Bhopal … सरकारी आंगन में गरीबों का बचपन ….‘किराए’ की 19 हजार आंगनवाड़ी, हर साल 39 करोड़ रुपए खर्च; ज्यादातर में न कमरा, न ही शौचालय

भोपाल मध्यप्रदेश की 19900 आंगनवाड़ियां ऐसी हैं, जो किराए के कमरों में चल रही हैं। बड़ी बात ये है कि इन कमरों के सालाना किराए पर महिला एवं बाल विकास विभाग 39 करोड़ 19 लाख रु. खर्च कर रहा है, फिर भी इनकी दशा बद से बदतर होती जा रही है। तस्वीर दमोह के पथरिया जनपद के पिपरिया गांव की एक आंगनवाड़ी का है, जहां शौचालय नहीं है।

बच्चे इसी तरह सड़क पर यूरिन पास कर देते हैं। ऐसी ही दशा ज्यादातर आंगनवाड़ियों की है। कई में न कमरा है, न शौचालय। कहीं कमरों में कबाड़ भरा है तो कहीं सीमेंट बजरी। दैनिक भास्कर ने जब विभाग के आयुक्त डॉ. आरआर भोंसले से पूछा तो उन्हें ये स्थिति भी पहले से बेहतर लगी। बोले- 84 हजार में से सिर्फ 19 हजार आंगनवाड़ियां ही किराए के कमरों में हैं।

कारपेट एरिया के हिसाब से किराया

विभाग इन कमरों का किराया कारपेट एरिया के हिसाब से करता है। 10 बाई 8 के कमरे के लिए लोग 4 हजार रु. किराया मांगते हैं, जबकि विभाग ने गांवों में कमरे के लिए 750 रु. और शहरों में 3 हजार रु. रेट फिक्स किए हैं।

15 हजार में न शौचालय, न बिजली

प्रदेश की 15 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ियों में न शौचालय है, न ही बिजली। कई कमरों में तो धूप तक नहीं आती।

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