न्याय के लिए 36 दिनों से चक्कर लगा रहा परिवार … 13 साल के बालक के साथ रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी ने किया अप्राकृतिक दुष्कर्म, परिवार को जान से मारने की धमकी

कानपुर में निर्वाणी अखाड़ा के प्रखर जी पर युवती के साथ रेप का केस कानपुर थाने में दर्ज हुआ है। युवती के परिजनों का आरोप है कि झांसा देकर उनकी बेटी को बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न किया गया है। दैनिक भास्कर ने ऐसे एक और पीडित परिवार से बातचीत की है। जौनपुर में अप्राकृतिक दुष्कर्म का पीडित परिवार 36 दिनों से न्याय के लिए गुहार लगा रहा है। आलम ये है कि परिवार मुख्यमंत्री दरबार में भी शिकायत दर्ज कर चुका है। लेकिन मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पीडित परिवार पर सुलह करने का दबाव बनाया जा रहा है।

दरअसल ,आरोप है कि जगतगुरु रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी जय मिश्र उर्फ रामचंद्र दास ने 13 वर्ष के नाबालिक बालक के साथ दुष्कर्म किया। किसी से बताने पर जय मिश्र ने बच्चे के मुहँ में पिस्टल डाल कर जान से मारने की धमकी भी दी। मिर्जापुर के लालगंज थाने में 27 फरवरी को पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। लेकिन, 36 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। बालक के पिता नौकरी छोड़ बच्चे को न्याय दिलाने के लिए दर-दर-की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

क्या है पूरा मामला ?
दैनिक भास्कर से बातचीत में पीड़ित के पिता बताते हैं कि उनका 13 वर्षीय पुत्र पिछले 7 महीने से श्री तुलसी पीठ कांच मंदिर, जानकीकुंड चित्रकूट में रहकर दीक्षा प्राप्त करता है। आचार्य रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्र ने उनके पुत्र को व्याकरण की शिक्षा प्राप्त कराने के लिए प्रवेश दिलाया था। 8-14 फरवरी तक मिर्जापुर के जानकीकुंज दुर्गा मंदिर तेंदुई में भागवत कथा के लिए रामचंद्र दास उनके पुत्र को भी ले गए। इस दौरान 13 फरवरी की रात के दौरान उन्होंने तेल-मालिश कराने के लिए उनके पुत्र को कमरे में बुलाया। आरोप है कि इस दौरान वो अर्धनग्न अवस्था में थे।

रिवॉल्वर के बल पर अप्राकृतिक दुष्कर्म
पीड़ित के पिता है आरोप है कि जब उनका पुत्र तेल मालिश करने लगा तो आचार्य ने उनके साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दी। इतना ही नहीं बल्कि पुत्र के कपड़े उतरवाकर रिवाल्वर के बल पर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म भी किया। पुत्र की असहनीय पीड़ा हुई तो वो छटपटाने लगा। आचार्य रामचंद्र दास ने उसे धमकी दी कि अगर वह किसी को बताएगा तो उसे जान से मार देंगे। कथा समापन के बाद सभी लोग तुलसी पीठ चित्रकूट आ गए।

बच्चे का मोबाइल छीन लिया
पीड़ित के पिता का आरोप है कि बच्चा डरा सहमा हुआ था। दैनिक भास्कर से बातचीत में पीड़ित के पिता ने बताया कि 18 फरवरी को रामचंद्र दास ने व्हाट्सएप्प मैसेज किया कि अपने पुत्र को आश्रम से ले जाये। उन्होंने कहा कि अगर उनके पुत्र को कुछ हो जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है। 19 फरवरी को जगतगुरु रामभद्राचार्य कथा के लिए सतना जा रहे थे। आरोप है कि उस दौरान रामचंद्र दास ने पीड़ित बच्चे को बस से उतार दिया। पीड़ित के पिता बताते हैं कि 21 फरवरी को रामचंद्र दास के इशरे पर प्रदीप और अभिषेक ने उनके पुत्र का फोन छीन लिया।

