मैं इटावा से हूँ मुझे बजट में क्या मिला ?

विपक्ष ने राजनैतिक द्वेषभावना का आरोप लगाया, बजट के नाम पर जिले को धोखा मिला …
मैं इटावा से हूँ मुझे बजट में क्या मिला - Dainik Bhaskar
मैं इटावा से हूँ मुझे बजट में क्या मिला ….

इटावा जिले को बजट में किसी प्रकार की घोषणा न होने से विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस बजट पर निशाना साधा है। आज योगी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश हुआ है जिसमें जिले के कोई घोषणा न होने से लोगों में मायूसी है तो वही विपक्षियों ने सरकार की मंशा पर आरोप लगाए है। जिले को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट कपड़े की सूची में रखा गया है। साथ ही इटावा सफारी पार्क ने जिले को विश्व पर्यटन के पटल पर एक पहचान दिलाई है लेकिन इस बजट से पार्क भी वंचित रहा। स्वास्थ्य, स्पोर्ट्स, पर्यटन, बुनकर व्यापारी बजट से नाखुश दिखे।

जिले को सरकार के बजट में नही मिला स्थान

यूपी सरकार के द्वारा आज विधानसभा में मंत्री सुरेश खन्ना ने पहला बजट पेश किया है। इस बजट को प्रदेश का अब तक का ऐतिहासिक बजट बताते हुए सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है इस बजट में सरकार ने कई घोषणाएं की हैं। लेकिन इटावा जिले को इस बजट से दूर रखा गया है जिसके चलते विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के इस बजट को और इटावा जिले को कुछ ना देने पर हमला बोलते हुए राजनीतिक द्वेष भावना का आरोप लगाते हुए जिले को बजट से वंचित रखने की बात कही है।

 

पावर लूम

बुनकरों उद्योग पावर हैंडलूम

इटावा जिला को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट में कपड़े के काम के लिए चुना गया था। जिले का बनाया हुआ पावर हैंडलूम से निर्मित कपड़ा देश प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर निर्यात किया जाता है उसके लिए इटावा की एक अलग पहचान भी है लेकिन इस बजट में बुनकरों के लिए कोई बजट में जगह नहीं दी गई इससे जिले में रहने वाला हजारों बुनकरों के हाथ मायूस लगी है।

इटावा सफारी पार्क

इटावा सफारी पार्क

विश्व पर्यटन के मानचित्र पर जिले की पहचान बनाने वाला इटावा सफारी पार्क भी फिर से इस बार बजट से वंचित रहा है जबकि सफारी अधिकारियों के मुताबिक सफारी को बजट की आवश्यकता है लेकिन सरकार के इस बजट में सफारी को भी कोई स्थान नहीं मिला है। इससे भी कही न कही सफारी अधिकारियों कर्मचारियों में काफी निराशा देखने को मिली है।

 

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी

सैफ़ई मेडिकल यूनिवर्सिटी

उत्तरप्रदेश आयुर्विज्ञान मेडिकल यूनिवर्सिटी को भी सरकार के इस बजट में निराशा हाथ लगी है मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में मेडिकल यूनिवर्सिटी बनी हुई है जिसमें मैनपुरी, औरैया, एटा, कन्नौज, भिंड, इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद जिले के मरीज बड़ी तादाद में इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन योगी सरकार के इस बजट में मेडिकल यूनिवर्सिटी को भी कोई स्थान नहीं दिया गया है।

पचनदा

चम्बल सेंचुरी पचनदा संगम

इटावा जिले के चंबल सेंचुरी भिहड़ी इलाके में पांच नदियों का संगम होता है जिसको पचनदा भी कहा जाता है यह एक धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है इस पांच नदियों के संगम पर बांध बनाए जाने की लंबे समय से मांग चल रही है जिससे कि कभी दस्यु प्रभावित रहे और मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे इस क्षेत्र का विकास हो सके लेकिन सरकार के इस बजट में पचनदा के लिए भी सरकार की ओर से बजट में कोई स्थान नहीं दिया गया है।

मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज

ध्यानचंद्र स्पोर्ट्स कॉलेज

सैफई में मेजर ध्यान चंद्र स्पोर्ट्स कॉलेज स्थित है सरकार ने हर जिले में स्पोर्ट्स कॉलेज खोलने का बजट में प्रावधान इस बार किया है लेकिन जिले का एक स्पोर्ट्स कॉलेज इस पर सरकार के द्वारा बजट में कोई भी स्थान नहीं दिया गया है जिससे कि स्पोर्ट्स कॉलेज में रहने वाले छात्रों में काफी मायूसी देखने को मिली है।

इंटरनेशनल स्टेडियम

सैफ़ई इंटरनेशनल स्टेडियम

सैफई में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम बनकर तैयार है लेकिन सरकार के द्वारा इस बार भी इस स्टेडियम के लिए कोई भी घोषणा नहीं की गई जिससे कि यह इंटरनेशनल स्टेडियम अपनी पहचान बना सके अरबों रुपए की लागत से यह स्टेडियम सपा सरकार में बनवाया गया था लेकिन योगी सरकार के बजट में इंटरनेशनल स्टेडियम को भी बजट में कोई स्थान नहीं दिया गया है।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने जिले को बजट में कुछ भी ना देने को लेकर खासी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार ने इटावा को इस बजट में कहीं स्थान नहीं दिया है जिससे कि ऐसा पता चलता है कि योगी सरकार जिले के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैये पिछले कार्यकाल से अपनाये हुए है।जिले के सरकारी संस्थानों और जिले के लोगों की उपेक्षा लगातार की जा रही रही है।

सपा वरिष्ठ नेता उदय भान सिंह के मुताबिक यह बजट महज एक मजाक साबित होगा सरकार के द्वारा इस बजट में कोई खास चीजे नही दिखी, साथ ही हमारे जिला इटावा को इस बजट से कोई भी लाभ मिलता नहीं दिख रहा है इससे सरकार की मंशा पता चलती है कि सरकार किस तरीके की राजनैतिक द्वेशभावना को लेकर प्रदेश में काम कर रही है।

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