मौत की सजा पाने वालों में से सिर्फ 1% फंदे तक पहुंचते हैं, प्रतिभा पाटिल ने सबसे ज्यादा 35 लोगों की सजा-ए-मौत से बचाया
18 फरवरी यानी शुक्रवार को अहमदाबाद बम विस्फोट के 13 साल बाद 38 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। देश में पहली बार एक साथ इतने लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में 26 लोगों को यह सजा मिली थी।
ऐसे में मौत की सजा एक बार फिर चर्चा में है। भारत में रेयरेस्ट ऑफ रेयर (rarest of rare) मामलों में फांसी की सजा सुनाई जाती है। यानी केवल ऐसे मामलों में ही फांसी सुनाई जाती है जिनमें अपराध बेहद दुर्लभ हो। कुल फांसी की सजा मिलने वालों में से सिर्फ 1% फंदे तक पहुंचते हैं।
यही नहीं मौत की सजा सुनाए जाने के बाद राष्ट्रपति मौत की सजा को माफ कर सकते हैं या बदल सकते हैं। सभी राष्ट्रपतियों में प्रतिभा पाटिल ने सबसे ज्यादा 35 लोगों को फांसी की सजा से बचाया है।
आज मंडे मेगा स्टोरी में जानते हैं कि भारत में सजा-ए-मौत का मतलब क्या है? अब तक कितने लोगों को किन मामलों में ये सजा दी गई है? बाकी दुनिया के मुकाबले भारत मौत की सजा को लेकर कहां खड़ा है?










