लखीमपुर हिंसा पर HC की बड़ी टिप्पणी … केंद्रीय मंत्री किसानों को नहीं धमकाते तो घटना नहीं होती, उप-मुख्यमंत्री को भी दंगल में नहीं जाना चाहिए था
लखीमपुर हिंसा मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने SIT रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी ने किसानों को धमकी नहीं दी होती तो ऐसी घटना नहीं होती। बड़े पद पर बैठे हुए राजनीतिक लोगों को जनता के बीच मर्यादा में रहकर बयान देना चाहिए और अपने पद की गरिमा का ख्याल भी रखना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा- उस क्षेत्र में धारा 144 लागू थी। बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री ने गांव में कुश्ती प्रतियोगिता कराई। यह प्रशासनिक अनदेखी है। ऐसा नहीं हो सकता कि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को भी यह न पता हो कि वहां धारा 144 लागू है। फिर भी उन्होंने और केंद्रीय मंत्री ने प्रतियोगिता में शामिल होने का निर्णय लिया।
कोर्ट ने हिंसा के मुख्य आरोपी और मंत्री पुत्र आशीष मिश्र की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 मई तक के लिए टाल दी है। आशीष की जमानत अर्जी जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच के सामने लगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की मंजूर जमानत को खारिज कर दिया था और केस वापस हाईकोर्ट को नए सिरे से सुनवाई के लिए भेजा था।
चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
हिंसा मामले के 4 आरोपियों लवकुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई है। लखनऊ हाईकोर्ट के जस्टिस डीके सिंह ने सभी आरोपियों की याचिका खारिज कर दी है।
वहीं, जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सभी अभियुक्त मुख्य आरोपी आशीष के साथ सक्रिय रूप से योजना बनाने और इस जघन्य कांड को करने में शामिल रहे थे। सभी राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली हैं। जमानत पर छूटने के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वे न्याय को प्रभावित करेंगे। सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे और गवाहों को भी प्रभावित करेंगे।
मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जेल में ही रहेगा
25 मई को हाईकोर्ट में किसान पक्ष अपना जवाब दाखिल करेगा। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस कृष्ण पहल ने किसान पक्ष के अधिवक्ता की मांग पर काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का दिन 25 मई निर्धारित किया है। अब 25 मई को ही आशीष मिश्रा को होने वाली जेल या बेल पर सुनवाई होगी।
डिस्चार्ज एप्लिकेशन पर कल होगी सुनवाई
आशीष मिश्रा और उसके सह आरोपियों के डिस्चार्ज एप्लिकेशन पर कल यानी 10 मई को जिला जज मुकेश मिश्रा की अदालत में सुनवाई होगी। इस दौरान सरकारी वकील अरविंद त्रिपाठी जवाब दाखिल करेंगे।
एक पत्रकार समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी
तीन अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बनवीर पुर स्थित एक दंगल कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। इसी दौरान वहां पर किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दी गईं। इससे किसान उग्र हो गए थे। किसानों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें एक पत्रकार समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जमानत पर रिहा किया था, मगर किसान पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को खारिज करते हुए गृह राज्य मंत्री के बेटे को जिला न्यायाधीश के यहां समर्पण करने को कहा था और लखनऊ खंडपीठ में जमानत याचिका प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखने की बात कही थी। आज उसी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जो फिलहाल 25 मई तक के लिए टाल दी गई है।