Gwalior .. जीवित मरीजों को मृत बताने का मामला:जूनियर रेसिडेंट की सेवाएं समाप्त कीं शिवकुमार केस की जांच करेगी कमेटी

जयारोग्य चिकित्सालय में दाे जीवित मरीजाें काे मृत बताने के मामले में गुरुवार को डीन डॉ. समीर गुप्ता ने कॉलेज काउंसिल की बैठक बुलाई। इसमें गत 25 फरवरी को ट्रॉमा सेंटर में महोबा की जामवती को मृत बताकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के मामले में ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो सर्जरी के जूनियर रेसिडेंट डॉ. किशन सोनी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए।

साथ ही न्यूरोसर्जरी के आईसीयू में मंगलवार को शिव कुमार उपाध्याय को मृत बताकर लाइफ सपोर्ट उपकरण हटाने के मामले की जांच के आदेश दे दिए। जांच पूर्व डीन व न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन अयंगर की अध्यक्षता में सहायक अधीक्षक डॉ. जितेंद्र नरवरिया और डॉ. नीलिमा टंडन की कमेटी करेगी।

कमेटी तीन दिन में जांच रिपोर्ट डीन को सौंपेगी। बैठक में डॉक्टराें के नियमित राउंड न लेने का मामला उठा। डीन ने कहा कि डॉक्टर नियमित राउंड लें। इसकी मॉनीटरिंग विभागाध्यक्ष करें। अगर कोई डॉक्टर देर से आता है और जल्दी चला जाता है तो विभागाध्यक्ष उसकी लिखित शिकायत करें, ताकि कार्रवाई की जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि इंचार्ज नर्स विभागाध्यक्ष को राउंड दिलाएंगी, ताकि अगर कोई कमी हो तो उसे तत्काल दूर किया जा सके। वार्ड की सफाई व्यवस्था को देखना भी इंचार्ज नर्स काे देखना होगा।

गाैरतलब है कि जामवती मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हाे सकी है। कमेटी को गुरुवार को अपनी जांच पूरी कर शुक्रवार को रिपोर्ट डीन को सौंपनी थी। नर्सों पर कार्रवाई का अधिकार अधीक्षक को: अस्पताल अधीक्षक ने न्यूरोसर्जरी की दो नर्सों को निलंबित करने की अनुशंसा डीन से की थी। डीन ने अधीक्षक के पत्र के जवाब में लिखा है कि नर्सों पर कार्रवाई के लिए अधीक्षक सक्षम अधिकारी हैं। इसलिए इस मामले में जो भी उचित कार्रवाई है वह करें।

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