bhind … नई जेल के निर्माण में बढ़ी लागत … 14 साल में छह गुना बढ़ी नई जेल की लागत, पुरानी जेल की जमीन बेचकर पूरा होगा काम

शहर में जिला जेल को ढहे हुए सात महीने बीतने को जा रहे हैं। नई जेल का निर्माण कार्य अभी भी सुस्त गति से चल रहा है। बीते 14 वर्षों में इस निर्माणाधीन जेल की लागत छह गुना बढ़ गई है। स्थिति यह है कि नई जेल का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए सवा आठ करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके लिए पुरानी जेल की जमीन को रिडेंसिफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण) योजना में शामिल किया जा रहा है, जिससे लग रहा है कि नई जेल के निर्माण में अभी ओर वक्त लगेगा।

बीते साल 31 जुलाई की सुबह जिला जेल अचानक ढह गई थी, जिसके बाद आनन फानन में जिला जेल के कैदियों को ग्वालियर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। उस वक्त अफसरों ने कहा था कि दिसंबर तक नई जेल का कार्य पूर्ण हो जाएगा लेकिन साल खत्म होने के बाद दो महीने ओर बीत गए, काम अब तक पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अभी बंदियों को मेहगांव और गोहद की जेल में भेजा जा रहा है, जिससे उन्हें न्यायालय से जेल तक भेजने और लाने में पुलिस की जिम्मेदारी और खर्चा दोनों ही बढ़ गया है।

15 करोड़ रुपए का प्रस्ताव हुआ तैयार

पुलिस लाइन के पीछे स्थित पुरानी जेल की जमीन रिडेंसिफिकेशन स्कीम में देने के लिए प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग और हाउसिंग बोर्ड के इंजीनियरों से पीपीआर (प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराई है। इसके तहत पुरानी जेल की जमीन की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए रखी गई है, जिसमें सवा आठ करोड़ रुपए नई जेल के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।

शेष राशि से जिले की अन्य जेलों (लहार, मेहगांव और गोहद) में मरम्मत एवं निर्माण कार्य कराए जाएंगे। हालांकि अभी पीपीआर स्वीकृति के लिए शासन के पास गई है। स्वीकृति मिलने के पश्चात डीपीआर तैयार होगी, जिसमें कम से कम दो से तीन महीने का समय ओर लगेगा।

पांच बार बढ़ाया जा चुका समय

नवीन जेल के निर्माण में जब ठेकेदार ने काफी लापरवाही बरती तो लोक निर्माण विभाग ने उसके टेंडर को टर्मिनेट भी किया गया। इसके बाद पुनः टेंडर लगाए गए। तब इसकी लागत 4.5 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ रुपए हो गई। वहीं निर्माण कार्य में गति न आने की वजह से इसकी लागत धीरे-धीरे बढ़ते बढ़ते 23 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। वर्तमान में जेल निर्माण की जिम्मेदारी पीआईयू पर है। इस दौरान ठेकेदार को करीब पांच बार एक्सटेंशन भी दिया जा चुका है।

वर्ष 2008 में शुरू हुआ था नई जेल का निर्माण

रतनूपुरा के पास स्थित नवीन जेल का निर्माण कार्य अक्टूबर 2008 में शुरू हुआ था। तब इसकी लागत करीब 4.5 करोड़ रुपए थी। शुरुआती दौर से ही निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चलने की वजह से 14 साल बाद भी यह अब तक अधूरी है। वहीं इसकी लागत अब बढ़कर 23 करोड़ रुपए हो गई है। वहीं जेल का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए अभी सवा आठ करोड़ रुपए की ओर जरू रत है।

सवा आठ कराेड़ रुपए से बनेगी नई जेल

पुरानी जेल की जमीन को रिडेंसिफिकेशन स्कीम में शामिल कर उसकी पीपीआर तैयार कराई गई है, जिसे स्वीकृति के लिए भेजा रहा है। इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि में से सवा आठ करोड़ रुपए नवीन जेल के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। शेष राशि से अन्य जिलों में निर्माण कार्य व मरम्मत कार्य कराए जाएंगे। –डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर

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