ज्यादा फैट और शुगर वाले अनहेल्दी फूड से करेगा सावधान…लाल निशान
अब तक सिर्फ वेज और नॉन वेज खाने पर ही पैकेट के सामने हरा या लाल निशान होता है। लेकिन अब ऐसे पैकेज्ड फूड आइटम्स जिनमें फैट, शुगर, कैलरी या नमक की मात्रा भी मानक से अधिक होगी उन्हें भी अपने पैकेट पर खास निशान बनाना होगा।

इस ड्राफ्ट के तहत
– हर पैकेज्ड फूड कंपनियों को अपने प्रॉडक्ट की न्यूट्रिशनल जानकारी डिब्बे के सामने वाले हिस्से में अंकित करनी होगी।
– कंपनी को यह बताना अनिवार्य हो जाएगा कि उनके खाने में कितनी कैलरी, सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट, शुगर और सोडियम है।
– अगर यह मानक से ज्यादा है तो उसके सामने लाल निशान देना होगा ताकि खरीदने वाले को यह देखते ही पता चले कि खाना हेल्दी है या नहीं।
– ऐसा करने से ग्राहक को हेल्दी फूड का चयन करने में आसानी होगी।

कंपनियों को दिया गया 30 दिन का समय
FSSAI ने इस पर फूड कंपिनयों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया है और फिर डब्ल्यूटीओ से भी 30 के अंदर सुझाव लिया जाएगा। फिर इस ड्राफ्ट को एक्सपर्ट कमेटी के सामने भेजा जाएगा। तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस ड्राफ्ट को नोटिफाय कर दिया जाएगा।FSSAI के ड्राफ्ट के अनुसार
– जिस प्रकार नॉनवेज और वेज फूड प्रॉडक्ट के लिए अगल-अलग निशान होता है।
– आने वाले समय में इसी तरह का निशान फूड प्रॉडक्ट्स पर होगा
– लोगों को डिब्बा उठाते ही पता चल जाएगा कि कौन सी चीज मानक से ज्यादा है।
अगर शुगर लेवल ज्यादा है तो उसके सामने लाल निशान होगा। ऐसे में अगर कोई डायबीटीज का मरीज है तो वो डिब्बा देखते ही समझ जाएगा कि यह प्रॉडक्ट उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इसी तरह बाकी चीजों के बारे में भी बताना होगा।
कैलरी, फैट, शुगर मानक से ज्यादा हो तो देना होगा खास निशान
अभी तक फूड कंपनियां इस तरह की जानकारी डिब्बे के पीछे वाले हिस्से में देती थीं। अभी वो केवल यह बताते हैं कि उनके फूड में कैलरी, फैट, शुगर कितना पर्सेंट है। लेकिन यह नहीं बताते हैं कि मानक से ज्यादा है या कम। अब उन्हें मानक से ज्यादा होने पर कैलरी या फैट के सामने खास प्रकार का निशान देना ही होगा। यही नहीं अभी फूड कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अलग-अलग जगह पर देती है, लेकिन इस ड्राफ्ट के अनुसार उन्हें अब यह दोनों जानकारी एक साथ देनी होगी। FSSAI के एक अधिकारी ने बताया कि हमारा मकसद लोगों को हेल्दी खाना चुनने का आसान तरीका देना है ताकि वे अपने शरीर और जरूरत के अनुसार ही खाना खाएं।