कितना क्योटो बनी काशी ….. बनारस की गलियों से ग्राउंड रिपोर्ट, युवा बोले, “फैसिलिटीज का क्या फायदा जब इतना पढ़ कर हमें जॉब ही ना मिले”

यूपी में फिर से हम भगवा लहराएंगे”

चारों तरफ इसी नारे की गूंज के साथ बनारस में पीएम मोदी के रोड शो की शुरुआत हुई। 2022 विधानसभा चुनाव का ग्रैंड फिनाले वाराणसी में होने वाला है। इसी सिलसिले में मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस पहुंचे। जोर-शोर से भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाए गए।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पीएम मोदी का रोड शो
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पीएम मोदी का रोड शो

ठेठ बनारसी स्टाइल में गमछा, खादी की सदरी, सर पर भगवा टोपी पहने पीएम मोदी की एक झलक के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मोदी ने भी हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया।

इस रोड शो के जरिए पीएम ने वाराणसी के तीन क्षेत्रों शहर उत्तरी, शहर दक्षिणी और कैंट में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।

हमने भी बनारस की अलग-अलग गलियों में जाकर लोगों से बात की। जाना कि बनारस की जनता इस बार किसके पक्ष में वोट करने वाली है। कुछ बातें नीचे लिख रहे हैं। पूरी बात जानने के लिए वीडियो देखें…

हर चीज में योगी नंबर 1 हैं

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महिलाओं ने कहा, “कुछ भी हो जाए चाहिए तो योगी जी ही”

महंगाई बढ़ने के हमारे सवाल पर बनारस की महिलाएं बोलीं, “अब महंगाई बढ़े या कुछ भी हो जाए चाहिए तो हमें योगी जी ही। उन्होंने महिलाओं के लिए बहुत काम किया है।”

अखिलेश की सरकार में 1090 की बस शुरुआत हुई थी। असल काम भाजपा ने ही किया है।

आस पास मौजूद लोगों ने भी यही कहा, “बाबा ने जितना काम किया है उतना न सपा ने किया है न कांग्रेस ने। आज सारे माफिया जेल के अंदर हैं , जो मेहनती युवा हैं वो सारे सेटल हैं तो बेरोजगारी की भी कोई बात नहीं है।”

वहीं बनारस घूमने आए लोगों से भी हमने बात की। वो बोले, “हम पहले बनारस आते थे तो कुछ और दिखता था, आज का बनारस कुछ और हो गया है। चाहें बात सफाई की हो, सुरक्षा की हो या इंफ्रास्ट्रक्चर की। हर चीज में योगी नंबर 1 हैं।”

इकॉनमी और एजुकेशन के मामले में सरकार नाकाम

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बीएचयू के स्टूडेंट्स बोले, “इकॉनमी और एजुकेशन के लेवल पर फेल योगी सरकार”

बीएचयू में पढ़ने वाले युवा बोले, “ग्राउंड वर्क देखा जाए तो ज्यादातर स्कीम्स सेंटर की हैं। स्टेट में जैसे योगी जी आए हैं, इकॉनमी और एजुकेशन के लेवल पर सब धरा का धरा रह गया। ग्राउंड रिएलिटी यही है कि कोई खास सुधार नहीं दिखा है।”

हर बच्चा पढ़ बस इसलिए रहा है कि उसे नौकरी चाहिए। कॉलेज, कोर्सेज जैसी फैसिलिटीज देकर क्या फायदा जब पढ़ कर बच्चों को जॉब न मिले। ऐसी गवर्नमेंट का कोई मतलब नहीं जो हम लोगों को नौकरी न दे पाए।

मैं मर भी जाऊं तो भी लोग कहेंगे कि वो तो बड़ा आदमी था

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आरक्षण आर्थिक आधार पर हो, ना कि जातीय आधार पर

आरक्षण के सवाल पर दुकानदार बोले, “मैं क्षत्रिय हूं। हमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम बड़े आदमी हैं। तो हम किसकी बात करें। कौन सी सरकार हमारी मदद कर सकती है।”

वो बोले, “मैं मरता रहूंगा तो भी लोग कहेंगे कि वो तो बड़ा आदमी था। चाहें हमारे पास पैसा, जमीन हो या ना हो। हम किससे हक मांगने जाए। हमारी कोई नहीं सुनता। हम चाहते हैं कि अब आरक्षण आर्थिक आधार पर हो, ना कि जाति के आधार पर।”

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