ग्वालियर … अलविदा 2021…:ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ती जिंदगी, बाढ़ में बह गए थे सैकड़ों घर, कोरोना जीरो हुआ तो फिर गूंजी शहनाई, जाते-जाते ओमिक्रॉन ने डराया

  • – खुशी लेकर आया था साल 2021, लेकिन ओमिक्रॉन की दहशत पर हुआ अलविदा…..

साल 2021 अलविदा हो रहा है, लेकिन ग्वालियर के लिए इस बीते साल का अनुभव कुछ मिला जुला रहा है। साल की शुरूआत 16 जनवरी को कोरोना महामारी का पहला टीका हेल्थ वर्कर को लगा तो पूरा देश झूम उठा। ग्वालियर में डॉक्टरों ने डांस कर खुशी मनाई थी। पर इसके बाद ग्वालियर-मुरैना में जहरीली शराब से 48 घंटे में 24 लोगों की मौत, ऑक्सीजन की कमी से उखड़ती सांसे और एक दिन में कमलाराजा अस्पताल में 5 लोगों की मौत ने सभी को रूला दिया। इसके बाद ब्लैकफंगस ने बची कुची कसर पूरी कर दी। पर कुदरत का कहर यहां भी खत्म नहीं हुआ था। अंचल में 1 व 2 अगस्त की दरमियानी रात 50 सालों में अभी तक की सबसे भीषण बाढ़ आई। जिसमें हजारों जिंदगियां दाव पर लग गईं। बाढ़ में उजड़े घर आज तक नहीं बन पाए हैं। 14 अगस्त को महाराज बाड़ा पर क्रेन हादसा ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी थीं। तीन लोगों की जान इसमें गई थी। पर साल के जाते-जाते दिपावली पर कोरोना केस जीरो हुए तो एक बार फिर शहनाई गूंजी और शहर रोशन होने लगा, लेकिन जाते-जाते ओमिक्रॉन की दहशत फिर सामने आ गई।

ग्वालियर-मुरैना में शराब से 48 घंटे में 24 मौत हुई थीं
ग्वालियर-मुरैना में शराब से 48 घंटे में 24 मौत हुई थीं

खुशी से हुई थी साल 2021 की शुरूआत…
– साल 2020 में कोरोना ने लॉकडाउन और सड़कों पर कई सौ किलोमीटर पैदल निकलने वालों का मंजर दिखाया था, लेकिन साल 2021 की शुरूआत वैक्सीन की राहत से शुरू हुई थी। 16 जनवरी को ग्वालियर का पहला टीका हेल्थ वर्कर को लगा था। इसके बाद ग्वालियर के JAH में डॉक्टर खुशी से झूम उठे थे। यह वीडियो पूरे देश में वायरल हुआ था। पर जनवरी में ग्वालियर-मुरैना में जरहीली शराब से 24 लोगों की मौत का तांडव भी लोगों के जहन में है। इसमें तत्काली कलेक्टर, एसपी की छुट्‌टी हो गई थी।

ट्रक की टक्कर से क्षतिग्रसत ऑटो इसमें 13 लोगों की जान गई थी
ट्रक की टक्कर से क्षतिग्रसत ऑटो इसमें 13 लोगों की जान गई थी

13 निर्दोष जिंदगियां चढ़ी थी रफ्तार की भेंट
– साल की शुरूआत में 23 मार्च 2021 को साल का सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ था। आंगनवाड़ी में बंटने वाला खाना बनाकर लौट रहीं महिलाओं से भरी ऑटो को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया था। जिसमें 12 महिलाएं और एक ऑटो चालक समेत कुल 13 मौत हो गई हैं। इस घटना से पूरा प्रदेश हिल गया था।
अप्रैल-मई-जून में फिर करोरोना ने मचाई तबाही
– साल 2021 के अप्रैल, मई और जून महीने फिर कोरोना की चपेट में गुजरे हैं। कोविड की दूसरी लहर ने ग्वालियर में तबाही मचाई थी। सांसों का संकट पूरे प्रदेश में चर्चित रहा था। यहां ऑक्सीन की कमी से कई कोविड पेशेंट की मौत हुई थी। एक ही दिन में JAH के KRH (कमलाराजा हॉस्पिटल) में 5 लोगों की मौत सिर्फ ऑक्सीजन न मिलने के कारण हुई थी।

