तीन दिन से नहीं चली, स्वास्थ्य विभाग को कराना है ठीक

ग्वालियर : खाद्य सुरक्षा विभाग की चलित फूड लैब की लोकेशन दिल्ली से ट्रैक हुई तो वह तीन दिन से एक ही जगह खड़ी मिली। इसकी वजह थी चलित लैब का खराब होना। इसे ठीक कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन अभी सही नहीं कराई गई है। इसी कारण चलित लैब से खाद्य पदार्थो की जांच भी नहीं हो पा रही है। चलित फूड लैब वाहन की हालत खराब है और इसको लेकर पहले भी शिकायत की जा चुकी है। उधर भोपाल से अभी भी 100 से ज्यादा सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है इसी कारण केस लगाने व जुर्माने की कार्रवाई नहीं हो सकी हैं।

यहां यह बता दें कि महानगरों को खाद्य पदार्थो की जांच के लिए विभाग द्वारा चलित फूड लैब दी जाती है, जो निर्धारित अवधि व शेडयूल के साथ घूमती है। ग्वालियर को भी फूड लैब मिली हुई है, लेकिन यह वाहन पुराना होने से आए दिन इसमें परेशानी आ रही है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई और पत्र भी सौंपे, लेकिन अभी तक संधारण नहीं कराया गया। सोमवार को भी खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया।

अंचल के हर शाला भवन व आंगनबाड़ी को मिले जल

ग्वालियर-चंबल संभाग में जल-जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यो में शत-प्रतिशत स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल कनेक्शन हो यह सुनिश्चित किया जाए। जल जीवन मिशन का कार्य केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। यह बात संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने सोमवार को जल जीवन मिशन के कार्यो की समीक्षा बैठक में कही।़सिंभागीय आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के चीफ इंजीनियर ग्वालियर आरएलएस मौर्य, एसई वीके छारी सहित जल निगम के अधिकारी और विभागीय कार्यपालन अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में लगभग 90 प्रतिशत शाला भवन व आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल कनेक्शन उपलब्ध हैं। शेष बचे सभी केंद्रों पर भी पेयजल कनेक्शन हो यह अधिकारी सुनिश्चित करें। संबंधित अवधि के बाद भी काम नहीं हुआ तो संबंधित अधीक्षण यंत्री के खिलाफ कार्रवाई होगी।