पॉलिटेक्निक में सुधार के लिए अधिकारी घूमे अन्य राज्यों में….रुके आलीशान होटलों में, फ्लाइट से गए लेकिन रिपोर्ट सिर्फ हवा हवाई

गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के संस्थानों पर बनानी थी रिपोर्ट, रुके आलीशान होटलों में, फ्लाइट से गए लेकिन रिपोर्ट सिर्फ हवा हवाई

सूबे के पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षा के स्तर को देखते हुए सुधार की जरूरत है। इसी के चलते अब संस्थान के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए अधिकारियों ने गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु का दौरा किया है। यह सभी अधिकारी इन राज्यों के पॉलिटेक्निक संस्थानों और प्राविधिक शिक्षा परिषद के कार्यों को उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने की योजना बना रहे है।

तीन महीने पहले एक कोर टीम बनाई गई थी…
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए तीन माह पहले प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने पूरे प्रदेश के संस्थानों से प्रधानाचार्य, एचओडी, लेक्चरर और परिषद के संयुक्त सचिव की कोर टीम बनाई गई थी। टीम को उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में बनी पॉलिटेक्निक संस्थानों में जाकर वहां की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पद्धति की रिपोर्ट बनानी के लिए कहा गया था। जिसके आधार पर प्रदेश में वहां की पद्धति को लागू किया जाए।

छात्रों में पॉलिटेक्निक के प्रति घटी रुचि से शासन नाराज…
संस्थानों के सूत्र की माने तो पॉलिटेक्निक के प्रति प्रदेश के छात्रों की रुचि घटने के बाद से शासन काफी नाराज था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शासन ने प्रदेश की पॉलिटेक्निक में सुधार करने के लिए समिति के सदस्यों ने का राज्यों का दौरा किया है। निदेशक प्राविधिक शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि टीम राजकीय और अनुदानित संस्थाओं में जाकर शैक्षिक सुधार के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्लेसमैंट, स्टाफ, पढ़ाई के तरीके और सुविधाओं पर रिपोर्ट बनाकर जेईईसीयूपी को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर संस्थाओं में सुधार भी किया जाएगा।

फ्लाइट से गए महंगे होटल में रुके लेकिन रिपोर्ट हवा-हवाई…
पूरे प्रदेश से समिति के सदस्य फ्लाइट इन तीनों राज्यों में गए। महंगे होटल में रुके। इसके बाद जब रिपोर्ट सौंपने की बारी आई तो कोई भी सदस्य ठीक से रिपोर्ट बना ही नहीं पाया। मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक इन राज्यों के संस्थानों में गए कई सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट तक नहीं सौंपी है और जिन लोगों ने सौंप है उसमे ऐसा कुछ खास नहीं है जिसे प्रदेश के संस्थानों में लागू करने से कोई सुधार हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि सदस्य सरकारी खर्च पर पिकनिक मना कर आ गए हैं। बताया जाता है कि विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा समिति में नहीं थे, इसके बाद भी वह चेन्नई का दौरा कर आए हैं।

पिछले साल 53 हजार सीटों पर नहीं आए थे दाखिले…
उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर बीते साल दो लाख 40 हजार सीटों पर दाखिले के लिए आवेदन मांगे थे। जबकि परीक्षा केवल एक लाख 87 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। ऐसे में लगभग 53 हजार से ज्यादा सीटें खाली रही है, इस मामले पर बोर्ड के अधिकारी कुछ भी बोलने से पीछे हट रहे हैं।

जो सदस्य कोर टीम के थे और रिपोर्ट बनाने के लिए गए थे…

1 – कमल कुमार, लेक्चरर कम्प्यूटर, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक लखनऊ 2 – राहुल सिंह, लेक्चरर कम्प्यूटर, राजकीय पॉलिटेक्निक तरबगंज, गोंडा 3 – पवन कुमार मौर्य, लेक्चरर कम्प्यूटर, राजकीय पॉलिटेक्निक डीह हरख, बाराबंकी 4 – ज्योत्सना सिंह, लेक्चरर कम्प्यूटर, राजकीय पॉलिटेक्निक, लखनऊ 5 – अशोक कुशवाहा, प्रधानाचार्य, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बहराइच 6 – दीपिका दुबे, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर, कु. मायावती राजकीय महिला पॉलिटेक्निक गौतमबुद्ध नगर 7 – रश्मि सोनकर, संयुक्त सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद

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