घटनाक्रम से डरा सहमा बालक रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के परिसर में डॉक्टर मुकुंद के घर पर चला आया। डॉ मुकुंद ने पीड़ित के पिता को बताया कि उनका लड़का आवास पर है। 21 फरवरी को वापस आने पर स्वामी रामभद्राचार्य ने पीड़ित के बारे में पूछा। पीड़ित के पिता सूरत गुजरात में काम करते थे। 23 फरवरी को किसी तरह चित्रकूट पहुंचे। जहां प्रोफेसर के घर पर उन्होंने अपने बच्चे से मुलाकात की।

शुरू में पुलिस ने किया सहयोग
पीड़ित के पिता बताते हैं कि 27 फरवरी को उन्होंने मिर्जापुर के लालगंज थाने में घटना क्रम के संदर्भ में तहरीर दी। पिता का कहना है कि शुरुआत में पुलिस ने उनका सहयोग किया। रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित के पिता कहते हैं कि पुलिस ने घटनास्थल की जांच और छानबीन भी की। शुरुआती दौर में पुलिस की तफ्तीश देख कर उन्हें यकीन था कि पुलिस इस मामले में उनका सहयोग करेगी और न्याय दिलाएगी।

रामभद्राचार्य बोले- दृष्टि बाधित हूँ, न्याय होता दिख रहा
पीड़ित के पिता ने बताया कि उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य से टेलिफोनिक वार्ता भी की। टेलिफोनिक वार्ता में उन्होंने घटनाक्रम से अवगत कराया। पीड़ित के पिता बताते हैं कि स्वामी रामभद्राचार्य ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले में न्याय होगा। पीड़ित के पिता का कहना है कि उन्होंने सरकार पर भरोसा रखने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह दृष्टिबाधित जरूर है लेकिन उन्हें इस मामले में न्याय होता दिख रहा है। पीड़ित के पिता भी स्वामी रामभद्राचार्य को दिव्य पुरुष मानते हैं। उनका कहना है कि जगतगुरु जब तक हैं तब तक न्याय की उम्मीद है।

नौकरी छोड़ न्याय के लिए भटक रहे
पीड़ित के पिता गुजरात में रहकर महाजन के यहां काम करते हैं। महीने में 18-20 हज़ार रुपये कमा लेते हैं। इन्हीं पैसों से उनके परिवार का भरण पोषण चल रहा है। लेकिन , अब वो अपना काम छोड़ बेटे को न्याय दिलाने के लिए लगे हुए हैं। वह कहते हैं कि उनके बेटे के साथ बहुत गलत काम हुआ है। आर्थिक रूप स कमजोर होने के कारण कोई उनकी बात नहीं सुन रहा। आरोपी अपने रसूख का पूरा इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस अधिकारी भी उनसे यह कहते हैं कि मामला हाईप्रोफाइल है।

जान से मारने की मिलती है धमकी
दैनिक भास्कर से खास बातचीत में पीड़ित के पिता ने बताया कि उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी मिलती है। उन्होंने बताया कि माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के भतीजे और भांजा बनकर उनके पास फोन आता है। फोन पर उनसे सुलह के लिए दबाव बनाया जाता है। पीड़ित के पिता को सुलह के लिए 5 करोड़ का ऑफर भी आया था। पिता बताते हैं कि वह अपने बेटे को न्याय दिलाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री के यहां भी लगाई गुहार
पीड़ित के पिता इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ऑफिस तक में गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन उनके कार्यालय में उपस्थित मंत्रियों को उन्होंने अपनी पीड़ा बताई है। पीड़ित के पिता चाहते हैं कि आरोपी पर वैसे ही कार्रवाई हो जैसे सामान्य व्यक्ति पर किसी मामले में कार्रवाई होती है। कहते हैं कि मामले को महीने भर से ऊपर हो गया है। लेकिन पोक्सो एक्ट का आरोपी अभी तक खुलेआम घूम रहा है।

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