पंजाब की 5 हॉट सीटें:कैप्टन आउट, सिद्धू संकट में; सोनू सूद को भी लोगों ने नकारा और कांग्रेस की दलित पॉलिटिक्स फेल
वहीं जलालाबाद में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल भी चुनाव हार गए हैं। वहीं CM चरणजीत सिंह चन्नी भी भदौड़ सीट से आप कैंडिडेट से चुनाव हार गए। चन्नी की हार के साथ ही पंजाब में कांग्रेस की दलित पॉलिटिक्स भी फेल हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) बहुमत की ओर है। पार्टी के 2 बार के सांसद और CM चेहरे भगवंत मान के घर जश्न का माहौल है।
हॉट सीट 1 : अमृतसर ईस्ट – अकाली दल को चुनौती देकर खुद फंसे सिद्धू
- मुकाबला किसके बीच : कांग्रेस और अकाली दल
अमृतसर ईस्ट सीट पर 9 राउंड के बाद नवजोत सिद्धू 23488 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। आम आदमी पार्टी की जीवनजोत कौर 28289 वोटों से लीड कर रही हैं। वहीं अकाली दल के बिक्रम मजीठिया 18799 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
क्यों अहम है सीट : कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने की वजह नवजोत सिद्धू ही रहे। दूसरी ओर ड्रग मामले में FIR दर्ज होने के बाद अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने सिद्धू को उनके ‘घर’ में घुसकर चुनौती दी।
अब तक के चुनाव : कांग्रेस की परंपरागत सीट। सिद्धू बतौर सांसद और विधायक 18 साल से इसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह वर्ष 2017 में 42,809 मतों से जीते जो मार्जिन के लिहाज से सूबे में कैप्टन के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर रहा।
असर क्या होगा : पंजाब मॉडल के सहारे सूबे की हालत सुधारने का दावा करने वाले सिद्धू का सब कुछ दांव पर है। हालांकि, उनके वर्किंग स्टाइल से कांग्रेस के ही कई नेता नाराज हैं। सिद्धू हारे तो कांग्रेस में उनके लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। सिद्धू जीते तो वह पार्टी में मजबूत होंगे और विरोधियों पर उनके हमले तीखे होंगे।
दूसरी ओर बिक्रम मजीठिया हारे तो ये सीधे बादल परिवार की हार होगी। अकाली दल में भी मजीठिया के खिलाफ बगावती सुर उठेंगे। अगर वह जीते तो पार्टी में तो मजबूत होंगे ही, सूबे की राजनीति में भी उनका कद बढ़ेगा।
हॉट सीट 2 : भदौड़ – कांग्रेस की चन्नी के जरिये मालवा साधने की कोशिश नाकाम
- मुकाबला किसके बीच : कांग्रेस और AAP
भदौड़ सीट पर AAP के लाभ सिंह उगोके 9 राउंड के बाद 46349 वोटों के साथ पहले नंबर पर है। वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी 19550 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। अकाली दल के राही 16408 वोट के साथ तीसरे नंबर पर है।
क्यों अहम है सीट : पंजाब की 117 में ये 69 सीटें मालवा रीजन में आती हैं। कांग्रेस ने इस एरिया को साधने के लिए अपने CM चेहरे चरणजीत चन्नी पर दांव खेला। कैप्टन के जाने के बाद, पहली बार है जब कांग्रेस ने न CM मालवा से बनाया और न प्रदेशाध्यक्ष। हाईकमान ने अपनी इसी ‘चूक’ को सुधारने के लिए चन्नी को दोआबा से यहां भेजा।
अब तक के चुनाव : 1967 में बनी भदौड़ सीट पर 12 में से 7 चुनाव अकाली दल ने जीते। 2017 में यहां AAP के पीरमल सिंह जीते जो अब कांग्रेसी हो चुके हैं। 2017 से पहले तक अकाली दल का गढ़ रही सीट पर पार्टी का कैंडिडेट मुख्य मुकाबले से बाहर है।
असर क्या होगा : चन्नी कांग्रेस ही नहीं, पंजाब के सभी सियासी दलों में इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2 सीटों से चुनाव लड़ा। चमकौर साहिब में भी उनकी स्थिति डांवाडोल है और भदौड़ में हार रहे हैं। ऐसे में मालवा की अनदेखी करने वाले कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठना लाजिमी है। पार्टी में दूसरे नेता चन्नी की घेराबंदी तेज करेंगे।
