बोर्ड जैसी गृह निर्माण एजेंसियां ठेके देकर ही हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट का निर्माण करवाती हैं। अब उन्हें भी 12 की जगह 18% टैक्स लगेगा।

जानिए, कितना असर पड़ेगा

  • आईडीए से 40 लाख रुपए का घर खरीदने पर 12% की दर से पिछले साल तक 4.8 लाख रुपए जीएसटी देना पड़ रहा था। लेकिन इस साल घर खरीदने वाले को 18% की दर से 7.2 लाख रुपए तक टैक्स देना पड़ेगा। यानी 2.4 लाख रुपए तक ज्यादा।
  • प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड के चल रहे 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट के मकान और दुकान महंगे होंगे, भोपाल और इंदौर की स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रहे मकान भी महंगे होंगे।

अब तक सरकारी विभाग के समान सरकारी नियंत्रण वाले प्राधिकरण, बोर्ड, कंपनियों को भी कांट्रेक्ट सर्विसेज पर 12% टैक्स लग रहा था। अब जीएसटी काउंसिल ने अपने नोटिफिकेशन 11 की 3 नंबर की इंट्री में बदलाव किया है। बोर्ड, प्राधिकरण, कंपनियों को इससे बाहर कर दिया गया है। अब इन सभी के लिए कॉन्ट्रैक्ट सेवाएं दे रहे कॉन्ट्रैक्टर पर 18% जीएसटी लगेगा।

– मुकुल शर्मा, जीएसटी विशेषज्ञ

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