कोरोना काल के दो साल बाद पहली बार … 400 कॉलेजों काे निरीक्षण के बाद ही दी जाएगी संबद्धता
जीवाजी यूनिवर्सिटी में कोरोना काल के बाद पहली बार अंचल के सभी 400 कॉलेजों का निरीक्षण किया जा रहा है जिनमें 2 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। दावा किया जा रहा है कि इस बार निरीक्षण में कॉलेजों की कमियां और खामियां देखी जाएंगी और उसके आधार पर संबद्धता दी जाएगी।
शिक्षकों और संसाधनों की कमी वाले कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी जाएगी। फिलहाल निरीक्षण शुरु करने की तारीख 16 मार्च तय की गई है। इससे पहले 8 से 15 मार्च तक कॉलेज अपने यहां शिक्षकों और प्राचार्यों की कमी पूरी करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोरोना से पिछले दो साल में कॉलेजों का ढंग से निरीक्षण नहीं हो पाया था। 2020 में निरीक्षण प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई थी, इसके बाद प्राइवेट कॉलेजों से सभी सुविधाएं दिए जाने संबंधी शपथ पत्र लेने के बाद उन्हें संबद्धता दे दी गई थी। 2021 में भी कोरोना की दूसरी लहर निरीक्षण के दौरान आ गई थी।
इसलिए सिर्फ नए कॉलेजों का निरीक्षण कराया गया, पुराने कॉलेजों को निरीक्षण से राहत दे दी गई थी। बीच सत्र में कुछ कॉलेजों में शिक्षक और संसाधनों की कमी की शिकायतें जेयू प्रबंधन तक पहुंची थी। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस बार निरीक्षण में किसी भी मामले में कोताही नहीं बरती जाएगी ऐसा दावा किया जा रहा है।
इन बिंदुओं पर होना चाहिए सख्ती तब सुधरेगा स्तर
- प्राइवेट काॅलेजों में विश्वविद्यालय परिनियम 28 (17) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया होना चाहिए लेकिन कॉलेजाें कुछ शिक्षक इस प्रक्रिया से नियुक्त न कर मैनेजमेंट कोटे में नियुक्त किए जाते हैं। संबद्धता के लिए इसका प्रावधान नहीं हैं।
- शिक्षकों के वेतन-भत्तों को लेकर शिकायतें होती रही हैं। प्राइवेट कॉलेज संचालक शिक्षकों को नियमानुसार पूरा वेतन नहीं देते हैं ऐसा आरोप लगता रहा है। इसके साथ ही प्रोवीडेंट फंड और बैंक खाते में वेतन भेजने पर भी आरोप लगे हैं।
- रजिस्ट्रार डॉ. सुशील मंडेरिया ने कहा कि इस बार सभी कॉलेजों का निरीक्षण कराया जा रहा है, निरीक्षण के दौरान सभी तय मापदंड परखे जाएंगे, इसके बाद ही संबद्धता दी जाएगी। इस बार शिक्षकों की परिनियम 28(17) से नियुक्ति का निरीक्षण, उनके वेतन भत्तों की जांच, वेतन बैंक खातों पहुंच रहा है या नहीं तथा प्राेवीडेंट फंड में जमा हो रहा है या नहीं यह भी निरीक्षण के दायरे में आना चाहिए।
- लाइब्रेरी में किताबों और रिसर्च जर्नल्स की स्थिति को भी देखना होगा। कुछ प्राइवेट कॉलेजों में खेल मैदान की स्थिति ठीक नहीं रहती है। इस ओर भी ध्यान देना होगा।