25 हजार किलो मिलावटी मावा खपाने की तैयारी, प्रदेशभर में सप्लाई

बस और ट्रेन के जरिए दूसरे शहरों में भेज रहे मिलावटी मावा, शहर में रोजाना सुबह के समय आ रहा 200 डलिया मावा….

ग्वालियर. सहालग का सीजन शुरू होते ही मिलावटी मावा बेचने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। मुरैना, भिड और धौलपुर की ओर से हर रोज मिलावटी मावे की खेप ग्वालियर के जरिए प्रदेशभर में भेजी जाने लगी है। इसके साथ ही शहर के मोर बाजार और मुरार में भी मिलावटी मावा आने लगा है। मोर बाजार में हर रोज करीब 10 हजार किलो यानि 200 डलिया मिलावटी मावा आ रहा है।

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सुबह के समय मावे की डलियां लाई जाती हैं और अपना-अपना मावा लेकर दुकानदार तुरंत गायब हो जाते हैं। वहीं ग्वालियर से दूसरे शहरों में निजी ट्रैवल्स और ट्रेन के जरिए मिलावटी मावा, मीठा कुंदा भेजा जा रहा है। शहर से करीब 15 से 20 हजार किलो मावा यानि 300 पेटी खेप भेजी जा रही है। इसमें मलाई बर्फी, मिल्क केक, डोड़ा बर्फी, मीठा मावा कुंदा आदि शामिल हैं | वहीं खाद्य विभाग का अमला बाजारों में इस तरह के मिलावटी मावे पर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं कर रहा है।

सहालग में खप जाता है ऐसा मावा
आमतौर पर त्योहारी सीजन के साथ सहालग के समय मिलावटी मावे की बिक्री जमकर बढ़ जाती है। इस वजह से इन दिनों में ऐसे मावे को खपाया जाता है। चूंकि सहालग के चक्कर में कोई देखने वाला भी नहीं होता ऐसे में ये दुकानदार बेखौफ होकर ऐसा मावा बेच देते हैं।

विक्की फैक्ट्री से बसों में भेज रहे
इन दिनों दूसरे शहरों में मावा भेजने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है। बस स्टैंड से मावे को न भेजते हुए उसे विक्की फैक्ट्री से लोड किया जा रहा है। बस के यहां पहुंचने से पहले हीमिलावटी मावे की खेप पहुंचा दी जाती है। इसके साथ ही राम मंदिर के पास से भी गाड़ी के जरिए मावा भेजा जा रहा है।

जांच ओर सेंपलिंग की तैयारी
खाद्य एवं युरक्षा प्रशासन विभाग अभिहित अधिकारी,अशोक सिंह चौहान ने इस मामले पर कहा किसहालग के सीजन में मिलावटी मावे की बिक्री बढ़ जाती है। इसकी जांच के लिए टीम का निर्धारण कर दिया है। यदि मिलावटी मावे की खेप कहीं भी पकड़ी जाती है तो उसकी जब्ती कर सैंपलिंग की कार्रवाई की जाएगी। शहर से बाहर भेजे जाने वाले मिलावटी मावे की खेप पकडने के लिए निजी ट्रैवलस और ट्रेनों पर भी नजर रखी जाएगी।

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