फर्जी एडवाइजरी कंपनी बनाकर ठगा …. शेयर मार्केट का नकली सॉफ्टवेयर और एप बनाया, 8 माह में एक करोड़ 60 लाख ठगे, 2 गिरफ्तार
फर्जी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आठ माह से शेयर ट्रेडिंग और सेबी की नकली वेबसाइट और डाटा एनालिटिक्स की साइट बनाकर ग्राहकों से ठगी कर रहे थे। कंपनी ने ग्रेविटी मॉल में दबिश देकर एल्गो ट्रेडिंग कंपनी का भंडाफोड़ किया। कंपनी ने बाहर चॉइस ब्रोकिंग कंपनी का बोर्ड लगा रखा था।
पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में शेयर ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर सहित दो को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक कंपनी युवक-युवतियों को नौकरी देने के नाम पर ट्रेनिंग के लिए बुलाते थे। ट्रेनिंग के बाद वे प्रदेश के शहरों के में फोन लगवाकर शेयर ट्रेडिंग के नाम ठगी करते थे। पुलिस ने अब तक एक करोड़ 60 लाख की ठगी पकड़ी है।

विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि प्रोएक्टिव पुलिसिंग के तहत इलाके की बिल्डिंग्स की जांच की जा रही है। इनमें संचालित होने वाली कंपनियों की जानकारी ली जा रही है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि भमोरी इलाके के ग्रेविटी मॉल मैं एक ऑफिस में कुछ संदिग्ध गतिविधि चल रही है। दबिश देने पर फर्जी एडवाइजरी कंपनी संचालित होते पाई गई।
बाहर चॉइस ब्रोकिंग का बोर्ड, अंदर एल्गो के नाम से ट्रेडिंग कंपनी
कंपनी के बाहर चॉइस ब्रोकिंग कंपनी का बोर्ड लगा हुआ था। जांच में पता चला कि यहां पर एल्गो ट्रेडिंग कंपनी के नाम से काम किया जा रहा है। कंपनी से पुलिस ने मौके पर शुभम प्रजापति निवासी भमोरी, श्रव्या निवासी कालानी नगर को पकड़ा। कुलदीप और शुभम रिश्तेदार है और कंपनी का संचालन करते हैं।
झूठ बोलकर ठगते हैं ग्राहकों को
श्रव्या कंपनी में HR का काम संभालती है। जो नए लड़के-लड़कियों को नाम बदलकर बात करने के लिए ट्रेनिंग देती है। उन्हें असली कंपनी दिखा कर ऑफिस कार्य के नाम पर ट्रेनिंग देती थी एक युवक अरबाज नाम बदलकर रिहान नाम से ग्राहकों से बात कर उनसे राशि जमा करवाता था. आरोपी शुभम प्रजापति श्रव्य तथा रिहान उर्फ रिजवान को मौके से गिरफ्तार किया गया है जांच जारी है.
झांसा देने के लिए बनाया फर्जी सॉफ्टवेयर
जांच में सामने आया है कि कंपनी के लोगों ने ट्रेडिंग कंपनी में निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देने के लिए कंपनी के नाम का एप बनाया था। कंपनी के लोग जब किसी व्यक्ति से निवेश के लिए संपर्क करते हैं तो उन्हें अपनी बातों में लेने के लिए स्मार्ट ट्रेड सिक्योरिटी कंपनी की वेबसाइट दिखाते थे। इसे देख लोगों को एल्गो ट्रेडिंग कंपनी पर विश्वास करने लगते थे।
अपने फर्जी एप से डीमैट खाता खुलतवाते और उसीमें निवेश कराते
इसके बाद एल्गो ट्रेडिंग के कर्मचारी प्ले स्टोर पर कंपनी के ही नाम से बना एप डाउनलोड कराते थे। इस एप में ग्राहकों से डीमेट खाता खुलवाया जाता। फिर एप के जरिए ट्रांजैक्शन किए जाते। लोगों को भरोसे में लेने के लिए कंपनी के कर्मचारी शेयर बाजार के इंडेक्स के फर्जी ग्राफ का इस्तेमाल करते हैं। इसमें ग्राहक द्वारा निवेश किए गए कंपनी के शेयर में मुनाफा बताया जाता। इस तरह लोग इनके झांसे में आ जाते और वह मांगने पर बताई गई राशि कंपनी के खाते में जमा कर देते।
8 महीने से चला रहे थे कंपनी
जांच में पता चला करीब 8 महीने से फर्जी ट्रेडिंग कंपनी का संचालन किया जा रहा था। पहले आरोपी अपने घर से काम कर रहे थे। 2 महीने पहले ही ऑफिस किराए पर लेकर यहां से काम शुरू किया था। कार्रवाई के बाद जब कंपनी के रिकॉर्ड पुलिस ने देखे तो 4 पीड़ितो से पुलिस का संपर्क हुआ जिनसे डील हुई थी। पता चला कि अब तक कई लोगों से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी हो चुकी है। कंपनी के दस्तावेज और बैंक खातों की जांच पुलिस कर रही है।