30% आबादी वाले वोटरों से सिर्फ 2 मंत्री ….

योगी के नए मंत्रिमंडल में महज एक-एक मुस्लिम-यादव चेहरा, सबसे ज्यादा 18 OBC, 10 ठाकुर और 8 ब्राह्मण…..

स्थापित फैक्ट है कि यूपी का चुनाव जातियों के गणित पर लड़ा जाता है। लोकसभा चुनाव 2024 बहुत दूर नहीं, ऐसे में मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार सभी जातियों को अपनेपन का एहसास करा रही है। हिंदुत्व की छवि वाली सरकार में ठाकुर-ब्राह्मण जातियों का प्रतिनिधित्व सबसे मजबूत रखा गया है।

वहीं, पिछड़ा वर्ग से आने वाले विधायकों को सम्मान देने की कोशिश हुई है। क्योंकि अगले चुनाव में हाईकमान की नजर इसी वोट बैंक पर है। योगी कैबिनेट के 18 मंत्री पिछड़ा वर्ग के हैं। तमाम चर्चाओं के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम पद से हटाया नहीं गया। खास बात यह है कि करीब 30% आबादी वाले यादव और मुस्लिम वर्ग से महज एक-एक विधायक मंत्री बने हैं।

जातीय समीकरण बनाए रखने के साथ योगी मंत्रिमंडल 2.0 में अनुभव, उच्च शिक्षा और अच्छी छवि का ख्याल भी रखा गया है। ब्राह्मणों के चेहरे दिनेश शर्मा को रिप्लेस ब्रजेश पाठक जैसे बड़े चेहरे से किया गया है। वहीं ठाकुरों की राजनीति करने का दावा करने वालों को भी जगह दी गई है। यादव-मुस्लिम का एक-एक मंत्री योगी कैबिनेट में जगह बना सका है।

यूपी की विभिन्न जातियों को कितनी तवज्जो इस मंत्रिमंडल में मिली है, ये आपको पढ़वाते हैं…

मंच पर पहुंचने के बाद कुछ इस तरह पीएम मोदी ने अभिवादन स्वीकार किया।
मंच पर पहुंचने के बाद कुछ इस तरह पीएम मोदी ने अभिवादन स्वीकार किया।

ब्राह्मण के नए चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी

योगी कैबिनेट में लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कह सकते हैं कि सभी जातियों को साधने का प्रयास हुआ है। पिछड़ा वर्ग से आने वाले 18 चेहरे फिट किए गए हैं। सपा के कोर वोट बैंक यादव का बहुत सपोर्ट इस चुनाव में भाजपा को नहीं मिला है। फिर भी, यादवों का एकमात्र चेहरा गिरीश यादव को दोबारा रिपीट किया गया है।

यूपी में 12% वोटर ब्राह्मण को बांधे रखने के लिए मंत्रिमंडल में 8 मंत्री इसी वर्ग से रखे गए हैं। शाहजहांपुर से जितिन प्रसाद, योगेंद्र उपाध्याय, सतीश शर्मा और रजनी तिवारी जैसे नामों को शामिल किया गया है।

मायावती के वोट बैंक को भी बांधे रखना है..

अनुसूचित जाति के वोटर्स को लेकर माना गया कि मायावती का कोर वोट बैंक भाजपा के पाले में आ गया। बसपा को 2017 में 22% से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार उसे करीब 13% वोट मिले। बसपा के इस वोट बैंक में 9% की कमी आई है। इसको ध्यान में रखते हुए भाजपा ने 7 अनुसूचित जाति के मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया है। यहां ये भी अहम है कि पिछली कैबिनेट में भी 7 अनुसूचित जाति के मंत्री रखे गए थे।

अगड़ों, गैर यादव पिछड़ों के साथ अब दलितों को जोड़कर साधेंगे 2024

अब अगर जीते हुए भाजपा विधायकों की बात करें तो पिछड़ा वर्ग में 27 कुर्मी भाजपा गठबंधन से, 15 लोध, 8 जाट और 12 मौर्य, शाक्य, सैनी और कुशवाहा विधायक जीते। इसके अतिरिक्त 19 जाटव, 18 पासी, 5 खटीक विधायक जीते थे। वहीं, निषाद, बिंद, कश्यप, मल्लाह जातियों से 7 विधायक भाजपा गठबंधन से जीते। अब भाजपा अगड़ों और गैर यादव पिछड़ों के साथ अब दलितों को जोड़कर आगे बढ़ना चाहती है। योगी की पिछली कैबिनेट में 21 पिछड़े वर्ग के मंत्री थे, लेकिन इस बार 18 ही मंत्री शामिल किए गए हैं।

31 नए चेहरे, श्रीकांत-राजेश्वर को नहीं

योगी सरकार ने पिछले साल सितंबर में आखिरी बार मंत्रिमंडल विस्तार किया तो सीएम के अलावा दो डिप्टी सीएम, 22 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 13 राज्य मंत्री शामिल थे। इस बार 52 मंत्रियों ने शपथ ली है, जिसमें 16 कैबिनेट, 14 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री शामिल हैं।

परफार्मेंस और समीकरणों के आधार पर कई चेहरों को हटाया गया। हालांकि ऊर्जा मंत्रालय में आउटस्टैंडिंग परफार्मेंस के बावजूद श्रीकांत शर्मा का हटना सबको चौंका रहा है। वहीं लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से जीतकर आए पूर्व आईपीएस राजेश्वर सिंह की जगह भी पक्की मानी जा रही थी। लेकिन उन्हें भी होल्ड किया गया। 31 नए चेहरों को मौका दिया गया है। इस बार मोहसिन रजा की जगह युवा मुस्लिम चेहरे दानिश अंसारी को मंत्रिमंडल में रखा गया।

32 महिला विधायक जीतकर आईं, 7 को कैबिनेट में मौका
इस बार भाजपा गठबंधन से 32 महिलाएं विधायक बनी थीं। साइलेंट वोटर महिलाओं को जोड़े रखने के लिए 7 मजबूत महिला विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। ये जान लें कि इससे पहले दो विस्तार के बाद 4 महिला मंत्री कैबिनेट में रही थीं। लेकिन एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *