चंबल की राजनीति में कांग्रेस की नई पटकथा ….

डॉ. गोविंद सिंह के बाद अब चौधरी राकेश सिंह को मिल सकती नई जिम्मेदारी…..

कांग्रेस पार्टी वर्ष 2018 में ग्वालियर-चंबल अंचल में अपना दबदबा बनाकर सत्ता का स्वाद चख चुकी। परंतु पार्टी में गुटबाजी के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में चले गए। अब पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व आगामी विधानसभा की रणनीति तैयार कर रहा है। सबसे पहले गुटबाजी को दूर करने की ठानी है। इसी का परिणाम है कि पहले डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला। इसके तुरंत बाद चौधरी राकेश सिंह व अजय सिंह का भोपाल में मुलाकात होना माना जा रहा है। दोनों नेता एक-दूसरे के लंबे समय से विरोधी थी। दोनों का मिलना पार्टी के लिए शुभ संकेत है। अब चौधरी राकेश सिंह को पार्टी में पावर फुल बनाने बातें भी सामने आ रही है।

कांग्रेस पार्टी में पिछले कई सालों से गुटबाजी का दौर चला आ रहा है। कांग्रेस हाई कमान, पार्टी की गुटबाजी को डैमेज कंट्रोल का फार्मूला अपना रही है। अब तक पार्टी में पूर्व सीएम कमलनाथ पर दो पद थे। एक नेता पर दो पदों को लेकर कांग्रेस में भारी असंतोष था। बीजेपी नेता भी कांग्रेस के आपसी कलह पर चुटकी लेते रहे। दिल्ली में बैठे कांग्रेस पार्टी के कोर नेताओं ने गुटबाजी को दूर करने और मिलजुल कर सत्ता में वापसी आने के सख्त निर्देश दिए जाने की बात कही जा रही है। पार्टी हाईकमान के इशारे पर ही नेता प्रतिपक्ष का पद पूर्व सीएम से हटकर दिग्विजय सिंह खैमे के डॉ. गोविंद सिंह को दिया गया है।

अब पार्टी बारी-बारी से हर एक नेता के मनमुटाव काे दूर करने का निर्णय ले चुकी है। इस क्रम में दूसरा दृश्य दो नेताओं का मिलन है। दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय सिंह और पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह की आपस में पटरी पिछले नौ साल से नहीं बैठ रही थी। परंतु दो रोज पहले दोनों नेता भोपाल में सारे गिले शिकवे दूर कर एक दूसरे से मिले और पार्टी को मजबूत किए जाने पर चर्चा की। राकेश सिंह का अजय सिंह ने अपने घर पर स्वागत कर मिठाई खिलाई। फिर लंबी गुफ्तगु भी एक दूसरे ने की।

मजबूत होगा दल

ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद अंचल में कांग्रेस की स्थिति कमजोर आंकी जा रही थी। पार्टी हाई कमान ने डॉ गोविंद सिंह काे नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा है। पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह की ग्वालियर चंबल अंचल में जमीनी पकड़ है। इसी तरह की पकड़ चौधरी राकेश सिंह भी रखते हैं। पार्टी एक नेता को नया दायित्व देकर ग्वालियर-चंबल संभाग के कांग्रेसियों में नई ऊर्जा का संचार किया है। वहीं, चौधरी राकेश सिंह का अजय सिंह से मिलने उनके समर्थक पार्टी के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब कांग्रेस दल ग्वालियर चंबल अंचल के साथ विध्यांचल में सशक्त बनेगा।

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