नए कलेवर में आएगी डायल-100, सुविधाएं जानकर आप भी कहेंगे- वाह
छत्तीसगढ़ की कंपनी को मिला ठेका: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग होंगे वाहन।
भोपाल. पुलिस की डायल-100 आपातकालीन सेवा अब नए कलेवर में नजर आएगी। फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (एफआरबी) में सफारी वाहनों की जगह इनोवा वाहन लेंगे। यह शहरी क्षेत्रों के लिए होंगे। बोलेरो ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ेगी। इसका ठेका छत्तीसगढ़ की जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज को मिला है। तीन महीने यानी मई तक कंपनी को सड़कों पर वाहन उतारने होंगे। शुरुआत जिलों से होगी। पहले चरण में 1200 वाहन डायल-100 के बेड़े में शामिल होंगे।
वाहनों के अलावा कॉल सेंटर आदि के संचालन पर 670 करोड़ रुपए और जीएसटी मिलाकर 715 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य सरकार तकरीबन 210 करोड़ रुपए ईंधन पर खर्च करेगी। कंस्टलेंसी का खर्च भी वहन करेगी। शासन ने डायल-100 के दूसरे चरण 2021 से 2027 के लिए 1084 करोड़ का प्रावधान किया था। एडीजी (दूरसंचार) संजय कुमार झा के मुताबिक फाइनल प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। इधर, शनिवार से स्टेट कमांड सेंटर की नई इमारत में डायल-100 समेत एडीजी कार्यालय की शिफ्टिंग शुरू होगी। सेंटर में सीसीटीवी मॉनीटरिंग सेल भी शिफ्ट होगी। डायल-100 कॉल सेंटर के लिए लीजलाइन बिछाने का काम जारी है।
-ग्रामीण क्षेत्र के वाहनों में स्ट्रेचर होगा।
-सभी वाहन डैशबोर्ड कैमरे से तो पुलिसकर्मी बॉडी वॉर्न कैमरों से होंगे लैस।
-जीपीएस सिस्टम अपडेट होगा।
दावा : 50 से 60 करोड़ की बचत
डायल-100 दूसरे चरण के लिए हुए टेंडर में कई कंपनियों ने भागीदारी की थी। सबसे कम रेट छत्तीसगढ़ की कंपनी ने दिए। दूसरे नंबर पर जीवीके थी। जानकारी के मुताबिक, जय अंबे ने निकटतम कंपनी से करीब 100 करोड़ कम चार्ज किए थे। पूरी टेंडर प्रक्रिया में सरकार को 50-60 करोड़ बचत हो रही है।
डायल 100 सेवा का जिम्मा संभालने जा रही जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस छत्तीसगढ़ में एंबुलेंस सेवा का संचालन करती है। मध्य प्रदेश में भी एंबुलेंस सेवा 108 का काम मिला है। कंपनी को पिछले साल दिसंबर में एंबुलेंस सेवा शुरू करनी थी। तीन बार शुरू करने की मियाद बढ़ाई गई। कंपनी को मध्य प्रदेश में 2100 एंबुलेंस चलानी है।