UGC: उच्च शिक्षा में अब होगा लर्निंग आउटकम पर आधारित एक क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क, राज्यों और विश्वविद्यालयों के साथ पहली बैठक कल
अब ऐसे होंगे लेवल
– पहले चार लेवल 12वीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा के होते थे या फिर स्किल आधारित चार क्रेडिट होने जरूरी हैं
डिग्री प्रोग्राम (यूजी) | पहले | नया लेवल |
पहला वर्ष या सर्टिफिकेट | 5 लेवल | 4.5 लेवल |
दूसरा वर्ष या डिप्लोमा | 6 लेवल | 5 लेवल |
तीसरा वर्ष या स्नातक डिग्री या वोकेशनल डिग्री | 7 लेवल | 5.5 लेवल |
चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम, रिसर्च, ऑनर्स, पीजी डिप्लोमा | 8 लेवल | |
एमटेक | 7 लेवल | 6 लेवल |
दो वर्षीय मास्टर डिग्री | 9 लेवल | 6.5 लेवल |
डॉक्टरल डिग्री | 10 लेवल | 8 लेवल |
लर्निंग आउटकम से मूल्यांकन
स्कूलों की तर्ज पर अब उच्च शिक्षा में भी छात्रों का हर वर्ष लर्निंग आउटकम के आधार पर मूल्यांकन होगा। इसमें ज्ञान, कौशल, सक्षमता आधारित परीक्षा से मूल्यांकन होगा। इसका मकसद छात्रों का डिग्री प्रोग्राम, कोर्स के आधार पर मूल्यांकन करना है कि उनमें सीखने की क्षमता कितनी है। इसमें छात्रों को रोजगार या अपना काम शुरू करने की ट्रेनिंग भी मिलेगी।
दुनियाभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में हैं 6 से 12 लेवल
दुनियाभर में सबसे अधिक स्कॉटलैंड का 12 लेवल है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, मलयेशिया, न्यूजीलैंड का लेवल 10 है। वही, इंडोनेशिया का 9 है, तो यूरोपीय देशों में यह 8 लेवल है। हांगकांग, सिंगापुर 7 लेवल और थाईलैंड 6 लेवल पर पढ़ाई करवाता है। अब यदि कोई छात्र विदेशी विश्वविद्यालय से ड्यूल डिग्री और ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए जाता है तो उसे अब दिक्कत नहीं होगी। यूजीसी के इस एनएचईक्यूएफ में बदलाव के चलते भारतीय उच्च शिक्षा में भी क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क एक समान होगा। इसके अलावा भारतीय शिक्षण संस्थानों में भी छात्र पढ़ाई के बीच में किसी भी एरिया या कोर्स का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें दिक्कत नहीं होगी।
छात्रों की सुविधा के लिए एनएचईक्यूएफ में रिफॉर्म
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में सभी छात्रों को एक समान मौके उपलब्ध करवाने के लिए नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) में बड़ा रिफॉर्म किया जा रहा है। पहले यह पांच से 10 लेवल का था। इसी को अब 4.5 से लेकर 8 लेवल तक किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में एक समान क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क लेवल होने से छात्रों को सबसे अधिक लाभ होगा। वे संस्थान से लेकर किसी भी प्रोग्राम में आ-जा सकेंगे। इसी मुद्दे पर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कॉलेज प्रिंसिपल के साथ 25 मई को वर्चुअल बैठक बुलाई गई है। इस पर हितधारकों के साथ कुल चार बैठक होंगी, ताकि नीति लागू करने में किसी प्रकार के कोई दिक्कत न हो। – प्रो. एम जगदीश कुमार, अध्यक्ष, यूजीसी।