देश में पहली बार … शिक्षा, गरीबी के खात्मे का आइडिया देने वाले 4 स्टार्टअप को मिलेंगे 1-1 करोड़
प्रदेश में शिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी खत्म करने के लिए आईडिया देने वाले 4 स्टार्टअप को राज्य सरकार 1-1 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। यह राशि राज्य की नई स्टार्टअप पॉलिसी में घोषित सभी रियायत और अनुदान के अतिरिक्त होगी। दावा किया जा रहा है कि ऐसे प्रावधान वाली यह देश में पहली स्टार्टअप पॉलिसी होगी। प्रधानमंत्री मोदी 13 मई को इसकी औपचारिक शुरुआत करेंगे।
पॉलिसी के तहत समस्याओं के निदान के लिए इन स्टार्टअप से वर्केबल प्लान और आइडिया मंगवाए जाएंगे। प्रदेश के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित एक समिति मिलने वाले सभी आइडियाज की पड़ताल करेगी। इसके बाद चार बेस्ट आइडिया चुनेंगे। ये आइडिया जिस सरकारी विभाग से संबंधित होंगे, उस विभाग के प्रमुख सचिव की अगुवाई में एक राज्य स्तरीय मूल्यांकन और निगरानी समिति बनेगी, जो आइडिया के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की निगरानी करेगी।
इस समिति की अनुशंसा पर ही सरकार आइडिया देने वाले स्टार्टअप को चार चरणों में 1 करोड़ रु. का अनुदान देगी। इस राशि पर किसी तरह का अन्य शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त स्टार्टअप जो भी सेवाएं और वस्तु का निर्माण करेंगे, उसका दो साल राज्य सरकार ही प्रिक्योरमेंट करेगी। इसके लिए मप्र भंडार क्रय और सेवा उपार्जन नियम-2015 के भी प्रावधान लागू नहीं होंगे। शुरुआत में स्टार्टअप लाने वाले उद्यमी अटल बिहारी सुशासन संस्थान के कार्यालय और सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।
स्टेट स्टार्टअप सेंटर के कार्यकारी प्रमुख को 36 लाख रु. सालाना वेतन
प्रदेश सरकार एक स्टेट स्टार्टअप सेंटर भी बनाने जा रही है। इसके कार्यकारी प्रमुख को सालाना 36 लाख रु. तो विषय विशेषज्ञों को 18 लाख रु. मिलेंगे।