लीडर बनने पर खुद में ये 4 बदलाव जरूरी

जब आप लीडर नियुक्त कर दिए जाते हैं तो कुछ जरूरी बदलाव आपको करने पड़ते हैं। ये बदलाव मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक हो सकते हैं और रोजमर्रा से जुड़ी आदतों के भी हो सकते हैं। सफलतापूर्वक खुद को बदलने के लिए आपको चीजों की गहरी समझ रखनी होगी। इस दौरान आपका माइंडसेट और फोकस भी बदलेगा। इसके अलावा और क्या बदलाव हो सकते हैं यहां जानिए…

1) आपके दोस्त अब सिर्फ दोस्त नहीं रह सकते

यदि आपको उस टीम का लीडर बना दिया गया है, जिस टीम का आप कभी हिस्सा हुआ करते थे तो संबंधों को नए सिरे से रीसेट करना पड़ सकता है। असरदार लीडरशिप की पहली मांग यह होती है कि आप टीम के हर साथी के साथ सामान्य व्यवहार करें। किसी एक की तरफ झुकाव रखेंगे तो पूरी टीम पर गलत प्रभाव पड़ेगा। साथियों से दोस्ती नहीं, दोस्ताना व्यवहार रखिए। टीम के सदस्यों से प्रोफेशनल दूरी बनाकर रखें।

2) टीम को लेकर चलने की जिम्मेदारी आपकी

पहले आपकी जिम्मेदारी अपने व्यवहार और परफॉर्मेंस तक ही सीमित थी, लेकिन अब टीम के हर सदस्य की जिम्मेदारी आपके ऊपर है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि टीम के हर सदस्य के उद्देश्य स्पष्ट हों, उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत ठीक रहे। आपको देखना होगा कि उन्हें समय-समय पर फीडबैक और आगे बढ़ने के लिए मजबूत दिशा दी जा रही है या नहीं। अगर बतौर लीडर आप अपनी टीम को काम करने का सही वातावरण देंगे तो काम का स्तर सुधरेगा।

3) संस्थान के संसाधनों के प्रबंधक भी हैं आप

एक लीडर के तौर पर आप अपने संस्थान के संसाधनों के प्रबंधक भी हैं। एक अच्छे मैनेजर के तौर पर यह आपकी जिम्मेदारी बनती कि आप संस्थान के संसाधनों का इस्तेमाल ठीक तरह से करें और उन्हें बढ़ाने के लिए मेहनत करते रहें। यह प्रबंधन आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। बाकी सब चीजें इसके बाद आती हैं। अगर आप अपने संस्थान के हितों का ध्यान रखेंगे, उसके पक्ष में फैसले करेंगे तो संस्थान भी आपके साथ सही करेगा।

4) मैनेजमेंट के लक्ष्य और निर्देश का पालन जरूरी

व्यक्तिगत तौर पर आपके पास ये छूट रहती है कि आप मैनेजमेंट के किसी भी निर्णय को नापसंद करें, असहमति जताएं। लेकिन एक लीडर के तौर पर आपको मैनेजमेंट के हर निर्णय की इज्जत करनी होगी और उनकी सोच के साथ खुद को ढालना होगा। इसका मतलब ये नहीं कि आप ‘कैसे’ और ‘क्यों’ नहीं पूछ सकते। लेकिन आपको यह समझना होगा कि आपको मैनेजमेंट के लक्ष्य और निर्देश पालन के लिए ही पैसे दिए जा रहे हैं। फिर चाहे आपकी उनके साथ सहमति हो या ना हो।

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