फ्रॉड का एक तरीका ये भी, स्पेलिंग में हेरफेर:’O’ की जगह ‘0’ लगाकर आप ठग लिए जाएंगे, पता बाद में चलेगा; जानिए सबकुछ

भोपाल में हाल ही में स्टेट बैंक के मैनेजर दर्शन दानी के साथ ठगी की घटना हुई, जिसके बाद स्पेलिंग में हेरफेर कर फ्रॉड करने के तरीके का खुलासा हुआ। दरअसल दानी को एक ई-मेल आया। जिसमें तीन बैंक अकाउंट लिखे थे। मेल करने वाले ने खुद को सुराना मोटर्स का मालिक राजेंद्र सुराना बताकर मैनेजर को फोन कर कहा- 25 लाख 96 रुपए इन खातों में ट्रांसफर कर दीजिए। राजेंद्र सुराना की साख होने पर जल्दबाजी में मैनेजर ने ई-मेल की स्पेलिंग चेक नहीं की और रकम ट्रांसफर कर दी। इसका मैसेज जब सुराना को मोबाइल पर आया तो उन्होंने मैनेजर को फोन कर जानकारी मांगी। मैनेजर ने जब ई-मेल आईडी चेक की तो जालसाज ने सुराना की ई-मेल आईडी से ही मिलती-जुलती आईडी बनाई थी। दो शब्द इधर से उधर किए थे।

स्पेलिंग में हेरफेर कर फ्रॉड भी किए जाते हैं। साइबर क्रिमिनल्स तो Amazon के O अक्षर को हटाकर 0 (जीरो) लगा देते हैं। इसके नाम से फेक बेबसाइट बना लेते हैं। नए कस्टमर्स जब इंटरनेट पर अमेजन तलाशते हैं तो उन्हें फेक यानी जीरो वाला साइट मिल जाता है। ऐसे फर्जी वेबसाइट पर ऑनलाइन वैसे ही भुगतान का ऑप्शन होता है। ऐसे में लोग ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं, लेकिन उन तक उनका खरीदा हुआ सामान नहीं पहुंच पाता।

अक्षरों में हेरफेर कर ब्यूटी प्रोडक्ट, कपड़े, खाने-पीने का सामान तक मार्केट में आपको बेचा जाता है। जैसे Adidas को Abibas कर दिया जाता है। पहली नजर में नकली प्रोडक्ट की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। गौर से देखने पर ही आप असली-नकली की पहचान कर सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप भी असली और नकली प्रोडक्ट की पहचान आसानी से कर सकते हैं।

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