ग्वालियर : रेत के खेल में फंसे गिजोर्रा के थाना प्रभारी ?

रेत के खेल में फंसे गिजोर्रा के थाना प्रभारी, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, रेत माफिया ने चलाई थी गोली
गिजोर्रा थाने की हद में आने वाली रेत की खदानों का ठेका जिस कंपनी को मिला है, वह परिवहन करती है। रायल्टी काटने के बाद रेत का परिवहन किया जाता है। कंपनी द्वारा खदानों का संचालन किए जाने से रेत माफिया का अवैध रेत का कारोबार चौपट हो गया
Gwalior Crime: रेत के खेल में फंसे गिजोर्रा के थाना प्रभारी, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, रेत माफिया ने चलाई थी गोली
 ग्वालियर। रायल्टी चुकाकर रेत का परिवहन करने वाले ट्रैक्टर चालकों पर लगातार गोलियां चलाने के मामले में आरोपितों पर कार्रवाई न करना गिजोर्रा थाने के प्रभारी एसआइ संजय शर्मा पर भारी पड़ गया। तीन दिन पहले रेत माफिया ने गोलियां चलाई थी।

इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो बीती रात फिर फायरिंग की। इस घटना में ट्रैक्टर चालक के साथी को गोली लगी है। इसे गंभीरता से लेकर थाना प्रभारी संजय शर्मा को एसपी धर्मवीर सिंह ने लाइन हाजिर कर दिया है।

गिजोर्रा थाने की हद में आने वाली रेत की खदानों का ठेका जिस कंपनी को मिला है, वह परिवहन करती है। रायल्टी काटने के बाद रेत का परिवहन किया जाता है। कंपनी द्वारा खदानों का संचालन किए जाने से रेत माफिया का अवैध रेत का कारोबार चौपट हो गया, जब भी रायल्टी चुकाकर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर चालक निकलते हैं तो इन पर गोलियां चल जाती हैं। यहां लगातार घटनाएं हो रही हैं। 13 मई को रात आठ बजे यहां घटना हुई थी। इसमें फरियादी सूरज सिंह सिकरवार निवासी जाफरपुरा इटावा की शिकायत पर थाना प्रभारी संजय शर्मा ने 24 घंटे बाद एफआइआर की।

आरोपितों को भी गिरफ्तार नहीं किया। एफआइआर भी अज्ञात के खिलाफ की गई। इन्हीं लोगों ने 15 मई की रात फिर गोली चलाई। इसमें चतुर सिंह आदिवासी को गोली लगी है। इस घटना के बारे में भी पुलिस अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई, जब एसपी धर्मवीर सिंह को पता लगा तो उन्होंने एएसपी निरंजन शर्मा और एसडीओपी डबरा विवेक शर्मा से जानकारी ली।

फिर एएसपी और एसडीओपी ने थाना प्रभारी से बात की। जब घटना छिपाने, विलंब से एफआइआर करने और एफआइआर होने के बाद भी आरोपितों को गिरफ्तार न करने के संबंध में सवाल-जवाब किए गए तो थाना प्रभारी संजय शर्मा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसी के चलते उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।

रेत माफिया का आतंक एक साल में गोलीबारी की 14 घटनाएं, हर मामले में अज्ञात पर एफआइआर

रेत माफिया से सांठगांठ के आरोप पुलिस पर लग रहे हैं। इसकी वजह है गिजोर्रा में गोलीबारी की 14 घटनाएं हो चुकी हैं। हर मामले में अज्ञात पर ही एफआइआर दर्ज की गई। आरोपित नहीं पकड़े गए, इसलिए पुलिस कटघरे में है।

जब एसपी धर्मवीर सिंह को इस बारे में पता लगा तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए कि नामजद पर एफआइआर की जाए, आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। अब इस मामले में रिंकू पंडित, आकाश शुक्ला और पूरन कोरी पर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। एक आरोपित पकड़ा भी गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *