कानपुर के इस बैंक के लॉकर्स पर भरोसा कैसे करें … सेंट्रल बैंक के अब तक 7 लॉकर्स से 2.50 करोड़ के जेवरात गायब, 2 बैंककर्मी SIT की हिरासत में
कानपुर कराचीखाना की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच में मंगलवार को चार और लॉकर्स से जेवरात गायब मिले। पहले तीन लॉकर्स से जेवरात गायब होने की बात सामने आ चुकी है। सबसे पहला मामला 14 मार्च को सामने आया था। इसमें मंजू भट्टाचार्य ने 30 लाख के जेवर गायब होने की शिकायत की थी। इसके बाद दूसरा मामला 28 मार्च का था, जिसमें सीमा गुप्ता के 20 लाख के जेवर गायब मिले थे।
अब तक सात लॉकर्स से करीब 2.50 करोड़ रुपए के जेवरात का गबन करने का मामला सामने आ चुका है। बैंक के सभी लॉकर वाले ग्राहक अब दहशत में हैं। 586 लॉकर्स की जांच होगी। एक-एक करके सभी अपने लॉकर्स को खोलकर जांच कर रहे हैं। सुबह से शाम तक बैंक में जमकर हंगामा हुआ। मामले में एसआईटी ने दो बैंककर्मियों को उठाया है।
लॉकर से चोरी के बाद खराब कर दिया ताला
बैंक के लॉकर से जेवरात गायब होने की जानकारी मिलते ही मंगलवार सुबह से ही सैकड़ों लॉकर-धारक अपने लॉकर चेक करने बैंक पहुंच गए। जनरलगंज निवासी किराना कारोबारी पंकज गुप्ता के लॉकर का ताला नहीं खुल रहा था। बैंक प्रबंधन ने लॉकर निर्माता कंपनी से संपर्क करके शाम 4:30 बजे पंकज गुप्ता का लॉकर पुलिस और बैंक अफसरों की मौजूदगी में तोड़ा, तो वह खाली मिला।
पंकज के मुताबिक, उनके लॉकर में करीब 25 लाख रुपए के जेवर थे। इसके बाद शांतिनगर निवासी विजय महेश्वरी और उनके बेटे वैभव महेश्वरी बैंक पहुंचे। विजय की दिल्ली हैंडलूम और डैकोरा के नाम से कपड़ों के दो बड़े शोरूम हैं। विजय के लॉकर में पूरा माल सुरक्षित मिला, लेकिन बेटे वैभव का लाकर खुला, तो 25 लाख रुपए कीमत के जेवर गायब थे। ओमपुरवा लाल बंगला निवासी मीना यादव और सिविल लाइन निवासी निर्मला तहलियानी के लॉकर भी उनकी चाबियों से नहीं खुले।
इसके बाद लॉकर तोड़ने का फैसला किया गया। रात करीब आठ बजे दोनों लॉकर तोड़कर देखे गए, तो उनमें चांदी के जेवरात तो थे, लेकिन सोने के जेवर गायब थे। मीना यादव के बैंक लॉकर में 80 लाख से एक करोड़ रुपए तक के तीन पीढ़ियों के जेवरात रखे हुए थे। इसी तरह वृद्धा निर्मला के लाकर में भी करीब 35 लाख रुपए के जेवर रखे हुए थे। अब तक करीब 2.50 करोड़ रुपए के जेवरात सात लॉकर से गायब करने का मामला सामने आ चुका है।
दो बैंककर्मियों को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया
डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि एक-एक करके सभी बैंक लॉकर्स की जांच की जा रही है। अधिकांश लॉकर में चोरी के बाद उसे खराब कर दिया गया है। इसके चलते लॉकर्स को तोड़कर एक-एक की जांच की जा रही है, जिससे जांच में समय लग रहा है। सभी की जांच पूरी होने के बाद सभी की एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच की जाएगी। बैंक परिसर के भीतर पुलिस की पिकेट तैनात कर दी गई है। रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के हिसाब से अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर इनकी एक साथ जांच की जाएगी। बैंककर्मियों ने लॉकर से जेवरात का गबन किया है।
सैकड़ों लॉकर्स से करोड़ों के जेवरात चोरी होने की आशंका
डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि एक-दो नहीं बैंक के कई लॉकर्स से जेवरात चोरी होने की आशंका जताई जा रही है। अधिकांश लॉकर चोरी के बाद खराब कर दिए गए हैं। एक्सपर्ट की मदद से एक-एक लॉकर को तोड़कर जांच की जा रही है। जो भी लॉकर चाभी से नहीं खुल रहे हैं, वे जांच में खाली मिल रहे हैं। अभी 586 लॉकर खोले जाने हैं। ऐसे में आशंका है कि सैकड़ों लॉकर्स से जेवरात चोरी हुए होंगे।
इन लोगों के लॉकर्स से जेवरात हुए पार
- मंजू भट्टाचार्य – 30 लाख रुपए
- सीता गुप्ता – 20 लाख रुपए
- शकुंतला देवी – 30 लाख रुपए
- पंकज गुप्ता – 25 लाख रुपए
- मीना यादव – 80 लाख से एक करोड़ रुपए
- निर्मला तहल्यानी – 35 लाख रुपए
- वैभव महेश्वरी – 20 लाख रुपए