कोविड में रिकॉर्ड मौत, एक-एक दिन में शमशान घाट में जले 40-40 शव
कोविड में रिकॉर्ड मौत, एक-एक दिन में शमशान घाट में जले 40-40 शव

जुलाई में ब्लैकफंगस ने रूलाया
– कोविड के बीच जुलाई 2021 में ब्लैकफंगस आफत बनकर आया था। जैसे-तैसे लोग कोविड से बाहर निकल रहे थे तो ब्लैकफंगस एक नई आफत बनकर सामने आया था। कोरोना से जंग जीतने वालों को ब्लैकफंगस ने खूब रूलाया था। इसके लिए दवा ही नहीं मिल रही थी। एक व्यवसायी की बेटी का मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए वीडियो पूरे देश में चर्चित हुआ था। जिसके बाद समाजसेवी व एक्टर सोनू सूद ने उस बिटिया से संपर्क कर मदद की थी। जिसके बाद सरकार भी हरकत में आई थी। जुलाई में ही सिंधिया घराने के मुखिया कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद मोदी केबिनेट में केन्द्रीय मंत्री बने थे।
50 साल की सबसे भंयकर बाढ़ ने मचाई थी तबाही
– 1 व 2 अगस्त की दरमियानी रात अंचल की चंबल, सिंध, पार्वती, कूनो, नोन नदी ने अभी तक की सबसे बड़ी तबाही मचाई थी। सैकड़ों गांव के हजारों लोग इस बाढ़ में फंसे थे। खुद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को हेलीकॉप्टर से लिफ्ट करने का VIDEO जमकर वायरल हुआ था। करोड़ों का नुकसान हुआ था। एरियल VIDEO और फोटो और मुख्यमंत्री का हवाई दौरा अहम था। इस बाढ़ में हजारों घर तबाह हुए। तीन-तीन दिन तक लोग टापू पर शरण लिए रहे। 21 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई, सैकड़ों पशु बह गए। आज भी राहत कैंप लगे हैं। लोग जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं।

महाराज बाड़ा पर क्रेन हादसा जिसमें तीन कर्मचारियों की मौत हुई थी
महाराज बाड़ा पर क्रेन हादसा जिसमें तीन कर्मचारियों की मौत हुई थी

कभी नहीं भूलाया जाएगा क्रेन हादसा
– अगस्त को ऐसे ही नहीं भुलाया जा सकता है। 15 अगस्त की तैयारी में 14 अगस्त को 60 फीट की ऊंचाई पर क्रेन से झंडा लगा रहे अस्थायी तीन कर्मचारियों की अत्यआधुनिक क्रेन के जैक उखड़ने और क्रेन की ट्रॉली नीचे गिरने से मौत हो गई थी। इस मामले की जांच आज भी जारी है।
नवंबर में फिर गूंजी शहनाई
– अक्टूबर के बाद कोविड एकदम खत्म हो गया, क्योंकि वैक्सीन से हालात सुधर हे थे। पर नवंबर में दीपावली पर बाजार पूरी क्षमता के साथ खुले। उसके बाद फिर से सहालग मंे लोग खुश नजर आए। एक बार फिर शहनाई गूंज रही थीं और मैरिज गार्डन, वाटिका रोशन हुए थे।
अंत में फिर ओमिक्रॉन की डराया
– साल 2021 का अंत दिसंबर में एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत ने एंट्री की है। साल का अंत ओमिक्रॉन की दहशत के बीच हुआ है। एक बार फिर कोरोना केस बढ़ने लगे हैं। जिससे कोरोना की तीसरी संभावित लहर की आशंका बढ़ गई है।

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