लक्ष्य स्पष्ट हैं तो परिवर्तन से फर्क नहीं पड़ेगा
- किताबों से जानिए क्यों उत्साह जरूरी है, अति-उत्साह नुकसानदायक है, कैसे कंफर्ट ज़ोन को त्याग परिवर्तन स्वीकार करे
उत्साह जरूरी है, अति-उत्साह नुकसानदायक
जीवन में कई बार हम अति-उत्साहित हो जाते हैं, जो अच्छा नहीं है। जल्दबाजी में काम बिगड़ने की संभावना रहती है। बहुत सोच-समझकर, धैर्य रखते हुए काम करने से आपको चीजों को बारीकी से समझने में आसानी होती है। आप खुद महसूस करते हैं आपको क्या करना है, क्या नहीं। तो…अपने उत्साह को बनाए रखें, पर इतना नहीं कि यह अति-उत्साह में परिवर्तित हो जाए। (हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल)
कंफर्ट ज़ोन को त्याग परिवर्तन स्वीकार करें
सफलता की राह में आपका सबसे बड़ा दुश्मन है आपका कंफर्ट ज़ोन और परिवर्तन का प्रतिरोध करने की आदत। विकास, प्रगति और उन्नति के लिए परिवर्तन बहुत जरूरी है। जीवन लंबे समय तक एक जैसा नहीं चल सकता। जब लक्ष्य स्पष्ट होते हैं और उनके साथ कर्म की विस्तृत योजना भी होती है, तो परिवर्तन आपके जीवन को और बेहतर ही बनाएगा। (लीडिंग चेंज)
भावनाएं, विचार आपके मन में ही जन्म लेते हैं
गुस्सा करते हुए आपको चार अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। पहले आप सोचते हैं कि व्यक्ति ने आपके बारे में क्या कहा। फिर तय करते हैं उसकी बात पर आपको गुस्सा होना है। फिर प्रतिक्रिया तय करते हैं। विचार, भावनाएं, क्रिया और प्रतिक्रिया आपके मन में ही जन्म लेती हैं। खुद को पहचानें, किसी को भी अपनी आंतरिक शांति में खलल डालने की अनुमति ना दें। (बिहेवियर मैनेजमेंट)
हमेशा सफल होने के बारे में ही सोचें
जब आपके सामने कोई कठिन परिस्थिति आए तो सोचें- मैं जीत जाऊंगा। अपनी चिंतन प्रक्रिया पर इस विचार को हावी होने दें कि मैं सफल होकर दिखाऊंगा। सफलता के बारे में सोचने से दिमाग ऐसी योजना बनाता है जिससे आपको सफलता मिलती है। असफलता के बारे में सोचने से इसका ठीक उल्टा होता है। (फेलिंग फॉर्वर्ड)