पर्यावरण विरोधी कलेक्टर को हटाया जाये : मुदगल
भिण्ड।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम के जिला प्रभारी अर्पित मुदगल ने गौरी सरोवर किनारे वृक्षों को बचाने के लिये आंदोलनरत पर्यावरण प्रेमियों पर “शासकीय कार्य में बाधा” डालने की गई प्रशासनिक कार्यवाही को मानवीय कार्य में बाधा बताते हुए कहा है इस मामले में भिण्ड कलेक्टर का रवैया पूरी तरह पर्यावरण विरोधी रहा है। कलेक्टर की यह कार्यवाही देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई जो सदैव पर्यावरण की चिंता करने की गुहार भारतवासीयों से करते हैं बल्कि यह कार्यवाही पर्यावरण हितैषी मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी की गई है जो लगातार 4 बार मुख्यमंत्री कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चिंतित रहते हैं । ऐसे में पर्यावरण विरोधी माने जा रहे भिण्ड कलेक्टर सतीष कुमार एस को तुरंत हटाने की कार्यवाही होनी चाहिए।
अगर प्रशासनिक कार्यवाही करना ही है तो नगरपालिका अधिकारीयों पर करें जो अनावश्यक रूप से सीवर कम्पनी के संरक्षणकर्ता बनकर बैठे हैं जिसके कारण पूरे शहर भर के आम नागरिक दो वर्ष से ज्यादा नारकीय जीवन जीने को मजबूर है तथा जिन अधिकारियों की नीरसता के कारण समूचा गौरी सरोवर दबंगो तथा भूमाफियाओं ने उसकी सीमाओं को समेट कर छोटा कर अनाधिकृत कब्जा कर लिया । अगर प्रशासनिक क्षमता है तो शिक्षा विभाग के उन अधिकारियों पर कार्यवाही करें जिन्होंने बच्चों की खेल सामग्री में घोटाला किया है तथा उन ठेकेदारों पर कार्यवाही कीजिये जो घटिया निर्माण कर मोटा कमीशन अधिकारियों कर्मचारियों को देकर आमजन को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर रहे है , तो निश्चित रूप से आपकी कार्यवाही जिले के लिए एक आदर्श नजीर बनेगी परन्तु दुर्भाग्य आपने संविधान को ताक पर रख कर मनमानी करने वाले लोकसेवक बन कर एकदम लोकतंत्र के विरोध कृत्य कर अपनी संकीर्ण मानसिकता जाहिर की है। पर्यावरण संरक्षण की चिंता करने बालों के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाही के मुकदमे को शीघ्र वापस लिया जाये, अन्यथा आपका यह कृत्य केंद्र व प्रदेश सरकार के मुखियाओं की मंशाओं के खिलाफ जनविरोधी कदम उठाना समझा जाये।
भाजपा नेता श्री मुदगल ने ईश्वरीय कार्यरत में जुटे पर्यावरण संरक्षणकर्ताओं पर दर्ज की गयी एफआईआर की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा पर्यावरण प्रेमियों की चिंता जायज है जब समाजसेवी लोकतांत्रिक ढंग से वृक्ष बचाओ आंदोलन के लिये जिलाधीश महोदय को जनहित में ज्ञापन देने आये तो उन्हें जनहित की बात सुनना चाहिए तथा समस्या के निराकरण करना चाहिए।लेकिन अपनी हठधर्मिता के चलते आंदोलनकर्ताओं की बात न सुनना तथा उन मासूमों पर एफआईआर दर्ज करवाकर कलेक्टर महोदय ने मप्र शासन के मुखिया की मंशाओं के विपरीत आमजन की आवाज दबाने तथा पर्यवरण संरक्षण विरोधी जो कुत्सित प्रयास किया यह सरासर निंदनीय है।ऐसे पर्यावरण विरोधी कलेक्टर को शीघ्र हटाये जाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से माँग करते हैं
अर्पित मुदगल, जिला प्रभारी “मन की बात”