दस करोड़ खर्च फिर भी रसीद कट्टे से शुल्क ले रहे निगमकर्मी

पार्र्किं ग को शुरुआती आधा से एक घंटे तक फ्री करने की भी उठ रही मांग

भोपाल. नगर निगम पार्किंग शुल्क वसूली के लिए अब तक दस करोड़ रुपए की हैंडहेल्ड मशीन खरीद चुका है, बावजूद इसके इस समय निगम के अधीनस्थ वसूली वाली पार्किंग में शुल्क की वसूली रसीद कट्टे से पर्ची काटकर की जा रही है। सवाल ये है कि जब कंप्यूटरीकृत तरीके से वसूली के लिए हैंडहेल्ड मशीन खरीदी थी तो फिर अब रसीद कट्टे की पर्ची क्यों दी जा रही है।
दस करोड़ खर्च फिर भी रसीद कट्टे से शुल्क ले रहे निगमकर्मी

दस करोड़ खर्च फिर भी रसीद कट्टे से शुल्क ले रहे निगमकर्मी
दस नंबर पर दो जगह निगम के कर्मचारी इसी तरह से वसूली कर रहे हैं। पुराने भोपाल में, बैरागढ़ में समेत कुछ अन्य जगहों पर इसी तरह से वसूली हो रही है। गौरतलब है कि 2012 से अब तक तीन बार हैंडहेल्ड मशीनें खरीदी जा चुकी है। इन्हें अवैध वसूली व फर्जी रसीद से वसूली रोकने के लिए खरीदा गया था। शुरुआत में इन पर करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च किए थे।
स्थिति ये रही कि डेढ़ से दो घंटे में मशीन की बैटरी खत्म होने की बात कहकर कर्मचारी बिना रसीद या रसीद कट्टे से रसीद काटकर वसूली शुरू कर देते हैं। पार्किंग प्रबंधन के लिए बाकायदा कुछ विशेषज्ञों की नियुक्ति भी की गई थी, लेकिन पार्किंग का ढर्रा नहीं सुधरा, ये विशेषज्ञ निगम की ही अन्य शाखाओं में समायोजित हो गए।
मशीन से ही हो वसूली
मेडिकल रिप्रजेंटेटिव आशुतोष गुप्ता का कहना है कि हैंडहेल्ड मशीनों से ही वसूली होना चाहिए। रसीद भी वाहन रखते समय ही दी जाना चाहिए। कोलार निवासी संजय कुमार का कहना है कि निगम की मशीनें तो शुरुआत में ही खराब हो गई थी, इस मामले में जांच की जाना चाहिए।
शुरुआती एक घंटा फ्री पार्किंग हो तो मिले राहत
पार्किंग स्थलों पर लोगों को शुरुआती आधा से एक घंटा फ्री पार्किंग की सुविधा देने की मांग भी की जा रही है। पूर्व राजस्व शाखा प्रभारी आशाराम शर्मा का कहना है कि जो लोग पांच से दस मिनिट के लिए वाहनों की पार्किंग करते हैं, उन्हें भी पूरा शुल्क चुकाना पड़ता है। निगम शुरुआती एक या आधा घंटा फ्री कर दूसरे घंटे के लिए शुल्क अधिक भी कर दे तो ठीक रहेगा।
काफी पार्किंग फ्री है। निगम के कर्मचारी रसीद कट्टे का उपयोग कर रहे हैं। हैंडहेल्ड मशीन को लेकर जानकारी निकलवाई जाएगी। – शाश्वत मीणा, अपर आयुक्त

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