यूपी बीजेपी मेनिफेस्टो के पीछे 10 चेहरे …. 30 हजार पेटियों से निकली पर्चियों, ईमेल और 117 दिनों तक विरोधियों के भाषण पढ़कर बनाया घोषणा-पत्र
चुनाव के 2 दिन पहले जारी हुआ बीजेपी घोषणा पत्र 10 लोगों ने बनाया है। इसमें 7 सांसद, 2 विधायक और एक रिसर्चर हैं। पार्टी ने इन्हें 15 नवंबर 2021 को यानी 117 दिन पहले घोषणा पत्र बनाने का काम दे दिया था। इन 10 लोगों की टीम ने कुल 7 स्टेप में घोषणा पत्र बनाया है। आइए पहले इन 10 लोगों को जानते हैं, उसके बाद हम उन 6 स्टेप पर भी चलेंगे।
सुरेश खन्ना, मेनिफेस्टो बनाने वाली टीम के मुखिया हैं। अभी यूपी के वित्त मंत्री हैं। 40% मुस्लिम आबादी वाली शाहजहांपुर विधानसभा से लगातार 8 बार से बीजेपी विधायक हैं। नौवीं बार चुनावी मैदान में हैं।
बृजलाल, मेनिफेस्टो बनाने वाली टीम के उपाध्यक्ष हैं। यूपी की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं। मायावती के शासनकाल में डीजीपी थे।
अरविंद शर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। रहने वाले रोहतक के हैं और सांसद भी करनाल के हैं। बीजेपी ने यूपी में इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी।
राजेश वर्मा, 4 बार सांसद बन चुके हैं, अब भी हैं। इनका मुख्य काम मझोले व्यापारियों और लकड़ी कारीगरों से बात करके उनके पाइंट्स जुटाना था।
विजय पाल तोमर, राज्यसभा सदस्य हैं। इन्होंने किसानों और पीतल उद्योगपतियों से बातचीत करके अपने पॉइंट्स रखे थे।
रीता बहुगुणा जोशी, 2007 से 2012 तक यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं। अब भाजपा के साथ हैं। सांसद हैं। योगी सरकार में मंत्री भी रही हैं। मेनिफेस्टो में महिलाओं की बातें रखने में मदद की है।
सीमा द्विवेदी, पूर्व विधायक हैं। अभी राज्यसभा सांसद हैं। इन्होंने मजदूरों, शिक्षाविदों और अधिवक्ताओं के साथ बातचीत करके सुझाव लिए।
कांता कर्दम, राज्यसभा सांसद हैं। मेनिफेस्टो के लिए इन्होंने अनुसूचित जाति की समस्याओं को रखा है।
अतुल गर्ग, गाजियाबाद सीट से विधायक हैं। योगी सरकार में मंत्री भी रहे हैं। मेनिफेस्टो के लिए इन्होंने पर्यटन क्षेत्र और फुटवियर उद्योग के मजदूरों से सुझाव मांगे थे।
पुष्कर मिश्रा, ये यूपी बीजेपी के पॉलिसी रिसर्च डिपार्टमेंट के संयोजक हैं। मेनिफेस्टो के लिए इन्होंने फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों और व्यापारियों से सुझाव मांगे थे।
ये थे वो 10 लोग जिन्होंने बीजेपी का मेनिफेस्टो बनाया। अब ये देखते हैं कि मेनिफेस्टो बनाने के लिए क्या-क्या किया गया?
6 स्टेप में बना है बीजेपी का मेनिफेस्टो, गांव में रखी गई थीं पेटियां
- सुरेश खन्ना और टीम ने यूपी के सबसे बड़े मुद्दों की छानबीन की। फिर 10 विषय चुने। कृषि, महिला, शिक्षा, युवा, स्वास्थ्य, सुशासन, अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास, यूपी का आधार, सांस्कृतिक धरोहर और सबका साथ सबका विकास।
- यूपी के सभी मंत्रालयों से घोषणाओं संबंधित जानकारी मांगी कि उनके पास कैसी-क्या क्षमताएं हैं?
- कमेटी बनने के 1 महीने बाद 16 दिसंबर 2021 को जनता के सुझाव जानने का प्लान बनाया। इसे ‘यूपी नंबर 1: सुझाव आपका, संकल्प हमारा’ नाम दिया। इसमें यूपी के गांवों में 30 हजार आकांक्षा पेटियां लगवाई गईं। आम लोगों से सुझाव मांगे गए। ईमेल, मिस्ड कॉल, व्हाट्सएप और वेबसाइट के जरिए भी लोगों से सुझाव मांगे। हालांकि, कितने सुझाव आए? पार्टी ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी है।
- चुनावी भाषणों के दौरान विपक्षी नेताओं की घोषणाओं को पढ़ा।
- खुद की पार्टी के नेता भाषणों के दौरान जो घोषणाएं कर देते हैं, उनको देखा और समझा।
- तात्कालिक मुद्दों पर खास खयाल रखा। असल में बीजेपी अपना घोषणा पत्र 6 फरवरी को जारी करने वाली थी। उसी दिन लता मंगेशकर का निधन हो गया। इसलिए 8 फरवरी को जारी किया। जब घोषणा पत्र आया तो उनके नाम से ‘लता मंगेशकर परफार्मिंग आर्ट्स अकादमी’ की स्थापना करने की घोषणा की गई।
इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद 16 पेज का 130 वादों वाला मेनिफेस्टो जनता के सामने पेश किया।