ग्वालियर … छत्तीसगढ़ के इंजीनियर, अकाउंटेंट को बंधक बनाकर रखा:गिट्टी सप्लायर्स ने दोनों को 10 दिन तक बनाया था बंधक, पुलिस ने छुड़ाया
ग्वालियर में छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के इंजीनियर और अकाउंटेंट को गिट्टी सप्लायर्स ने हिसाब करने बुलाया और बंधक बना लिया। इंजीनियर और अकाउंटेंट को पैसों के लेन-देन के संबंध बातचीत करने के लिए ग्वालियर बुलाया गया था। पिछले 10 दिन से उन दोनों को एक कमरे में बंद करके रखा हुआ था। 24 घंटे उन पर निगरानी रखे हुए थे। उनका कहना था कि जब तक रकम नहीं मिलेगी नहीं छोड़ेगे, लेकिन पुलिस को किसी तरह पता चल गया कि छत्तीसगढ़ के कुछ कर्मचारियों को यहां बंधक बनाकर रखा है। CSP महाराजपुरा रवि भदौरिया और उनकी टीम ने एक घर में दबिश देकर दोनों को मुक्त कराया। पुलिस ने गिट्टी सप्लायरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
एएसपी अभिनव चौकसे ने बताया खबर मिली थी GDCA कम्पनी बालोदा बाजार बिलासपुर छत्तीसगढ़ के इंजीनियर प्रशांत एवं अकाउन्टेंट मोहम्मद सिद्विकी को डीडी नगर में एक घर में बंदी बनाकर रखा हुआ है। इस पर सीएसपी रवि भदौरिया को उन दोनों को मुक्त कराने की जिम्मेदारी सौपी गई। सीएसपी ने अपनी एक टीम तैयार कर उस घर में दबिश डाल दी। पुलिस को देखकर बंधक बनाकर रखने वाले भागे, लेकिन एक चौकीदार को पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। घर की तलाशी ली तो इंजीनियर और अकाउंटेंट बंधक बने हुए मिल गए। पुलिस दोनों को मुक्त कराकर थाने ले आई। महाराजपुरा थाना पुलिस ने फरियादी प्रशांत की रिपोर्ट पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है
सेटेलमेंट करने बुलाकर कमरे में बंद कर दिया
रिहा हुए GDCL कम्पनी के इंजीनियर और अकांउटेंट ने पुलिस को बताया कि डीडी नगर निवासी मुन्ना तोमर और गजेन्द्र परमार गिट्टी सप्लाई का काम करते है। उन्होने जीडीसीएल कंपनी को गिट्टी सप्लाई की थी। इनका कुछ पैसा कंपनी पर आ रहा था। लेकिन कंपनी का कहना था कि घटिया माल सप्लाई किया है। पैसों के लेन-देन को लेकर उनमें विवाद चल रहा था। गजेन्द्र और मुन्ना ने एक योजना तैयार की और सेटेलमेंट करने के लिए इंजीनियर और अकांउटेंट को ग्वालियर बुला लिया। जैसे ही वह दोनों यहा आए उन्होंने उन्हें एक कमरे मे बंद कर दिया।
कमरे में ही खाना देते, 24 घंटे निगरानी रखते
आरोपियों की कैद से रिहा हुए इंजीनियर ने बताया कि गिट्टी सप्लायरों के लोग 24 घंटे उन पर निगरानी रखा करते थे। उसी कमरे में उन्हें खाना दिया जाता। मन हुआ तो कभी खाना मिल गया। मन नहीं हुआ तो भूखा ही रहना पड़ता। उन्हें तो लग रहा था कि अब यहां से बचना मुश्किल है। लेकिन पुलिस ने उन्हे बचा लिया।
पुलिस का कहना
सीएसपी रवि भदौरिया का कहना है कि सेटलमेंट के बहाने इंजीनियर और एकांउटेंट को ग्वालियर बुलाकर उन्हें एक घर में बंधक बनाकर रखा हुआ था। खबर मिलते ही पुलिस टीम ने दबिश देकर दोनों को मुक्त कराया। एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी कर लिया है।