इंदौर .. मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट …10 माह में 35% काम पूरा, 600 पाइल, 77 पियर्स तैयार; चुनौती- 17 माह में 65% काम और करना है

  • पहले चरण में गांधीनगर से रोबोट चौराहे तक 17.5 किलोमीटर में दो हिस्सों में चल रहा है काम
  • एक कंपनी 12 किमी के हिस्से में तो दूसरी 5.34 किमी का काम देख रही

मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट धीरे-धीरे आकार ले रहा है। पहले चरण में 10 महीने में गांधीनगर से रोबोट चौराहे तक 17.5 किमी में 35% काम हो चुका है। इस हिस्से में सितंबर 2023 तक काम पूरा करने का टारगेट है। यानी 17 महीने में 65% काम अभी और पूरा करना है। प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों का कहना है बारिश में भी काम बंद नहीं करेंगे। तय समय में काम पूरा होगा। दो कंपनियां काम कर रही हैं। एक कंपनी 12 किमी के हिस्से में तो दूसरी 5.34 किमी का काम देख रही है।

1500 करोड़ के सिविल वर्क के ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। प्रोजेक्ट के अधिकारियों के अनुसार, 800 पाइल में से 600 पाइल तैयार हैं। 202 में से 77 पियर्स भी लगा चुके हैं। वहीं 202 पाइल कैप में से 101 तैयार है। पहले चरण में गांधीनगर से रोबोट चौराहे तक 17.5 किमी में काम पूरा किया जाएगा ताकि 23 सितंबर 2023 तक मेट्रो का ट्रायल हो सके। इसके लिए तीन हजार करोड़ का बजट मिला है। गांधीनगर से आईएसबीटी तक का काम आरवीएनएल को दिया गया है। आईएसबीटी से रोबोट चौराहे तक का काम कॉन्ट्रैक्टर दिलीप बिल्डकॉन कर रहा है। इसमें 19 स्टेशन भी बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में पलासिया से हाई कोर्ट तिराहे तक काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही टेंडर बुलाए जाएंगे।

  • कुल लंबाई 31.5 किमी
  • अंडरग्राउंड 7.48 किमी
  • एलिवेटेड 24.06 किमी
  • 29 स्टेशन

गांधीनगर से आईएसबीटी

  • लंबाई 12 किलोमीटर
  • फाउंडेशन पियर्स तैयार
  • स्टेशन के पियर्स तैयार
  • 9 स्टेशन का काम चल रहा
  • 4 गर्डर लॉन्च हो गए

आईएसबीटी से रोबोट चौराहा

  • लंबाई 5.34 किलोमीटर
  • 75 गर्डर की पियर्स आ गई
  • 07 स्टेशन का काम चल रहा

10.9 किमी में 9 स्टेशनों के निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर

  • 5.29 किमी के वाया डक्ट का काम 48.80 फीसदी हो चुका। इस हिस्से में सात स्टेशन के वर्क ऑर्डर हो चुके। 10 फीसदी काम भी हो चुका।
  • 10.9 किमी के गलियारे में वाया डक्ट व नौ स्टेशनों के डिजाइन व निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर हो चुके। यह काम भी 13.85 फीसदी हो चुका।
  • डिपो का काम शुरू हो चुका है। सर्वे व सेटिंग आउट का काम किया जा चुका।
  • एएफसी, लिफ्ट व एक्सीलरेटर के लिए निविदाएं बुलवाई जा चुकीं।
  • रोलिंग स्टॉक व सिग्नल प्रणाली के लिए निविदाएं प्राप्त हो चुकीं।

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