हॉट सीट 3 : धूरी – 2 बार हार चुके भगवंत के सामने नए अवसर
- मुकाबला किसके बीच : AAP और कांग्रेस
धूरी सीट पर आम आदमी पार्टी के सीएम फेस भगवंत मान 12 राउंड के बाद 72873 वोट के साथ सबसे आगे हैं। वहीं कांग्रेस के गोल्डी 22105 वोट के साथ दूसरे और अकाली दल के प्रकाश चंद 5680 मतों के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
क्यों अहम है सीट : धूरी से AAP का CM चेहरा भगवंत मान मैदान में हैं। यह सीट संगरूर लोकसभा सीट से लगातार दो बार AAP के टिकट पर संसदीय चुनाव जीतने वाले मान के संसदीय क्षेत्र में ही आती है। भगवंत मान इससे पहले जलालाबाद और लहरा से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। यहां उनकी टक्कर कांग्रेस के दलवीर गोल्डी से है।
अब तक के चुनाव : 1957 से अब तक धूरी सीट पर हुए 14 चुनाव में से 6 बार कांग्रेस जीती। अकाली दल और CPI कैंडिडेट भी 3-3 बार जीते, 2 बार वोटरों ने निर्दलीय को जिताया। पिछले 2 चुनाव से यहां कांग्रेस का MLA है।
असर क्या होगा : भगवंत मान के लिए यह चुनाव बेहद अहम रहा। पार्टी का सीएम फेस बनने के लिए भगवंत मान लॉबिंग करते रहे हैं। वह चुनाव जीत रहे हैं और पंजाब में AAP की सरकार बन रही है। ऐसे में CM की कुर्सी के हाथ उनके सामने नए अवसर आ रहे हैं।
हॉट सीट 4 : पटियाला – कैप्टन की सियासत का अंत
- मुकाबला किसके बीच : BJP+ और AAP
वहीं पटियाला सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव हार गए हैं। 12वें राउंड तक आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली 43320 के साथ लीड ले रहे थे। वहीं कैप्टन को 26571 वोट ही मिले थे।
क्यों अहम है सीट : कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए पटियाला अर्बन हमेशा सुरक्षित सीट रही। इस बार वह कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। 6 महीने पहले तक कैप्टन के साथ कांग्रेस के जिस संगठन की ताकत थी, वही इस चुनाव में उनके विरोध में खड़ा रहा।
अब तक के चुनाव : पटियाला अर्बन सीट पर हुए 19 चुनाव में 11 बार कांग्रेस जीती। 2002 से कैप्टन यहां के MLA हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर से सांसद चुने जाने पर उन्होंने सीट छोड़ी तो उपचुनाव में उनकी पत्नी परनीत कौर जीतीं।
असर क्या होगा : कैप्टन उम्र के इस पड़ाव में जीतकर पंजाब की राजनीति पर अपनी पकड़ साबित करना चाहते थे। लेकिन उनकी हार के बाद कैप्टन की चार दशक की सियासी समझ और साख खत्म हो दिख रही है।
हॉट सीट 5 : मोगा – बॉलीवुड स्टार सोनू सूद के सियासी करियर का ‘The End’
- मुकाबला किसके बीच : कांग्रेस, AAP और BJP+
मोगा से अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका 11 राउंड पूरे होने के बाद दूसरे नंबर पर हैं। उन्हें 25279 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी की डॉ अमनदीप कौर 44814 वोटों के साथ पहले और अकाली दल के बरजिंदर सिंह मखन बराड़ 20926 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
क्यों अहम है सीट : बॉलीवुड स्टार सोनू सूद की बहन मालविका सूद ने कांग्रेस के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा। सोनू सूद के चलते ही कांग्रेस ने अपने सिटिंग MLA हरजोत कमल का टिकट काटा। सोनू ने भी बहन के लिए फिल्मों की शूटिंग छोड़कर दिन-रात प्रचार किया।
अब तक के चुनाव : मोगा सीट पर अब तक 15 चुनाव हुए और 12 बार कांग्रेस जीती। 3 बार अकाली दल को कामयाबी मिली। 2017 में कांग्रेस के टिकट पर हरजोत कमल 1,764 वोट से जीते थे।
असर क्या होगा : सोनू सूद अपनी बहन मालविका के साथ ही इनडायरेक्ट रूप से राजनीति में एंट्री लेने की तैयारी में थे। उनके चुनाव हारने से फिल्म अभिनेता का सियासी कैरियर शुरू होने से पहले ही खत्म होता दिख रहा है।