क्या गुना में फर्जी एनकाउंटर?:

याचिका में कहा- ताकतवर को बचाने के लिए पुलिस ने आरोपियों को फर्जी मुठभेड़ में मारा….

गुना में 3 पुलिसवालों की हत्या के बाद हुए एनकाउंटर पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। गुना निवासी समाजसेवी कृष्ण कुमार रघुवंशी ने CJM कोर्ट में याचिका दायर कर इस एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की है। CJM आदित्य सिंह की कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। सुनवाई 17 मई को होगी।

रविवार को दायर की गई याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने ताकतवर लोगों को बचाने के मकसद और सबूत मिटाने के लिए एनकाउंटर किया है। बिना किसी जांच-पड़ताल, बिना गिरफ्तारी के एनकाउंटर बताकर तीन लोगों की हत्या की गई है। जबकि, कानून यह कहता है कि किसी भी घटना में अगर कोई व्यक्ति शामिल है तो उसे गिरफ्तार कर 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। ऐसे मामले में धारा 157 के तहत तुरंत FIR होना चाहिए। लेकिन, इस एनकाउंटर ने तो अंग्रेजों के रॉलेट एक्ट की याद दिला दी। न वकील, न दलील, सिर्फ पुलिस ही सर्वोपरि है।

जानिए, अब तक क्या-क्या हुआ?
गुना में शुक्रवार तड़के 5 से ज्यादा शिकारियों ने 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मुठभेड़ में एक शिकारी नौशाद खान भी मारा गया था। पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद पुलिस एक्शन में आई और शनिवार देर रात तक जवाबी कार्रवाई में 3 और आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि अभी सिर्फ शहजाद की ही हुई है, जो कि वारदात वाली रात मारे गए नौशाद का भाई है। शनिवार देर शाम हुए शहजाद के एनकाउंटर में धीरेंद्र गुर्जर नाम का पुलिसकर्मी भी घायल हो गया।

भागने की कोशिश में दो आरोपियों का शॉर्ट एनकाउंटर
गुना के आरोन इलाके में पुलिस और शिकारियों के बीच हुई मुठभेड़ के दूसरे दिन पूरे समय गहमा-गहमी रही। पुलिस की गाड़ियां जिलेभर में बाकी आरोपियों की तलाश में घूमती रही। शनिवार को गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों के साथ ‘विकास दुबे पार्ट-2’ वाला मामला बना। रविवार को पुलिस आरोपी जिया खान और शानू को कोर्ट ले जा रही थी। रास्ते में उन्होंने पुलिस की गाड़ी पलटाने की कोशिश की। गाड़ी सड़क से उतरकर खाई में गिर गई। जिसके बाद दोनों आरोपियों ने मौके से भागने की कोशिश की। पुलिस ने दोनों के पैर में गोली मारकर उन्हें पकड़ा। आरोन अस्पताल में इलाज के बाद दोनों को आरोन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेजने के आदेश हुए। घायल होने की वजह से पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया है।

शॉर्ट एनकाउंटर में घायल शानू और जिया खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शॉर्ट एनकाउंटर में घायल शानू और जिया खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कुएं में लूटी गई राइफलों की खोज
रविवार सुबह 9 बजे ही राघोगढ़ थाने की पुलिस बिदौरिया गांव में पहुंच गई। पुलिस को जानकारी मिली थी कि लूटी गई राइफल आरोपियों ने गांव के पीछे ही एक कुएं में फेंक दी हैं। पुलिस ने मोटर लगाकर कुएं का पानी निकालना शुरू किया। दोपहर बाद SDERF की टीम भी मौके पर पहुंच गई। तीन गोताखोरों ने लगभग 2 घंटों तक कुएं में सर्चिंग की। पर कुछ हाथ नहीं लगा। इसी खेत के पास के दूसरे कुएं में भी पुलिस ने बहुत ढूंढा, लेकिन राइफल नहीं मिली। सुबह 9.30 बजे से शाम 7 बजे तक लगभग 10 घंटे की मशक्कत के बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे।

पुलिस को गांव के कुएं में लूटी गई राइफलें फेंके जाने की जानकारी मिली थी।
पुलिस को गांव के कुएं में लूटी गई राइफलें फेंके जाने की जानकारी मिली थी।

दो अन्य को भी हिरासत में लिया
सूत्रों की मानें तो मामले में दो और आरोपी गोलू और विक्की को पुलिस ने पकड़ लिया है। बजरंगगढ़ के जंगल से ये दोनों पकड़े गए हैं। इनका साथी बल्लू अभी भी फरार है। उसके बारे में ये दोनों भी खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं। इन दो आरोपियों का कहना है कि बल्लू इनसे अलग तरफ भागा था। हालांकि, इन दोनों के पकड़े जाने की आधिकारिक पुष्टि भी पुलिस ने नहीं की है। SP राजीव मिश्रा अभी तक केवल दो आरोपियों की मौत की ही पुष्टि कर रहे हैं।

भाई के बगल में बनी कब्र
मुठभेड़ में मारे गए शिकारी नौशाद खान को शनिवार को ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था। देर रात उसका भाई भी एनकाउंटर में मारा गया। उसके पिता ने शहजाद की शिनाख्त की। रविवार दोपहर को PM के बाद उसका शव गांव पहुंचा। नौशाद के बगल में ही उसकी कब्र बनाई गई। पुलिस और परिवार की मौजूदगी में उसे दफनाया गया।

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