UP: योगी आदित्यनाथ की सरकार में दागियों की भरमार, अगर सजा हो जाए तो 44 प्रतिशत मंत्रियों की विधायिकी चली जाएगी!

उत्तर प्रदेश में सरकार का गठन हो गया है. योगी आदित्यनाथ दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे, योगी सरकार के दागी मंत्रियों की. योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद में कितने दागी मंत्री हैं? कितने मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं? दागियों से कैसे मुक्त होगी खादी?

उत्तर प्रदेश में सरकार का गठन हो गया है. योगी आदित्यनाथ  दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे, योगी सरकार के दागी मंत्रियों की. योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद में कितने दागी मंत्री हैं? कितने मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं? दागियों से कैसे मुक्त होगी खादी? एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) ने योगी आदित्यनाथ की पूरी मंत्रिपरिषद को स्कैन किया है. एडीआर रिपोर्ट की मानें तो योगी आदित्यनाथ के 52 में 22 मंत्रियों का आपराधिक रिकॉर्ड है. प्रतिशत में बात करें तो 49% मंत्री दागी है, इन मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे हैं. मौजूदा योगी सरकार में 20 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं. ADR ने गंभीर अपराध उसे माना है, जिन धाराओं में 5 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान हो. इस प्रकार योगी सरकार में 44% मंत्री ऐसे हैं, जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं.

सबसे ज्यादा मुकदमे वाले मंत्री

केशव प्रसाद मौर्य, कपिल देव अग्रवाल, नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी पर 7-7 आपराधिक मुकदमे हैं. इन मंत्रियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे हैं. दूसरे नंबर दयाशंकर सिंह हैं. इनपर 5 आपराधिक मुकदमे हैं, इसमें कई गंभीर धाराएं शामिल हैं. इन मुकदमों में अगर इन मंत्रियों को सजा हो जाए तो उनकी विधायिकी चली जाएगी, चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग जाएगा.

30 मंत्री बेदाग छवि के हैं

योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में 30 मंत्री ऐसे हैं, जो बेदाग छवि के हैं. इसमें योगी आदित्यनाथ, ब्रजेश पाठक, स्वतंत्रदेव सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, असीम अरुण, अनूप प्रधान, राकेश राठौर, सुरेश खन्ना, गुलाब देवी, रजनी तिवारी, बेबी रानी मौर्य, बलदेव सिंह औलख, संजीव कुमार, सूर्य प्रताप शाही, अजीत पाल त्यागी, कृष्ण प्रताप सिंह, लक्ष्मीनारायण चौधरी, संदीप कुमार सिंह, डॉ. अरुण कुमार, जयवीर सिंह, नितिन अग्रवाल जैसे नेताओं पर एक भी मुकदमा नहीं है.

CM बनने के बाद योगी अपने मुकदमे खत्म किए

मुख्यमंत्री बनने से पहले तक योगी आदित्यनाथ पर कई मुकदमे थे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने मुकदमे वापस ले लिए. योगी आदित्यनाथ पर कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण करने, दंगा करवाने का भी मुकदमा था. जिसे उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में वापस ले लिया था. फिलहाल अभी योगी आदित्यनाथ बेदाग छवि के नेता है.

दागियों से मुक्त कैसे हो खादी?

नेताओं पर ज्यादातर मुकदमे राजनीतिक होते हैं, लेकिन सभी मुकदमे राजनीतिक हैं ऐसा नहीं है. कई बार नेताओं को सजा भी हुई है. उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को रेप केस में सजा हुई. जिसके बाद उनकी विधायिकी चली गई. अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति भी सजायाफ्ता है. मुकदमों का तेजी से ट्रायल शुरू करके खादी को अपराधियों से दूर रखा जा सकता है. इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनानी चाहिए. दोषियों को सजा और झूठे मुकदमों को खारिज करना चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का राजनीतिक दल पालन करें, दागी नेताओं को टिकट न दें.

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