मां बनने से रोक सकता है PFAS … लिपस्टिक से लेकर पिज्जा बॉक्स तक में इस्तेमाल हो रहा है यह खतरनाक केमिकल

हम अपने खान-पान से लेकर हाइजीन तक का पूरा ख्याल रखते हैं। लेकिन जाने-अनजाने में ऐसे चीजें इस्तेमाल कर रहे होते हैं जिनका हमारी सेहत पर खराब असर पड़ता है। आज हर चीज केमिकल से बन रही है, जो हमारी जिंदगी को तो आसान बना रही है लेकिन बदले में कई बीमारियां भी दे रही है। ऐसा ही एक केमिकल है पीएफएएस।

क्या होता है PFAS

दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में केमिस्ट्री के असिस्टेंट प्रोफेसर हेमंत गंगवार ने वुमन भास्कर को बताया कि पीएफएएस यानी पर एंड पॉलीफ्लूरोकाइल एक केमिकल है। यह कार्बन और फ्लोरीन का बॉन्ड है। यह जल्दी से टूटता नहीं है। इस वजह से यह केमिकल पर्यावरण में नहीं घुलता।

भारत में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल टैक्स्टाइल और कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री में हो रहा है। कई देशों में बैन होने के बावजूद भारत में इसका इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में हो रहा है। यह केमिकल पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए ज्यादा नुकसानदेह है। इसका असर प्रजनन क्षमता और लीवर पर पड़ता है। वहीं, थायरॉइड की भी समस्या हो सकती है।

 

खाने-पीने और त्वचा के जरिए शरीर में करता है प्रवेश

पीएफएएस दाग रहित और वॉटर प्रूफ होता है। इस केमिकल को बनाने की शुरुआत चीन ने 1980 में की थी। यह इंसान के खून में खाने के साथ मिल सकता है। साथ ही त्वचा के जरिए भी शरीर में प्रवेश कर सकता है।

पीरियड्स अंडरवियर प्राइवेट पार्ट पर डाल सकती हैं असर

भारत में पीरियड्स अंडरवियर तेजी से पॉपुलर हो रही हैं। यह मेंस्ट्रुअल कप या पैड की तरह ही काम करती हैं। इन्हें पहनकर गीलेपन का एहसास बिल्कुल नहीं होता। वहीं, जिन महिलाओं को ज्यादा वाइट डिस्चार्ज होता है या यूरिन निकलने की समस्या रहती है उनके लिए यह अंडरवेयर किसी वरदान से कम नहीं। लेकिन इसे लीकेज फ्री बनाने में जो केमिकल इस्तेमाल होता है वह प्राइवेट पार्ट के लिए नुकसानदेह हैं। इसमें यूज हुआ पीएफएएस महिला की प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है।

कॉस्मेटिक्स में खतरनाक केमिकल

हर लड़की सुंदर दिखने के लिए कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करती है। लेकिन क्या आपको पता है लोशन, लिपस्टिक, नेल पॉलिश, फाउंडेशन, आई शेडो और मस्कारा में पीएफएस जैसा खतरनाक केमिकल मिला होता है। दरअसल कॉस्मेटिक्स लंबे समय तक टिके रहें इसलिए इसका इस्तेमाल होता है। अमेरिकन केमिकल सोसायटी की रिसर्च में पाया गया कि यूएसए और कनाडा में इसका इस्तेमाल 200 से ज्यादा रोजाना यूज करने वाले पर्सनल केयर प्रोडक्ट में हो रहा था।

खाने के साथ घुल रहा शरीर में जहर

पीएफएएस का इस्तेमाल नॉन स्टिक बर्तन बनाने में होता है। कई स्टडी इस बात को कह चुके हैं कि इन बर्तनों में खाना नहीं पकाना चाहिए। लेकिन इसके अलावा भी कई तरह से यह जहरीला केमिकल हमारे शरीर में जा रहा है। सैंडविच, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, पिज्जा जैसे फूड आइटम के लिए बने पैकिंग कवर में पीएफएएस यूज होता है। इसी तरह माइक्रोवेव पॉपकॉर्न बैग में इसका इस्तेमाल होता है। ऐसे में अनजाने में यह आपके शरीर में घुल रहा है।

साल 2015 में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अपनी स्टडी में 97% अमेरिका के लोगों के खून में इस केमिकल को पाया था।

आप तो नहीं इस्तेमाल कर रहे डेंटल फ्लॉस

दांतों की सफाई के लिए हम ब्रश के साथ-साथ डेंटल फ्लॉस का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें भी यह केमिकल पाया गया है। हालांकि इस प्रोडक्ट को बनाने वाली कई कंपनी इस बात को खारिज कर चुकी है। लेकिन जनरल ऑफ एस्पोस साइंज एंड एनवॉयरमेंटल एपिडीमियोलॉजी में छपी स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ।

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